पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 10, 11 और 12 : प्रशासनिक ढाँचा और कार्यालय संचालन की निरंतरता

Himanshu Mishra

21 July 2025 10:36 AM IST

  • पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 10, 11 और 12 : प्रशासनिक ढाँचा और कार्यालय संचालन की निरंतरता

    धारा 10. Registrar की अनुपस्थिति या उसके कार्यालय में रिक्ति (Absence of Registrar or vacancy in his office)

    यह धारा रजिस्ट्रार (Registrar) की अनुपस्थिति (absence) या उसके कार्यालय में अस्थायी रिक्ति (temporary vacancy) की स्थिति में कौन उसके कर्तव्यों का पालन करेगा, इस पर प्रकाश डालती है।

    उपधारा (1) उन रजिस्ट्रारों के लिए है जो प्रेसिडेंसी-टाउन (Presidency-town) (जैसे मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) वाले जिलों के रजिस्ट्रार नहीं हैं। यदि ऐसा रजिस्ट्रार अपने जिले में ड्यूटी पर न होकर किसी और कारण से अनुपस्थित है, या उसका पद अस्थायी रूप से खाली है, तो महानिरीक्षक (Inspector-General) द्वारा नियुक्त कोई भी व्यक्ति इस अवधि के लिए रजिस्ट्रार का कार्यभार संभालेगा।

    यदि महानिरीक्षक ऐसी कोई नियुक्ति नहीं करते हैं, तो उस जिला न्यायालय (District Court) का न्यायाधीश (Judge) जिसके अधिकार क्षेत्र (jurisdiction) में रजिस्ट्रार का कार्यालय स्थित है, रजिस्ट्रार का पद संभालेगा। यह व्यवस्था तब तक चलेगी जब तक रजिस्ट्रार वापस नहीं आ जाता या राज्य सरकार (State Government) उस रिक्ति को भर नहीं देती।

    उदाहरण के लिए, अगर राजस्थान के अजमेर जिले के रजिस्ट्रार छुट्टी पर हैं और महानिरीक्षक (Inspector-General) किसी को उनकी जगह नियुक्त नहीं करते हैं, तो अजमेर जिला न्यायालय के न्यायाधीश अस्थायी रूप से रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे।

    उपधारा (2) प्रेसिडेंसी-टाउन (Presidency-town) वाले जिलों के रजिस्ट्रारों से संबंधित है। यदि ऐसे रजिस्ट्रार अपने जिले में ड्यूटी पर न होकर अनुपस्थित हैं, या उनका पद अस्थायी रूप से खाली है, तो इस स्थिति में केवल महानिरीक्षक (Inspector-General) द्वारा नियुक्त व्यक्ति ही रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा।

    यहाँ जिला न्यायालय (District Court) के न्यायाधीश का विकल्प नहीं दिया गया है। यह व्यवस्था भी तब तक जारी रहती है जब तक रजिस्ट्रार वापस नहीं आ जाता या राज्य सरकार (State Government) उस रिक्ति को भर नहीं देती।

    उदाहरण के लिए, यदि मुंबई के रजिस्ट्रार लंबी छुट्टी पर हैं, तो महानिरीक्षक (Inspector-General) ही किसी व्यक्ति को उनकी जगह नियुक्त करेंगे, और वह व्यक्ति तब तक रजिस्ट्रार का कार्यभार संभालेगा जब तक मुंबई रजिस्ट्रार वापस नहीं आ जाते या राज्य सरकार (State Government) नए रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं कर देती।

    धारा 11. रजिस्ट्रार का अपने जिले में ड्यूटी पर अनुपस्थित रहना (Absence of Registrar on duty in his district)

    यह धारा उस स्थिति से निपटती है जब कोई रजिस्ट्रार अपने कार्यालय से अपने जिले में ही ड्यूटी पर (on duty in his district) अनुपस्थित होता है। ऐसी स्थिति में, रजिस्ट्रार किसी भी उप-रजिस्ट्रार (Sub-Registrar) या अपने जिले के किसी अन्य व्यक्ति को अपनी अनुपस्थिति के दौरान रजिस्ट्रार के सभी कर्तव्यों (duties) का पालन करने के लिए नियुक्त कर सकता है।

    हालाँकि, इसमें एक महत्वपूर्ण अपवाद (exception) है: वे धारा 68 और 72 (sections 68 and 72) में उल्लिखित कर्तव्यों का पालन नहीं कर सकते। ये धाराएँ आमतौर पर अपील (appeals) सुनने या रजिस्ट्रारों को कुछ मामलों में पर्यवेक्षण (supervision) और नियंत्रण शक्तियाँ (control powers) देने से संबंधित होती हैं, जो प्रकृति में अधिक न्यायिक या उच्च-स्तरीय होती हैं। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि जब रजिस्ट्रार क्षेत्र के दौरे या अन्य आधिकारिक कार्यों में व्यस्त हों, तब भी कार्यालय का काम सुचारु रूप से चलता रहे।

