माल की गुणवत्ता और नमूने द्वारा बिक्री: Sales of Goods Act की धारा 15, 16 और 17
Himanshu Mishra
25 Jun 2025 5:36 PM IST

वर्णन द्वारा बिक्री (Sale by Description)
माल विक्रय अधिनियम (Sales of Goods Act), 1930 की धारा 15 'वर्णन द्वारा बिक्री' (Sale by Description) की अवधारणा (Concept) से संबंधित एक महत्वपूर्ण निहित शर्त (Implied Condition) निर्धारित करती है।
धारा 15 के अनुसार, जहाँ माल की बिक्री का अनुबंध वर्णन द्वारा (by description) होता है, तो एक निहित शर्त (Implied Condition) होती है कि माल उस वर्णन के अनुरूप (Correspond with the Description) होगा। यह खरीदार के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा है, यह सुनिश्चित करती है कि उसे वही माल मिले जिसकी उसे अपेक्षा थी।
यह धारा आगे स्पष्ट करती है कि यदि बिक्री नमूने (Sample) के साथ-साथ वर्णन द्वारा (by description) भी होती है, तो यह केवल पर्याप्त नहीं है कि माल का थोक (Bulk) नमूने के अनुरूप हो, यदि माल वर्णन के अनुरूप भी नहीं है। इसका मतलब है कि दोहरी शर्त (Dual Condition) लागू होती है: माल को नमूने से भी मेल खाना चाहिए और वर्णन से भी मेल खाना चाहिए। यदि दोनों में से कोई भी शर्त पूरी नहीं होती है, तो खरीदार के पास अस्वीकार करने का अधिकार होता है।
उदाहरण के लिए, एक खरीदार "उच्च गुणवत्ता वाले असम चाय के 100 किलोग्राम, गोल्डन टिप्स के साथ" का ऑर्डर देता है और साथ में एक नमूना भी देखता है। यदि डिलीवर की गई चाय नमूने से मेल खाती है लेकिन उसमें 'गोल्डन टिप्स' नहीं हैं, तो यह वर्णन का उल्लंघन है, और खरीदार उसे अस्वीकार कर सकता है, भले ही चाय नमूने के अनुरूप हो।
इस धारा पर एक महत्वपूर्ण मामला वेर्ली बनाम व्हिप (Varley v. Whipp) (1900) 1 QB 513 है। इस मामले में, विक्रेता ने व्हिप को एक सेकंड-हैंड रीपिंग मशीन बेची, जिसे "लगभग नई" (nearly new) के रूप में वर्णित किया गया था। जब मशीन डिलीवर की गई, तो वह बहुत पुरानी थी और उसकी व्यापक मरम्मत की गई थी। अदालत ने फैसला सुनाया कि यह वर्णन द्वारा बिक्री थी, और माल वर्णन के अनुरूप नहीं था। इसलिए, व्हिप मशीन को अस्वीकार करने का हकदार था। यह मामला इस बात पर जोर देता है कि विवरण, बिक्री अनुबंध का एक अनिवार्य हिस्सा है, और माल को उस विवरण से मेल खाना चाहिए।
गुणवत्ता या उपयुक्तता के लिए निहित शर्तें (Implied Conditions as to Quality or Fitness)
धारा 16 माल की गुणवत्ता (Quality) या किसी विशेष उद्देश्य (Particular Purpose) के लिए उपयुक्तता (Fitness) से संबंधित निहित शर्तों और वारंटियों से संबंधित है। एक सामान्य नियम के रूप में, यह धारा 'क्रेता सावधान रहे' (Caveat Emptor) के सिद्धांत को लागू करती है, जिसका अर्थ है कि खरीदार को अपनी खरीद के बारे में सावधान रहना चाहिए। हालाँकि, इसके कई महत्वपूर्ण अपवाद (Exceptions) हैं जो खरीदार की सुरक्षा करते हैं:
1. विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्तता (Fitness for a Particular Purpose) - धारा 16(1):
जहाँ खरीदार, स्पष्ट रूप से (Expressly) या निहित रूप से (by Implication), विक्रेता को उस विशेष उद्देश्य को बताता है जिसके लिए माल की आवश्यकता है, जिससे यह पता चलता है कि खरीदार विक्रेता के कौशल या निर्णय (Seller's Skill or Judgment) पर निर्भर करता है, और माल उस विवरण का है जिसे बेचना विक्रेता के व्यवसाय के क्रम में है (चाहे वह निर्माता या उत्पादक हो या नहीं), तो एक निहित शर्त (Implied Condition) होती है कि माल उस उद्देश्य के लिए उचित रूप से उपयुक्त (Reasonably Fit) होगा।
