मकान मालिक द्वारा किरायेदार को विकास, मरम्मत या व्यक्तिगत उपयोग के लिए बेदखल करने का अधिकार : धारा 14 हिमाचल प्रदेश रेंट कंट्रोल एक्ट भाग 3

Himanshu Mishra

24 Feb 2025 3:42 PM

  • मकान मालिक द्वारा किरायेदार को विकास, मरम्मत या व्यक्तिगत उपयोग के लिए बेदखल करने का अधिकार : धारा 14 हिमाचल प्रदेश रेंट कंट्रोल एक्ट भाग 3

    इस लेख के पिछले भागों में, हमने हिमाचल प्रदेश रेंट कंट्रोल एक्ट (Himachal Pradesh Rent Control Act) की धारा 14 के तहत मकान मालिक (Landlord) द्वारा किरायेदार (Tenant) को बेदखल (Eviction) करने के विभिन्न आधारों पर चर्चा की थी।

    पहले भाग में हमने उन सामान्य कारणों को समझाया था, जैसे किराया न देना, बिना अनुमति सबलेटिंग (Subletting) करना या संपत्ति का गलत उपयोग। दूसरे भाग में यह बताया गया कि मकान मालिक किस प्रकार व्यक्तिगत उपयोग (Personal Use) के लिए किरायेदार को बेदखल कर सकता है, जिसमें मकान मालिक की व्यावसायिक (Business) या पारिवारिक ज़रूरतें शामिल होती हैं।

    अब इस तीसरे भाग में हम उन अतिरिक्त स्थितियों पर चर्चा करेंगे, जहाँ मकान मालिक संपत्ति के विकास (Development), मरम्मत (Repairs) या अपने बच्चों के पेशेवर उपयोग (Professional Use) के लिए किरायेदार को बेदखल कर सकता है।

    यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि मकान मालिक को उसकी संपत्ति पर अधिकार मिले, लेकिन साथ ही किरायेदार को भी अनुचित बेदखली (Unfair Eviction) से बचाया जाए। इसके अलावा, यह भाग पुनः प्रवेश (Re-Entry) के अधिकार, मकान मालिक पर लगाई गई सीमाओं (Limitations) और बेदखली के दुरुपयोग (Misuse of Eviction) को रोकने के प्रावधानों (Provisions) पर भी चर्चा करेगा।

    सरकारी विकास योजनाओं या संरचनात्मक मरम्मत (Structural Repairs) के लिए बेदखली (Eviction)

    अगर किसी सरकारी योजना (Government Scheme), स्थानीय प्राधिकरण (Local Authority) या सुधार ट्रस्ट (Improvement Trust) द्वारा किसी विकास योजना (Development Scheme) के तहत किसी संपत्ति में निर्माण कार्य (Construction Work) किया जाना आवश्यक हो, तो मकान मालिक किरायेदार को बेदखल करने के लिए आवेदन कर सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी सरकारी संस्था ने किसी परियोजना (Project) को मंजूरी दी है और इसके लिए संपत्ति का विध्वंस (Demolition) या संशोधन (Modification) जरूरी है, तो मकान मालिक बेदखली की मांग कर सकता है।

    इसके अलावा, अगर कोई भवन असुरक्षित (Unsafe) या मानव निवास (Human Habitation) के लिए अनुपयुक्त (Unfit) हो गया है, तो मकान मालिक को इसे खाली कराने का अधिकार होगा। कमजोर संरचना (Weak Structure), दीवारों में दरारें, छत गिरने का खतरा या कोई अन्य बड़ा नुकसान इस श्रेणी में आते हैं। ऐसे मामलों में, मकान मालिक को संपत्ति को खाली कराने का कानूनी अधिकार होगा ताकि आवश्यक मरम्मत या पुनर्निर्माण (Reconstruction) किया जा सके।

    यदि मकान मालिक को संपत्ति में ऐसी मरम्मत (Repairs) करनी है, जो तब तक संभव नहीं जब तक कि किरायेदार उसे खाली न करे, तो वह बेदखली का आवेदन कर सकता है। लेकिन यह सिद्ध करना आवश्यक होगा कि मरम्मत वास्तव में जरूरी है और मकान मालिक इस प्रावधान (Provision) का दुरुपयोग नहीं कर रहा है।

    यदि मकान मालिक संपत्ति को फिर से बनाना (Rebuild) चाहता है या इसमें बड़ा बदलाव (Alteration) करना चाहता है, तो भी वह किरायेदार को बेदखल कर सकता है। लेकिन, इसमें यह दिखाना जरूरी होगा कि निर्माण कार्य ऐसा है, जिसे किरायेदार की उपस्थिति में नहीं किया जा सकता। कोर्ट इस बात की जांच करेगी कि पुनर्निर्माण (Rebuilding) या परिवर्तन (Alteration) वास्तव में जरूरी है या फिर मकान मालिक इसे केवल किरायेदार को निकालने के लिए बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