    उदाहरण के लिए, यदि जयपुर के रजिस्ट्रार अपने जिले के ग्रामीण इलाकों में भूमि रिकॉर्ड का निरीक्षण करने गए हैं, तो वे जयपुर के किसी उप-रजिस्ट्रार को अपने कार्यालय के सामान्य पंजीकरण कार्यों को संभालने के लिए अधिकृत कर सकते हैं। लेकिन यदि किसी दस्तावेज़ को पंजीकृत करने से इनकार करने के खिलाफ कोई अपील आती है (जो धारा 72 के तहत आती है), तो वह उप-रजिस्ट्रार उस अपील को नहीं सुन सकता।

    12. उप-रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति या उसके कार्यालय में रिक्ति (Absence of Sub-Registrar or vacancy in his office)

    यह धारा उप-रजिस्ट्रार (Sub-Registrar) की अनुपस्थिति या उसके कार्यालय में अस्थायी रिक्ति (temporary vacancy) की स्थिति को संबोधित करती है। जब कोई उप-रजिस्ट्रार अनुपस्थित होता है या उसका पद अस्थायी रूप से खाली होता है, तो जिले का रजिस्ट्रार (Registrar) इस संबंध में किसी भी व्यक्ति को उप-रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त कर सकता है।

    यह व्यक्ति ऐसी अनुपस्थिति के दौरान या रिक्ति भरे जाने तक उप-रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा। यह सुनिश्चित करता है कि उप-जिला स्तर पर भी पंजीकरण सेवाएँ बिना किसी बड़ी बाधा के जारी रहें।

    उदाहरण के लिए, यदि जयपुर उत्तर उप-जिले के उप-रजिस्ट्रार बीमारी के कारण छुट्टी पर हैं, तो जयपुर के रजिस्ट्रार उसी उप-जिले के किसी अन्य योग्य व्यक्ति या यहां तक कि एक अन्य सरकारी अधिकारी को अस्थायी उप-रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त कर सकते हैं जब तक कि मूल उप-रजिस्ट्रार वापस नहीं आ जाता या नया उप-रजिस्ट्रार नियुक्त नहीं हो जाता।

    13. धारा 10, 11 और 12 के तहत नियुक्तियों की राज्य सरकार को रिपोर्ट (Report to State Government of appointments under sections 10, 11 and 12)

    इस धारा में पिछली धाराओं के तहत की गई अस्थायी नियुक्तियों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। उपधारा (1) कहती है कि धारा 10, धारा 11 या धारा 12 (sections 10, 11 or 12) के तहत की गई सभी नियुक्तियों की सूचना महानिरीक्षक (Inspector-General) द्वारा राज्य सरकार (State Government) को दी जाएगी।

    यह प्रावधान पारदर्शिता (transparency) सुनिश्चित करता है और राज्य सरकार को पंजीकरण विभाग के प्रशासनिक परिवर्तनों के बारे में सूचित रखता है। उपधारा (2) आगे बताती है कि ऐसी रिपोर्ट या तो विशेष (specific) हो सकती है या सामान्य (general), जैसा कि राज्य सरकार (State Government) निर्देश देती है। इसका मतलब है कि सरकार आवश्यकतानुसार विस्तृत या संक्षिप्त रिपोर्ट मांग सकती है।

    उदाहरण के लिए, यदि अजमेर के रजिस्ट्रार के स्थान पर जिला न्यायाधीश ने अस्थायी रूप से कार्यभार संभाला है, तो महानिरीक्षक (Inspector-General) इस विशिष्ट घटना की रिपोर्ट राज्य सरकार को देंगे। यदि राज्य सरकार को केवल एक मासिक सारांश (monthly summary) चाहिए कि कितनी अस्थायी नियुक्तियाँ की गईं, तो महानिरीक्षक एक सामान्य रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं।

    14. पंजीकरण अधिकारियों के प्रतिष्ठान (Establishments of registering officers)

    इस धारा का उपधारा (2) राज्य सरकार (State Government) को इस अधिनियम के तहत विभिन्न कार्यालयों के लिए उचित प्रतिष्ठान (establishments), यानी आवश्यक कर्मचारी (staff) और संसाधनों (resources) की अनुमति देने का अधिकार देती है। यह सुनिश्चित करता है कि पंजीकरण कार्यालयों के पास अपने कार्यों को कुशलतापूर्वक (efficiently) करने के लिए पर्याप्त मैनपावर और अन्य आवश्यक सुविधाएँ हों।

    उदाहरण के लिए, राज्य सरकार किसी नए उप-रजिस्ट्रार कार्यालय के लिए अतिरिक्त क्लर्क, कंप्यूटर और फर्नीचर आवंटित (allocate) करने की अनुमति दे सकती है ताकि वह ठीक से काम कर सके।

    ये धाराएँ मिलकर यह सुनिश्चित करती हैं कि पंजीकरण प्रक्रियाएँ सुचारू रूप से चलती रहें, भले ही प्रमुख अधिकारी अस्थायी रूप से अनुपस्थित हों या उनके पदों पर रिक्तियाँ हों। यह प्रशासनिक निरंतरता (administrative continuity) के लिए महत्वपूर्ण है।

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