धारा 40-A, राजस्थान आबकारी अधिनियम: राजस्व की विशेष वसूली का प्रावधान
Himanshu Mishra
21 Jan 2025 5:27 PM IST

राजस्थान आबकारी अधिनियम की धारा 40-A में राज्य सरकार को आबकारी राजस्व (Excise Revenue) की वसूली के लिए एक विशेष प्रक्रिया प्रदान की गई है। यह प्रावधान उन मामलों में लागू होता है, जहां डिफॉल्टर (Defaulter) समय पर राजस्व का भुगतान नहीं करता।
इस धारा के तहत, जिला आबकारी अधिकारी (District Excise Officer) को यह अधिकार दिया गया है कि वे ऐसे व्यक्तियों से वसूली कर सकें, जो डिफॉल्टर को पैसे देने वाले हों। यह लेख धारा 40-A की हर बारीकी को सरल हिंदी में समझाता है।
डिफॉल्टर का अर्थ (Meaning of Defaulter)
धारा 40-A के अंतर्गत, डिफॉल्टर उस व्यक्ति को कहते हैं जो:
1. आबकारी राजस्व या राज्य सरकार को किसी अनुबंध (Contract) के तहत देय राशि का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार हो।
2. निर्धारित समय सीमा तक भुगतान न करे।
3. डिफॉल्टर का गारंटर (Surety) भी इस परिभाषा में शामिल है, जिससे गारंटर भी जिम्मेदार बनता है।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी शराब की बिक्री के लाइसेंस धारक ने समय पर फीस का भुगतान नहीं किया, तो वह डिफॉल्टर कहलाएगा। इसी प्रकार, यदि गारंटर ने उस लाइसेंस धारक के लिए गारंटी दी है, तो वह भी जिम्मेदार होगा।
जिला आबकारी अधिकारी के अधिकार (Powers of District Excise Officer)
धारा 40-A के तहत, जिला आबकारी अधिकारी को विशेष अधिकार दिए गए हैं कि वे डिफॉल्टर से जुड़ी देय राशि को तीसरे पक्ष (Third Party) से वसूल कर सकते हैं। यह अधिकार किसी भी अन्य कानून, अनुबंध, या प्रावधान से ऊपर है। इसके तहत निम्नलिखित प्रावधान आते हैं:
1. तीसरे पक्ष को नोटिस जारी करना (Issuing Notice to Third Party)
जिला आबकारी अधिकारी उस व्यक्ति को लिखित नोटिस (Notice) जारी कर सकते हैं:
• जो डिफॉल्टर को पैसे देने वाला हो या भविष्य में दे सकता हो।
• जो डिफॉल्टर के लिए पैसे रखता हो या भविष्य में रख सकता हो।
इस नोटिस में तीसरे पक्ष को निर्देश दिया जाता है कि वह डिफॉल्टर को भुगतान करने के बजाय वह राशि सरकारी खजाने (Government Treasury) में जमा करे। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया जाता है कि कितनी राशि जमा करनी है।
2. नोटिस की प्रति डिफॉल्टर को भेजना (Copy of Notice to Defaulter)
पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, नोटिस की एक प्रति डिफॉल्टर को उसके पते पर भेजी जाती है।
वसूली प्रक्रिया में लचीलापन (Flexibility in Recovery Process)
धारा 40-A में वसूली प्रक्रिया को लचीला बनाया गया है ताकि सभी पक्षों की परिस्थितियों का ध्यान रखा जा सके:
1. नोटिस में संशोधन या रद्द करना (Amendment or Revocation of Notice)
जिला आबकारी अधिकारी नोटिस में कभी भी संशोधन कर सकते हैं या इसे रद्द कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि नोटिस में राशि गलत है, तो इसे ठीक किया जा सकता है।
2. भुगतान की समय सीमा बढ़ाना (Extension of Payment Deadline)
अधिकारी भुगतान की समय सीमा तीन महीने तक बढ़ा सकते हैं। यह तीसरे पक्ष को पैसे की व्यवस्था करने और नोटिस का पालन करने के लिए पर्याप्त समय देता है।
तीसरे पक्ष के अधिकार और सुरक्षा (Rights and Protection of Third Party)
धारा 40-A यह सुनिश्चित करती है कि नोटिस का पालन करने वाले तीसरे पक्ष को डिफॉल्टर के साथ किसी भी कानूनी विवाद से बचाया जाए।