    पुनः प्रवेश (Re-Entry) का अधिकार

    यदि किसी किरायेदार को पुनर्निर्माण (Reconstruction) या मरम्मत (Repairs) के कारण बेदखल किया जाता है, तो उसे पुनः प्रवेश (Re-Entry) का अधिकार मिलेगा। यह अधिकार दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति (Mutual Agreement) पर आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि जब नया निर्माण पूरा हो जाएगा, तो मकान मालिक और किरायेदार एक नए किराया समझौते (New Tenancy Agreement) पर सहमत हो सकते हैं, जिससे किरायेदार को पहले जितने क्षेत्रफल (Equivalent Area) की जगह वापस मिल सके।

    गैर-आवासीय (Non-Residential) संपत्ति के किरायेदारों के लिए सुरक्षा

    यदि कोई गैर-आवासीय संपत्ति (Non-Residential Premises) जैसे दुकान या कार्यालय को पुनर्निर्माण के लिए खाली कराया जाता है, तो मकान मालिक किरायेदार को व्यवसाय (Business) बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। इसका अर्थ यह है कि यदि किरायेदार पहले किसी विशेष व्यवसाय (Specific Business) को चला रहा था, तो उसे नए किराया समझौते (New Tenancy Agreement) के तहत कोई और व्यवसाय शुरू करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

    उदाहरण (Illustration) - पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए बेदखली

    शिमला में एक मकान मालिक की पुरानी इमारत है, जो समय के साथ कमजोर हो गई है। दीवारों में बड़ी दरारें आ गई हैं, और नगर निगम (Municipal Corporation) ने इसे असुरक्षित घोषित कर दिया है। ऐसे में, मकान मालिक अदालत में बेदखली की मांग करता है। अदालत यह सुनिश्चित करने के बाद कि पुनर्निर्माण (Reconstruction) आवश्यक है, बेदखली की अनुमति दे देती है। जब इमारत फिर से बन जाती है, तो पूर्व किरायेदारों को नए समझौते के तहत फिर से प्रवेश करने का विकल्प दिया जाता है।

    व्यावसायिक उपयोग (Professional Use) के लिए बेदखली

    यदि मकान मालिक की संतान (Son or Daughter) पेशेवर (Professional) के रूप में काम शुरू करना चाहती है, तो मकान मालिक किरायेदार को बेदखल कर सकता है। यह प्रावधान (Provision) विशेष रूप से वकील (Lawyer), वास्तुकार (Architect), दंत चिकित्सक (Dentist), इंजीनियर (Engineer), पशु चिकित्सक (Veterinary Surgeon) और डॉक्टर (Doctor) जैसे पेशों के लिए लागू होता है।

    लेकिन इस आधार पर बेदखली की अनुमति तभी मिलेगी जब यह साबित हो कि मकान मालिक का पुत्र या पुत्री उसी शहरी क्षेत्र (Urban Area) में पहले से कोई अन्य कार्यालय (Office) या आवास (Residence) नहीं रखता।

    उदाहरण (Illustration) - पेशेवर उपयोग के लिए बेदखली

    धर्मशाला में एक मकान मालिक की दुकान किराए पर दी गई है। उसकी बेटी, जो अब वकील बन चुकी है, को अपने लॉ फर्म (Law Firm) के लिए जगह चाहिए। चूंकि उसके पास पहले से कोई कार्यालय नहीं है, मकान मालिक अदालत में बेदखली की मांग करता है। अदालत मामले की जांच करने के बाद, बेदखली को मंजूरी देती है।

    मकान मालिक पर लगाई गई सीमाएं (Limitations on Landlord's Right to Evict)

    कानून मकान मालिक को बेदखली का अधिकार देता है, लेकिन दुरुपयोग रोकने के लिए कुछ सीमाएं (Limitations) भी लगाई गई हैं।

    यदि किरायेदारी (Tenancy) के लिए पहले से एक निश्चित अवधि (Fixed Period) तय की गई थी, तो मकान मालिक उस अवधि से पहले बेदखली के लिए आवेदन नहीं कर सकता।

    यदि मकान मालिक पहले ही किसी संपत्ति को व्यक्तिगत उपयोग (Personal Use) के आधार पर खाली करा चुका है, तो वह उसी आधार पर दूसरी संपत्ति के लिए फिर से आवेदन नहीं कर सकता।

    इसी तरह, यदि किसी पुत्र या पुत्री के पेशेवर उपयोग (Professional Use) के लिए पहले ही कोई संपत्ति ली जा चुकी है, तो मकान मालिक उसी पुत्र या पुत्री के लिए फिर से बेदखली का आवेदन नहीं कर सकता।

    धारा 14 मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकारों को संतुलित रखती है। यह सुनिश्चित करता है कि मकान मालिक अपनी संपत्ति को आवश्यक सुधार, विकास और पारिवारिक जरूरतों के लिए उपयोग कर सके, लेकिन किरायेदार भी अनुचित बेदखली से सुरक्षित रहे।

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