विशेष परिस्थितियों में किराए पर दिए गए मकान का तुरंत कब्जा पाने का अधिकार – धारा 15, हिमाचल प्रदेश किराया नियंत्रण अधिनियम
Himanshu Mishra
26 Feb 2025 12:37 PM

हिमाचल प्रदेश किराया नियंत्रण अधिनियम (Himachal Pradesh Rent Control Act) किराएदारों और मकान मालिकों (Landlords and Tenants) के अधिकारों को संतुलित करता है। इस अधिनियम की धारा 15 उन मकान मालिकों को एक विशेष अधिकार देती है, जो सरकारी आवास (Government Accommodation) में रह रहे हैं और जिन्हें सरकार के आदेश से इसे खाली करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, यह उन सरकारी कर्मचारियों को भी अधिकार देता है, जो सेवानिवृत्त (Retired) हो चुके हैं या होने वाले हैं, ताकि वे अपनी किराए पर दी गई संपत्ति को फिर से प्राप्त कर सकें। इस लेख में हम सरल भाषा में इस धारा की पूरी व्याख्या करेंगे और यह समझाएंगे कि कब और कैसे कोई मकान मालिक अपने किराए पर दिए गए मकान का तुरंत कब्जा (Immediate Possession) ले सकता है।
कब मकान मालिक को तुरंत कब्जा लेने का अधिकार मिलता है? (When Does the Landlord Get the Right to Immediate Possession?)
धारा 15(1) कहती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी विभाग (Central Government, State Government या Local Authority) द्वारा आवंटित (Allotted) मकान में रह रहा है और उसे आदेश दिया जाता है कि वह यह मकान खाली कर दे क्योंकि उसके पास शहरी क्षेत्र (Urban Area) में खुद का मकान है, तो उसे अपनी किराए पर दी गई संपत्ति को तुरंत वापस लेने का अधिकार होगा।
सरकार का यह आदेश मकान मालिक, उसकी पत्नी (Spouse) या आश्रित (Dependent) बच्चों के स्वामित्व (Ownership) पर आधारित हो सकता है। यदि इनके नाम पर शहर में कोई आवासीय संपत्ति (Residential Property) है, तो सरकार उन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए कह सकती है। इस स्थिति में, मकान मालिक अपने किराएदार (Tenant) से अपना मकान तुरंत खाली करने को कह सकता है, ताकि वह खुद उसमें रह सके।
उदाहरण (Example):
राम एक सरकारी अधिकारी हैं और उन्हें सरकार की ओर से एक मकान आवंटित किया गया है। लेकिन शहर में उनके नाम से पहले से एक मकान मौजूद है, जिसे उन्होंने किसी को किराए पर दिया हुआ है। अब सरकार राम को आदेश देती है कि वे सरकारी मकान खाली करें। इस स्थिति में, राम तुरंत अपने किराएदार को मकान खाली करने के लिए कह सकते हैं और इसमें कोई भी कानूनी अनुबंध (Contract) या नियम बाधा नहीं बनेगा।
मकान मालिक कितनी संपत्ति का कब्जा ले सकता है? (How Many Properties Can a Landlord Reclaim?)
हालांकि धारा 15 मकान मालिक को यह विशेष अधिकार देती है, लेकिन इसमें एक महत्वपूर्ण शर्त (Condition) भी जोड़ी गई है। यदि मकान मालिक, उसकी पत्नी या उसका आश्रित बच्चा शहरी क्षेत्र में दो या अधिक मकानों का मालिक है, तो वह केवल एक ही मकान को वापस पाने का अधिकार रखता है।
इसका अर्थ यह हुआ कि यदि किसी के पास दो या अधिक किराए पर दिए गए मकान हैं, तो वह एक ही मकान खाली करवा सकता है। इसके लिए उसे तय करना होगा कि वह कौन सा मकान वापस लेना चाहता है।
उदाहरण (Example):
श्याम एक सरकारी कर्मचारी हैं और उनके पास तीन मकान हैं, जिनमें से दो किराए पर दिए गए हैं। अब सरकार उन्हें सरकारी मकान खाली करने के लिए कहती है। श्याम दोनों मकान वापस लेने का दावा नहीं कर सकते। वे सिर्फ एक मकान वापस ले सकते हैं और उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि वे कौन सा मकान चाहते हैं।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कब्जा लेने का अधिकार (Right of Retired Government Employees to Reclaim Possession)
धारा 15(2) उन सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से लागू होती है, जो सेवानिवृत्त (Retired) हो चुके हैं या जल्द होने वाले हैं। यह प्रावधान (Provision) "निर्दिष्ट मकान मालिक" (Specified Landlord) के रूप में परिभाषित सरकारी कर्मचारियों को यह अधिकार देता है कि यदि उनके पास स्थानीय क्षेत्र (Local Area) में कोई अन्य उपयुक्त आवास (Suitable Accommodation) नहीं है, तो वे अपनी किराए पर दी गई संपत्ति को वापस ले सकते हैं।
इस अधिकार को कब प्रयोग किया जा सकता है? (When Can This Right Be Exercised?)
1. सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले आवेदन किया जाए।
2. सेवानिवृत्ति के एक वर्ष के भीतर आवेदन किया जाए।
3. यदि "निर्धारित तिथि" (Appointed Day) के एक वर्ष के भीतर आवेदन किया जाए।
इसके लिए मकान मालिक को सक्षम प्राधिकारी (Competent Authority) से एक प्रमाण पत्र (Certificate) प्राप्त करना होगा, जिसमें उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख दी गई हो। इसके अलावा, उन्हें एक शपथ पत्र (Affidavit) देना होगा कि उनके पास उस स्थानीय क्षेत्र में कोई अन्य उपयुक्त आवास नहीं है, जहां वे रहना चाहते हैं।
उदाहरण (Example):
सीमा एक सरकारी शिक्षिका (Teacher) हैं और छह महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाली हैं। उनके पास एक मकान है, जिसे उन्होंने किराए पर दिया हुआ है। उन्हें सरकार की ओर से एक प्रमाण पत्र मिलता है कि उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख निकट है। वे पहले ही आवेदन कर सकती हैं कि उनके मकान का कब्जा उन्हें वापस दिया जाए।
अन्य अनुबंधों और कानूनों का कोई प्रभाव नहीं (Law Overrides Any Contract or Agreement)
धारा 15(2) यह स्पष्ट रूप से कहती है कि मकान मालिक को यह अधिकार प्राप्त होगा भले ही कोई अन्य कानून, अनुबंध या परंपरा (Custom) इसके विपरीत क्यों न कहे। इसका अर्थ यह हुआ कि यदि मकान मालिक और किराएदार के बीच एक कानूनी अनुबंध (Legal Agreement) भी हो, जिसमें किराएदार को कई वर्षों तक रहने की अनुमति दी गई हो, तब भी यह धारा मकान मालिक को कब्जा लेने का अधिकार देती है।
उदाहरण (Example):
मोहन ने अपना मकान एक किराएदार को पाँच वर्षों के लिए किराए पर दिया था। लेकिन जब वे सेवानिवृत्त होते हैं और उन्हें रहने के लिए कोई अन्य मकान नहीं मिलता, तो वे धारा 15(2) के तहत किराएदार को मकान खाली करने के लिए कह सकते हैं। भले ही किराए का अनुबंध पाँच वर्षों के लिए हो, लेकिन यह धारा मकान मालिक को तुरंत कब्जा लेने का अधिकार देती है।
भागों में किराए पर दिए गए मकान का कब्जा लेना (Recovering Possession of Partially Rented Property)
अगर किसी मकान मालिक ने अपने मकान का कोई हिस्सा (Part) किराए पर दिया हुआ है, तो वह उस हिस्से को भी वापस ले सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी ने मकान के अलग-अलग हिस्से (Portions) अलग-अलग किराएदारों को दिए हैं, तो वह जरूरत के हिसाब से किसी हिस्से को खाली करा सकता है।
उदाहरण (Example):
सुनील एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने अपने मकान का ग्राउंड फ्लोर किराए पर दिया हुआ है और खुद फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं। अब वे ग्राउंड फ्लोर भी अपने इस्तेमाल के लिए चाहते हैं। ऐसे में वे धारा 15(2) के तहत आवेदन करके उसे खाली करवा सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश किराया नियंत्रण अधिनियम की धारा 15 सरकारी कर्मचारियों को कुछ विशेष परिस्थितियों में उनके किराए पर दिए गए मकान को तुरंत खाली करवाने का अधिकार देती है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि सरकारी कर्मचारी जो सरकारी मकानों में रह रहे हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके पास रहने के लिए उचित व्यवस्था हो। हालांकि, इस अधिकार को अनुचित रूप से प्रयोग करने से रोकने के लिए कुछ सीमाएँ भी तय की गई हैं।
अगले भाग में, हम इस धारा के अपवादों (Proviso) और किराएदारों की सुरक्षा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।