आर्म्स एक्ट की धारा 45: कब यह कानून लागू नहीं होता?

Himanshu Mishra

21 Jan 2025 5:21 PM IST

  • आर्म्स एक्ट की धारा 45: कब यह कानून लागू नहीं होता?

    आर्म्स एक्ट, 1959 भारत में हथियारों और गोला-बारूद (arms and ammunition) के स्वामित्व, निर्माण और उपयोग को नियंत्रित करता है। यह कानून जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू किया गया है।

    हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों और व्यक्तियों पर यह कानून लागू नहीं होता। इन अपवादों (exemptions) को धारा 45 में विस्तार से बताया गया है। यह लेख इन अपवादों को सरल हिंदी में समझाने का प्रयास करता है ताकि कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से समझ सके।

    धारा 45 का उद्देश्य और दायरा (Scope of Section 45)

    धारा 45 के अनुसार, कुछ विशेष प्रकार के हथियार और गोला-बारूद तथा उनसे जुड़े कार्यों को आर्म्स एक्ट से बाहर रखा गया है। इसका मतलब यह है कि इन श्रेणियों में आने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं को इस कानून के नियमों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती। अब हम इन अपवादों को विस्तार से समझेंगे।

    जहाजों और विमानों पर मौजूद हथियार (Arms on Ships and Aircraft)

    धारा 45 का क्लॉज (Clause) (a) यह स्पष्ट करता है कि समुद्री जहाजों (sea-going vessels) और विमानों (aircraft) पर मौजूद ऐसे हथियार और गोला-बारूद, जो उनकी सामान्य सुरक्षा या उपकरण (equipment) का हिस्सा हैं, इस कानून के तहत नहीं आते। यह इसलिए है क्योंकि ये हथियार जहाज या विमान की सुरक्षा और संचालन के लिए आवश्यक होते हैं।

    उदाहरण के लिए, यदि एक कार्गो जहाज समुद्री लुटेरों (pirates) से सुरक्षा के लिए हथियार रखता है, तो वे हथियार आर्म्स एक्ट के तहत नहीं आएंगे। इसी प्रकार, किसी विमान में सुरक्षा दल के पास मौजूद हथियार भी इस कानून से बाहर होंगे।

    केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कार्य (Activities Approved by Central Government)

    धारा 45 का क्लॉज (b) यह कहता है कि यदि केंद्र सरकार के आदेश पर हथियारों और गोला-बारूद का अधिग्रहण (acquisition), निर्माण (manufacture), मरम्मत (repair), परीक्षण (test), बिक्री (sale), आयात (import) या निर्यात (export) किया जाता है, तो यह कानून उन पर लागू नहीं होगा।

    उदाहरण के लिए, यदि केंद्र सरकार किसी कंपनी को सेना के लिए हथियार बनाने की अनुमति देती है, तो उस कंपनी की गतिविधियां इस कानून के दायरे में नहीं आएंगी। इसी प्रकार, राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) के लिए आयातित या निर्यातित हथियारों को भी छूट दी जाएगी।

    लोक सेवकों और विशेष संगठनों के लिए छूट (Exemption for Public Servants and Organizations)

    क्लॉज (b)(ii) के तहत, ऐसे लोक सेवक (public servant) जो अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान हथियार रखते हैं, इस कानून से छूट प्राप्त करते हैं। यह छूट पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों को उनकी ड्यूटी पूरी करने में सहायक होती है।

    क्लॉज (b)(iii) के अनुसार, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army), या केंद्र सरकार द्वारा अधिनियमित किसी अन्य बल (force) के सदस्य भी इस कानून से छूट प्राप्त करते हैं, जब वे अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन कर रहे होते हैं।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई एनसीसी कैडेट शूटिंग अभ्यास में हिस्सा ले रहा है, तो उसके द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियार इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे।

    पुराने और अनुपयोगी हथियार (Antique and Non-Functional Weapons)

