भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 139: बच्चों का अपहरण और भीख मंगवाने के लिए उनका दुरुपयोग

Himanshu Mishra

20 Aug 2024 6:30 PM IST

  • भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 139: बच्चों का अपहरण और भीख मंगवाने के लिए उनका दुरुपयोग

    भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है और जिसने Indian Penal Code की जगह ली है, में बच्चों के अपहरण (Kidnapping) और उन्हें भीख मंगवाने के उद्देश्य से दुरुपयोग करने से संबंधित गंभीर अपराधों के लिए धारा 139 के तहत कठोर प्रावधान किए गए हैं।

    इस धारा के अंतर्गत, बच्चों का अपहरण, उन्हें विकलांग बनाना, या किसी भी प्रकार से उन्हें भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करना अपराध माना गया है, और इसके लिए कड़ी सजा निर्धारित की गई है।

    भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 139 बच्चों के अपहरण और उनके दुरुपयोग के लिए कठोर सजा का प्रावधान करती है।

    यह धारा न केवल उन लोगों को दंडित करती है जो बच्चों का अपहरण करते हैं, बल्कि उन लोगों को भी सजा देती है जो बच्चों को विकलांग बनाकर या अन्य किसी तरीके से भीख मंगवाने के लिए उनका दुरुपयोग करते हैं।

    इस धारा का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें ऐसे अमानवीय कार्यों से बचाना है, जो उनके जीवन और भविष्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

    इस लेख में, हम इस धारा के प्रावधानों को विस्तार से समझेंगे, उदाहरण देंगे, और पहले की संबंधित धाराओं का संक्षिप्त उल्लेख करेंगे, जो हमने लाइव लॉ हिंदी के पिछले पोस्ट में कवर किए हैं।

    धारा 139(1): भीख मंगवाने के लिए बच्चे का अपहरण

    भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 139(1) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे का अपहरण करता है, या वैध अभिरक्षक (Lawful guardian) न होते हुए भी उस बच्चे की अभिरक्षा प्राप्त करता है, इस उद्देश्य से कि बच्चे को भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल किया जाए, तो उसे कठोर कारावास (Rigorous imprisonment) की सजा दी जाएगी, जो कम से कम दस साल की होगी और आजीवन कारावास (Life imprisonment) तक बढ़ सकती है। इसके अलावा, उसे जुर्माना (fine) भी भरना होगा।

    उदाहरण: मान लीजिए कि कोई व्यक्ति एक नाबालिग बच्चे को उसकी मां की सहमति के बिना अपहरण कर लेता है और उसे सड़कों पर भीख मंगवाने के लिए मजबूर करता है। इस मामले में, वह व्यक्ति धारा 139(1) के तहत अपराधी माना जाएगा और उसे कम से कम दस साल की सजा हो सकती है, जो आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है।

    धारा 139(2): बच्चे को विकलांग बनाना

    धारा 139(2) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे को विकलांग (Maims) बनाता है ताकि उसे भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके, तो उसे कम से कम बीस साल की सजा दी जाएगी, जो आजीवन कारावास (Life imprisonment) तक बढ़ सकती है।

    आजीवन कारावास का मतलब है कि दोषी व्यक्ति को उसके प्राकृतिक जीवन के शेष हिस्से के लिए कारावास में रहना पड़ेगा। इसके अलावा, उसे जुर्माना भी भरना होगा।

    उदाहरण: अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे की बाजू या टांग को जानबूझकर नुकसान पहुँचाता है ताकि वह विकलांग बन जाए और उसे भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल कर सके, तो इस अपराध के लिए उसे धारा 139(2) के तहत कम से कम बीस साल की सजा होगी, जो उसके जीवन के बाकी हिस्सों तक बढ़ सकती है।

    धारा 139(3): भीख मंगवाने के लिए बच्चे का दुरुपयोग

    धारा 139(3) के अंतर्गत, अगर कोई व्यक्ति, जो बच्चे का वैध अभिरक्षक नहीं है, उस बच्चे को भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करता है, तो यह माना जाएगा कि उसने बच्चे का अपहरण किया या उसकी अभिरक्षा प्राप्त की ताकि उसे भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। यह तब तक माना जाएगा जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि ऐसा नहीं है।

    उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे को सड़क के किनारे भीख मांगने के लिए बैठा देता है और वह बच्चे का वैध अभिरक्षक नहीं है, तो यह धारा 139(3) के तहत माना जाएगा कि उसने बच्चे का अपहरण किया है या उसकी अभिरक्षा को अवैध रूप से प्राप्त किया है।

    अब, यह उस व्यक्ति पर निर्भर करेगा कि वह यह साबित करे कि उसने ऐसा नहीं किया है।

    धारा 139(4): भीख मंगवाने की परिभाषा

    धारा 139(4) में "भीख मंगवाने" की परिभाषा दी गई है, जिसमें निम्नलिखित क्रियाएँ शामिल हैं:

    1. सार्वजनिक स्थान पर भिक्षा मांगना, चाहे वह गाने, नाचने, भाग्य बताने, करतब दिखाने या सामान बेचने के बहाने से हो।

    2. किसी निजी परिसर में प्रवेश करके भिक्षा मांगना।

    3. किसी घाव, चोट, विकृति (deformity) या बीमारी को प्रदर्शित या दिखाना, चाहे वह व्यक्ति खुद हो या कोई और, या किसी जानवर के रूप में हो, ताकि भिक्षा प्राप्त की जा सके।

    4. किसी बच्चे का उपयोग भिक्षा मांगने के उद्देश्य से करना।

    उदाहरण: अगर कोई व्यक्ति एक बच्चे को सड़क पर गाने गाने या करतब दिखाने के लिए मजबूर करता है ताकि लोग उसे पैसा दें, तो यह "भीख मंगवाने" के अंतर्गत आएगा।

    इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति बच्चे को उसके घाव या विकृति को दिखाने के लिए मजबूर करता है ताकि लोग दया कर के उसे पैसा दें, तो यह भी इस धारा के तहत दंडनीय होगा।

    पिछले प्रावधानों से संबंध

    इस धारा से जुड़े प्रावधानों की चर्चा पहले लाइव लॉ हिंदी के पोस्ट में की गई है, जहां धारा 137 और 138 के अंतर्गत Kidnapping और Abduction के बारे में विस्तार से बताया गया है। धारा 139 इन प्रावधानों को आगे बढ़ाती है, विशेष रूप से बच्चों के अपहरण और उनके दुरुपयोग के संदर्भ में।

    जहां धारा 137 में Kidnapping की व्यापक परिभाषा दी गई है, वहीं धारा 139 बच्चों के मामले में भीख मंगवाने जैसे गंभीर अपराधों के लिए कठोर सजा का प्रावधान करती है।

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