धारा 304 और 305 भारतीय न्याय संहिता, 2023 में चोरी, छीनाझपटी और विशेष परिस्थितियों में चोरी की व्याख्या
Himanshu Mishra
16 Nov 2024 6:57 PM IST
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) चोरी से जुड़े अपराधों के लिए विस्तृत प्रावधान प्रस्तुत करती है। इसके तहत धारा 304 और 305 में छीनाझपटी (Snatching) और विशेष परिस्थितियों में चोरी के मामलों को समझाया गया है। इन प्रावधानों का उद्देश्य व्यक्तिगत, सार्वजनिक संपत्ति और सामाजिक संस्थानों की सुरक्षा करना और कड़ी सजा देकर अपराधों को रोकना है।
धारा 304: चोरी के रूप में छीनाझपटी (Snatching)
परिभाषा और तत्व
धारा 304(1) के अनुसार, छीनाझपटी वह अपराध है, जब कोई व्यक्ति चोरी करते समय अचानक, जल्दी या जबरदस्ती किसी व्यक्ति से उसकी चल संपत्ति (Movable Property) छीन लेता है। यह कृत्य आमतौर पर आश्चर्य या बल का उपयोग करता है, जिससे यह सामान्य चोरी से अधिक खतरनाक हो जाता है।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए, कोई व्यक्ति किसी राहगीर के हाथ से उसका फोन अचानक खींच लेता है और भाग जाता है। पीड़ित को संभलने का मौका भी नहीं मिलता। यह कृत्य छीनाझपटी कहलाएगा, क्योंकि इसमें चोरी के साथ-साथ अचानक और बलपूर्वक कार्रवाई शामिल है।
छीनाझपटी के लिए सजा
धारा 304(2) के अनुसार, छीनाझपटी का दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही, दोषी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह प्रावधान इस अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, क्योंकि छीनाझपटी पीड़ित को शारीरिक या मानसिक क्षति पहुंचा सकती है।
धारा 305: विशेष परिस्थितियों में चोरी (Aggravated Theft)
धारा 305 उन चोरी के मामलों पर केंद्रित है, जो विशिष्ट परिस्थितियों में या विशेष प्रकार की संपत्तियों से जुड़े होते हैं। इस धारा में पांच प्रकार की चोरी को परिभाषित किया गया है और इन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
आवासीय भवन या संपत्ति के भंडारण स्थल में चोरी
उपधारा (a) में उन चोरियों का उल्लेख है, जो किसी इमारत, तंबू या जहाज में होती हैं, जहां लोग रहते हैं या जहां संपत्ति रखी जाती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई घर में घुसकर कीमती सामान चुराता है, तो यह अपराध अधिक गंभीर माना जाएगा क्योंकि इसमें निजी स्थान का उल्लंघन शामिल है।
परिवहन साधन की चोरी
उपधारा (b) में उन वाहनों की चोरी का उल्लेख है, जो माल या यात्रियों के परिवहन के लिए उपयोग किए जाते हैं। ऐसे वाहन चुराने से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि व्यापार या सार्वजनिक परिवहन में भी बाधा उत्पन्न होती है।
परिवहन साधन से सामान की चोरी
उपधारा (c) उन वस्तुओं की चोरी पर लागू होती है, जो मालवाहक या यात्री वाहनों से चुराई जाती हैं। जैसे, अगर कोई चलते ट्रक से माल चुराता है, तो यह प्रावधान लागू होगा। यह न केवल ट्रांसपोर्टर को प्रभावित करता है, बल्कि उन लोगों को भी जो सामान प्राप्त करने वाले हैं।
धार्मिक स्थल से मूर्ति या प्रतीक की चोरी
उपधारा (d) में पूजा स्थलों से मूर्तियों या प्रतीकों की चोरी का उल्लेख है। यह चोरी विशेष रूप से गंभीर मानी जाती है क्योंकि यह न केवल संपत्ति का नुकसान करती है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाती है।
सरकारी या स्थानीय निकाय की संपत्ति की चोरी
उपधारा (e) में सरकारी या स्थानीय निकाय की संपत्तियों की चोरी का जिक्र है। ऐसे अपराध जनता का विश्वास तोड़ते हैं और आवश्यक सेवाओं को बाधित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, नगर निगम के किसी उपकरण की चोरी से सार्वजनिक सेवाओं में रुकावट आ सकती है।
विशेष परिस्थितियों में चोरी की सजा
धारा 305 के तहत, विशेष परिस्थितियों में चोरी के लिए सात साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। साथ ही, दोषी को जुर्माना भी देना होगा। यह सख्त सजा इस अपराध की गंभीरता और उसके व्यापक प्रभाव को दर्शाती है।
निष्कर्ष
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 304 और 305 चोरी से जुड़े अपराधों के लिए व्यापक मार्गदर्शन देती हैं। धारा 304 छीनाझपटी को चोरी का एक अधिक खतरनाक और आक्रामक रूप मानती है।
वहीं, धारा 305 विशेष परिस्थितियों में चोरी पर केंद्रित है, जो व्यक्तिगत और सार्वजनिक संपत्तियों को अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। ये प्रावधान उचित सजा सुनिश्चित करते हुए चोरी को रोकने, सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने और व्यक्तियों की संपत्ति की सुरक्षा करने का उद्देश्य रखते हैं।