Right to Information Act धारा 6 के प्रावधान

Shadab Salim

16 Jun 2025 9:04 AM

  • Right to Information Act धारा 6 के प्रावधान

    इस एक्ट की धारा 6 सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया बताती है। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई आवेदक सूचना प्राप्त कर सकता है। धारा 6 के अनुसार-

    (1) कोई व्यक्ति, जो इस अधिनियम के अधीन कोई सूचना अभिप्राप्त करना चाहता है, लिखित में या इलेक्ट्रानिक युक्ति के माध्यम से अंग्रेजी या हिन्दी में या उस क्षेत्र की, जिसमें आवेदन किया जा रहा है, राजभाषा में ऐसी फीस के साथ, जो विहित की जाए

    (क) संबंधित लोक प्राधिकरण के यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी।

    (ख) यथास्थिति, केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी या राज्य सहायक लोक सूचना अधिकारी, को उसके द्वारा मांगी गई सूचना की विशिष्टियां विनिर्दिष्ट करते हुए अनुरोध करेगा: परन्तु जहां ऐसा अनुरोध लिखित में नहीं किया जा सकता है, वहाँ, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी अनुरोध करने वाले व्यक्ति को सभी युक्तियुक्त सहायता मौखिक रूप से देगा, जिससे कि उसे लेखबद्ध किया जा सके।

    (2) सूचना के लिए अनुरोध करने वाले आवेदक से सूचना का अनुरोध करने के लिए किसी कारण को या किसी अन्य व्यक्तिगत ब्यौरे को, सिवाय उसके जो उससे संपर्क करने के लिए आवश्यक हों, देने की अपेक्षा नहीं की जाएगी।

    (3) जहाँ, कोई आवेदन किसी लोक प्राधिकारी को किसी ऐसी सूचना के लिए अनुरोध करते हुए किया जाता है

    (i) जो किसी अन्य लोक प्राधिकारी द्वारा धारित है; या

    (ii) जिसकी विषय-वस्तु किसी अन्य लोक प्राधिकारी के कृत्यों से अधिक निकट रूप से सम्बन्धित है, वहाँ, वह लोक प्राधिकारी, जिसको ऐसा आवेदन किया जाता है, ऐसे आवेदन या उसके ऐसे भाग को, जो समुचित हो, उस अन्य लोक प्राधिकारी को अंतरित करेगा और ऐसे अंतरण के बारे में आवेदक को तुरंत सूचना देगा :

    परन्तु यह कि इस उपधारा के अनुसरण में किसी आवेदन का अंतरण यथासाध्य शीघ्रता से किया जाएगा, किंतु किसी भी दशा में आवेदन की प्राप्ति की तारीख से पांच दिनों के पश्चात् नहीं किया जाएगा।

    यह अधिनियम में प्रस्तुत की गई धारा 6 का मूल स्वरूप था। नागरिक सूचना अभिप्राप्त करने के लिए लोक सूचना अधिकारी या सहायक लोक सूचना अधिकारी के समक्ष आवेदन पेश करेगा। आवेदन को उस लोक प्राधिकारी के लोक सूचना अधिकारी के समक्ष पेश किया जाना चाहिए, जिसकी अधिकारिता के अधीन आवेदन की विषय-वस्तु आती है। जब आवेदन को सूचना के लिए लोक प्राधिकारी के समक्ष पेश किया जाता है, जिसे अन्य लोक प्राधिकारी द्वारा धारण किया जाता है, तब लोक प्राधिकारी, जिसके समक्ष आवेदन किया गया है, उस लोक प्राधिकारी को, जिसके पास सूचना है, आवेदन अन्तरित करने के कर्तव्य के अधीन है।

    यदि नागरिक कतिपय सूचना की मांग करता है, जो तीन या चार लोक प्राधिकारियों के पास है, तब प्रथम लोक प्राधिकारी का लोक सूचना अधिकारी उस भाग की सूचना प्रदान करेगा, जो उसकी अधिकारिता के अन्तर्गत आता है, उसके पश्चात् अन्य भाग सुसंगत लोक प्राधिकारियों के लोक सूचना अधिकारियों को अन्तरित करता है। आवेदन के भाग को अन्तरित करते समय, उसे आवेदन की विषय वस्तु के आधार पर लोक प्राधिकारियों की शिनाख्त करने में सावधान होना चाहिए।

    यदि आवेदन अन्य लोक प्राधिकारी को अन्तरित किया जाना है, तो लोक प्राधिकारी, जिसके समक्ष आवेदन किया जाता है, आवेदन की प्राप्ति के पाँच दिनों के भीतर अन्य लोक प्राधिकारी को आवेदन अन्तरित करेगा। जैसे ही लोक प्राधिकारी का लोक सूचना अधिकारी आवेदन को अन्य लोक प्राधिकारी को अन्तरित करता है, वैसे ही उसे ऐसे अन्तरण के बारे में आवेदक को तत्काल सूचना देनी चाहिए।

    सूचना को ईप्सा करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया अत्यधिक साधारण तथा नागरिक हितैषी है। आवेदन को अंग्रेजी या हिन्दी या राज्य की शासकीय भाषा में लिखा जा सकता है। मौखिक अनुरोध को लोक सूचना प्राधिकारी की सहायता से लेखबद्ध किया जायेगा, यदि आवेदक शिक्षित नहीं है।

    आवेदक को स्पष्ट रूप से सूचना विनिर्दिष्ट करनी चाहिए, जिसकी वह ईप्सा कर रहा है। अन्तिम किन्तु कम से कम नहीं, आवेदन को सम्बन्धित राज्य नियमावली के अधीन विहित आवश्यक आवेदन फीस के साथ होना चाहिए। कई राज्यों में, इसका भुगतान नकदी/डिमाण्ड ड्राफ्ट/धनादेश, ट्रेजरी चालान/गैर-न्यायिक स्टाम्प के रूप में किया जा सकता है।

    आवेदन सादे कागज पर किया जा सकता है और उसे लिखने के लिए कोई विहित प्ररूप नहीं है। आवेदक से सूचना का अनुरोध करने के लिए कोई कारण देने की अपेक्षा नहीं की जाती, उससे केवल उसकी सम्पर्क दूरभाष संख्या/ पता देने की अपेक्षा की जाती है, ताकि ईप्सित सूचना उसको लोक सूचना अधिकारी द्वारा भेजी जा सके। सूचना प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया निर्धन और समाज के साधनहीन वर्ग को उसका अत्यधिक उपयोग करने के लिए सक्षम बनाने के लिए अधिनियम में अत्यधिक साधारण बनायी गयी है।

    आवेदक से केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी के समक्ष आवेदन करने के लिए प्रत्याशा की जाती है। इस धारा के अधीन सभी आवेदन लिखित में या इलेक्ट्रानिक माध्यम से किया जाना चाहिए, जो विहित फीस के साथ हो और निर्देश तथा उत्तर के लिए, यह धारा लोक प्राधिकारी को आवेदन करने के प्रयोजन के लिए मानक प्ररूप विहित करने से प्रवारित नहीं करती।

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