    धारा 45 का क्लॉज (c) यह कहता है कि जो हथियार पुराने डिजाइन (obsolete pattern) के हैं, प्राचीन महत्व (antiquarian value) के हैं, या ऐसे खराब स्थिति में हैं कि उनका उपयोग नहीं किया जा सकता, वे इस कानून से बाहर हैं।

    उदाहरण के लिए, एक संग्रहालय में प्रदर्शित 19वीं सदी की बंदूक या किसी निजी संग्रहकर्ता (collector) के पास मौजूद पुराना हथियार, जो अब कार्यशील नहीं है, इस कानून के तहत नहीं आएगा।

    अन्य धाराओं के साथ संबंध (Relation with Other Sections)

    धारा 45 अन्य धाराओं के साथ सामंजस्य स्थापित करती है। उदाहरण के लिए, धारा 3 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को हथियार रखने के लिए लाइसेंस (license) की आवश्यकता होती है।

    लेकिन धारा 45 यह स्पष्ट करती है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में यह नियम लागू नहीं होता। इसी प्रकार, धारा 41 के तहत केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित (public interest) में छूट देने का अधिकार है, जो धारा 45 में दी गई छूटों के अनुरूप है।

    व्यावहारिक उदाहरण (Practical Illustrations)

    धारा 45 को बेहतर ढंग से समझने के लिए निम्नलिखित उदाहरणों पर विचार करें:

    1. जहाज पर सुरक्षा के लिए हथियार: एक कार्गो जहाज, जो समुद्री डाकुओं के खतरे वाले क्षेत्र से गुजर रहा है, अपने सुरक्षा उपकरण के रूप में हथियार रखता है। ये हथियार आर्म्स एक्ट के तहत नहीं आते।

    2. सरकारी रक्षा निर्माण: केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत एक कंपनी भारतीय सेना के लिए हथियार बना रही है। इस गतिविधि पर आर्म्स एक्ट लागू नहीं होता।

    3. पुलिस ड्यूटी: एक पुलिस अधिकारी, जो गश्त (patrol) के दौरान अपनी सर्विस रिवॉल्वर (service revolver) का उपयोग करता है, इस कानून के नियमों से छूट प्राप्त करता है।

    4. प्राचीन हथियार संग्रह: एक निजी संग्रहकर्ता के पास एक पुरानी, खराब स्थिति वाली बंदूक है। यह हथियार इस कानून के तहत नहीं आएगा।

    धारा 45 का महत्व और उद्देश्य (Importance and Purpose of Section 45)

    धारा 45 का उद्देश्य उन गतिविधियों और व्यक्तियों को छूट देना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून व्यवस्था और ऐतिहासिक संरक्षण (historical preservation) के लिए आवश्यक हैं। यह सुनिश्चित करता है कि कानून की जटिलताएं आवश्यक कार्यों में बाधा न बनें।

    चुनौतियां और सुरक्षा उपाय (Challenges and Safeguards)

    हालांकि धारा 45 आवश्यक छूट प्रदान करती है, लेकिन इसका दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त निगरानी (strict monitoring) जरूरी है। उदाहरण के लिए, यह सुनिश्चित करना कि जहाजों और विमानों पर रखे गए हथियार केवल सुरक्षा के लिए हैं, अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    केंद्र सरकार को इन छूटों का निरीक्षण (inspection) और नियमित ऑडिट (audit) करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इनका सही उपयोग हो रहा है।

    आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 45 उन विशेष परिस्थितियों को परिभाषित करती है, जहां यह कानून लागू नहीं होता। यह प्रावधान (provision) राष्ट्रीय सुरक्षा, ऐतिहासिक महत्व के हथियारों के संरक्षण, और लोक सेवकों के कर्तव्यों को सरल बनाता है।

    हालांकि, इन छूटों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता (vigilance) और पारदर्शिता (transparency) आवश्यक है। इस प्रकार, धारा 45 कानून के व्यापक ढांचे को संतुलित और व्यावहारिक बनाती है।

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