उदाहरण के लिए, आप एक दुकान पर जाते हैं और दुकानदार से कहते हैं कि आपको 'पहाड़ी चढ़ाई' (Mountain Climbing) के लिए एक जोड़ी जूते चाहिए, जिससे यह पता चलता है कि आप उसकी विशेषज्ञता पर निर्भर कर रहे हैं। यदि दुकानदार आपको जूते बेचता है जो पहाड़ी चढ़ाई के लिए उपयुक्त नहीं हैं, तो यह इस निहित शर्त का उल्लंघन है।
परंतुक (Proviso): हालाँकि, यदि एक विशिष्ट वस्तु को उसके पेटेंट या अन्य व्यापार नाम (Patent or Other Trade Name) के तहत बेचने का अनुबंध है, तो उसके किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्तता के लिए कोई निहित शर्त नहीं होती है। इसका कारण यह है कि खरीदार किसी विशेष ब्रांड नाम पर भरोसा कर रहा है, न कि विक्रेता के कौशल या निर्णय पर।
उदाहरण के लिए, आप एक निश्चित ब्रांड नाम का "X" नामक एक 'वाटर प्यूरीफायर' (Water Purifier) खरीदते हैं। यदि यह 'वाटर प्यूरीफायर' आपके विशेष पानी की समस्या के लिए उपयुक्त नहीं है, तो भी कोई निहित शर्त नहीं होगी, क्योंकि आपने विशिष्ट ब्रांड नाम पर भरोसा किया था।
2. व्यापारिक गुणवत्ता (Merchantable Quality) - धारा 16(2):
जहाँ माल किसी ऐसे विक्रेता से वर्णन द्वारा (by description) खरीदा जाता है जो उस विवरण के माल का व्यापार करता है (चाहे वह निर्माता या उत्पादक हो या नहीं), तो एक निहित शर्त (Implied Condition) होती है कि माल व्यापारिक गुणवत्ता (Merchantable Quality) का होगा। 'व्यापारिक गुणवत्ता' का अर्थ है कि माल उस गुणवत्ता का होना चाहिए कि उसे उचित मूल्य पर बेचा जा सके, और वे उस विवरण के माल के सामान्य व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त हों।
उदाहरण के लिए, आप एक पुस्तक विक्रेता से "एक नई उपन्यास" का ऑर्डर देते हैं। यदि आपको जो पुस्तक मिलती है, उसके पन्ने फटे हुए या गायब हैं, तो वह व्यापारिक गुणवत्ता की नहीं मानी जाएगी, और आप उसे अस्वीकार कर सकते हैं।
परंतुक (Proviso): बशर्ते कि, यदि खरीदार ने माल की जाँच की है (Examined the Goods), तो उन दोषों के संबंध में कोई निहित शर्त नहीं होगी जो ऐसी जाँच से प्रकट होने चाहिए थे (Ought to Have Revealed)। यह खरीदार पर उचित जाँच करने की जिम्मेदारी डालता है।
उदाहरण के लिए, आप एक कपड़े की दुकान से कपड़ा खरीदते हैं और उसे ध्यान से देखते हैं। यदि उसमें एक स्पष्ट दाग है जिसे आप देख सकते थे लेकिन आपने नहीं देखा, तो बाद में आप उस दाग के लिए व्यापारिक गुणवत्ता का दावा नहीं कर सकते।
3. व्यापार के उपयोग द्वारा संलग्न (Annexed by the Usage of Trade) - धारा 16(3):
एक निहित वारंटी (Implied Warranty) या गुणवत्ता या किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्तता के संबंध में शर्त को व्यापार के उपयोग (Usage of Trade) द्वारा संलग्न किया जा सकता है। इसका मतलब है कि कुछ व्यापारों में, कुछ शर्तें या वारंटियां इतनी सामान्य और स्थापित होती हैं कि उन्हें अनुबंध का एक निहित हिस्सा माना जाता है, भले ही उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया हो।
4. स्पष्ट वारंटी या शर्त का प्रभाव (Effect of Express Warranty or Condition) - धारा 16(4):
एक स्पष्ट वारंटी या शर्त (Express Warranty or Condition) इस अधिनियम द्वारा निहित वारंटी या शर्त को नकारात्मक नहीं करती है (Does Not Negative), जब तक कि यह उसके साथ असंगत न हो। इसका अर्थ है कि एक लिखित वारंटी या शर्त निहित वारंटियों और शर्तों को समाप्त नहीं करती है, जब तक कि लिखित शर्त स्पष्ट रूप से निहित को contradict न करे।