1. अधिकारित भुगतान (Authorized Payment):
नोटिस का पालन करते हुए की गई कोई भी भुगतान डिफॉल्टर के अधिकार के तहत किया गया माना जाएगा। खजाने से प्राप्त रसीद या बैंक चालान (Challan) उस भुगतान का प्रमाण होगा।
2. डिफॉल्टर को भुगतान पर दायित्व (Liability for Payment to Defaulter):
यदि नोटिस प्राप्त करने के बाद तीसरा पक्ष डिफॉल्टर को भुगतान करता है, तो वह राज्य सरकार के प्रति व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा। यह जिम्मेदारी निम्नलिखित में से कम राशि तक सीमित होगी:
o डिफॉल्टर को दी गई राशि।
o नोटिस में निर्दिष्ट राशि।
उदाहरण के लिए, यदि किसी तीसरे पक्ष ने नोटिस प्राप्त होने के बाद डिफॉल्टर को ₹30,000 का भुगतान किया, तो वह सरकार के प्रति ₹30,000 का उत्तरदायी होगा।
नोटिस को चुनौती देने का अधिकार (Right to Contest the Notice)
तीसरे पक्ष को नोटिस को चुनौती देने का अधिकार दिया गया है। यदि तीसरा पक्ष यह साबित कर सके कि:
• मांगी गई राशि डिफॉल्टर को देय नहीं है।
• उसके पास डिफॉल्टर के लिए कोई पैसा नहीं है।
तो वह राशि भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं होगा।
उदाहरण के लिए, यदि डिफॉल्टर का कोई व्यावसायिक साझेदार यह साबित कर दे कि उसने डिफॉल्टर को कोई पैसा नहीं देना है, तो वह नोटिस का पालन करने से मुक्त हो जाएगा।
प्रक्रिया का उदाहरण (Illustration of the Process)
आइए, इस प्रक्रिया को एक उदाहरण के माध्यम से समझें:
1. एक लाइसेंस धारक, श्री शर्मा, राज्य सरकार को ₹1,00,000 का आबकारी राजस्व देना भूल जाते हैं।
2. जिला आबकारी अधिकारी, श्री वर्मा, को पहचानते हैं, जो श्री शर्मा को ₹60,000 का भुगतान करने वाले हैं।
3. अधिकारी श्री वर्मा को नोटिस जारी करते हैं, जिसमें उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वे ₹60,000 सरकारी खजाने में जमा करें। नोटिस की एक प्रति श्री शर्मा को भी भेजी जाती है।
4. श्री वर्मा नोटिस का पालन करते हैं, राशि जमा करते हैं, और खजाने से रसीद प्राप्त करते हैं। अब वे श्री शर्मा को ₹60,000 का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
5. शेष ₹40,000 के लिए सरकार अन्य वसूली उपायों का उपयोग कर सकती है।
अन्य वसूली उपायों पर प्रभाव (Effect on Other Recovery Methods)
धारा 40-A स्पष्ट रूप से कहती है कि यह प्रावधान अन्य वसूली उपायों को प्रभावित नहीं करता। यदि इस धारा के तहत वसूली की गई राशि अपर्याप्त है, तो सरकार अन्य कानूनी प्रक्रियाओं का सहारा ले सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि सरकार इस प्रक्रिया के तहत ₹60,000 वसूल करती है, लेकिन डिफॉल्टर अभी भी ₹40,000 का बकाया है, तो सरकार संपत्ति जब्त करने जैसे अन्य उपाय कर सकती है।
धारा 40-A का महत्व (Importance of Section 40-A)
धारा 40-A एक मजबूत प्रावधान है, जो राज्य सरकार को आबकारी राजस्व की प्रभावी वसूली में मदद करता है। यह डिफॉल्टर से जुड़े तीसरे पक्ष से सीधे वसूली की अनुमति देता है, जिससे देरी को रोका जा सकता है। साथ ही, यह तीसरे पक्ष के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें अनुचित मांगों को चुनौती देने का अवसर देता है।
अंत में, धारा 40-A यह सुनिश्चित करती है कि सरकार की राजस्व वसूली प्रक्रिया कुशल हो और सभी पक्षों के लिए न्यायपूर्ण बनी रहे। यह प्रावधान वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और सार्वजनिक राजस्व को समय पर एकत्र करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।