डॉनाल्डसन बनाम टुलमिल्ड ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड (Donoghue v. Stevenson) (1932) AC 562 (हालांकि यह टॉर्ट कानून का मामला है और सीधे धारा 16 पर नहीं है, इसने उपभोक्ता उत्पादों में गुणवत्ता और सुरक्षा के व्यापक निहितार्थों को प्रभावित किया है, विशेष रूप से उस कर्तव्य की देखभाल के लिए जो निर्माताओं का उपभोक्ताओं के प्रति होता है।)
कनिंघम बनाम ए.आर.के. इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (Cunliffe v. A.R.K. Engineering Ltd.) (एक काल्पनिक उदाहरण जो धारा 16(1) को दर्शाता है): एक ग्राहक ने एक इंजीनियरिंग कंपनी से एक विशेष मशीन खरीदने का आदेश दिया और स्पष्ट किया कि मशीन को 'एक्स' प्रकार के धातुओं को सटीक रूप से काटने में सक्षम होना चाहिए। कंपनी ने मशीन बेची, यह जानते हुए कि ग्राहक उसके कौशल और निर्णय पर निर्भर कर रहा था। यदि मशीन 'एक्स' प्रकार के धातुओं को काटने में असमर्थ निकली, तो यह उपयुक्तता की निहित शर्त का उल्लंघन होगा।
नमूने द्वारा बिक्री (Sale by Sample)
धारा 17 'नमूने द्वारा बिक्री' (Sale by Sample) की अवधारणा को परिभाषित करती है और इससे संबंधित निहित शर्तों को निर्धारित करती है।
धारा 17(1) बताती है कि बिक्री का अनुबंध 'नमूने द्वारा बिक्री' का अनुबंध तब होता है जब अनुबंध में, स्पष्ट या निहित रूप से, ऐसा कोई खंड (Term) होता है।
धारा 17(2) 'नमूने द्वारा बिक्री' के अनुबंध के मामले में निम्नलिखित निहित शर्तों (Implied Conditions) का प्रावधान करती है:
• (a) गुणवत्ता में थोक का नमूने से मेल खाना (Bulk Shall Correspond with the Sample in Quality): सबसे बुनियादी शर्त यह है कि डिलीवर किए गए माल का थोक (यानी, पूरी खेप) गुणवत्ता में उस नमूने के अनुरूप होना चाहिए जो खरीदार को दिखाया गया था।
• (b) तुलना करने का उचित अवसर (Reasonable Opportunity of Comparing): खरीदार को थोक की तुलना नमूने से करने का एक उचित अवसर मिलना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है ताकि खरीदार यह सत्यापित कर सके कि माल नमूने के अनुरूप है या नहीं।
• (c) दोषों से मुक्त (Free from Any Defect): माल किसी भी ऐसे दोष से मुक्त होना चाहिए, जो उन्हें गैर-व्यापारिक (Unmerchantable) बना दे, और जो नमूने की उचित जाँच पर स्पष्ट नहीं होता (Would Not Be Apparent on Reasonable Examination of the Sample)। यह 'छिपे हुए दोषों' (Latent Defects) से खरीदार की रक्षा करता है।
उदाहरण के लिए, एक कपड़ों का डीलर एक नए कपड़े के रोल का ऑर्डर देता है, जिसे उसे दिखाए गए एक छोटे नमूने के आधार पर ऑर्डर किया गया था।
• यदि पूरा रोल नमूने के समान गुणवत्ता का नहीं है, तो यह धारा 17(2)(a) का उल्लंघन है।
• यदि डीलर को पूरा रोल की जाँच करने और नमूने से तुलना करने का उचित अवसर नहीं दिया जाता है, तो यह धारा 17(2)(b) का उल्लंघन है।
• यदि नमूना ठीक लगता है, लेकिन जब पूरा रोल खोला जाता है, तो उसमें एक ऐसा दोष निकलता है जो उसे उपयोग योग्य नहीं बनाता (जैसे रंग का बहना) और यह दोष नमूने की जाँच पर स्पष्ट नहीं होता, तो यह धारा 17(2)(c) का उल्लंघन है।
ड्रमंड बनाम वैन इंगन (Drummond v. Van Ingen) (1887) 12 App Cas 284 इस धारा से संबंधित एक महत्वपूर्ण अंग्रेजी मामला है। इस मामले में, कपड़े के नमूने दिखाए गए थे, लेकिन जब थोक कपड़ा डिलीवर किया गया, तो उसमें 'छिपे हुए दोष' थे जो नमूने में नहीं थे और जिनकी उचित जाँच से पता नहीं चला था। अदालत ने फैसला सुनाया कि यह नमूने द्वारा बिक्री की निहित शर्त का उल्लंघन था, और खरीदार को नुकसान का दावा करने का अधिकार था।

