बिना लाइसेंस मदिरा और अन्य उत्पाद बेचने पर रोक : राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 धारा 20 और धारा 21
Himanshu Mishra
31 Jan 2025 11:44 AM

राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act, 1950) का मुख्य उद्देश्य मदिरा (Liquor) और अन्य नशीले पदार्थों (Intoxicating Substances) के उत्पादन, बिक्री और वितरण को नियंत्रित करना है। यह कानून सुनिश्चित करता है कि इन उत्पादों का व्यापार एक व्यवस्थित तरीके से हो और अवैध बिक्री (Illegal Sale) को रोका जा सके।
इस अधिनियम की धारा 19 (Section 19) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक मदिरा (Liquor) या अन्य उत्पाद बिना अनुमति अपने पास नहीं रख सकता। अब धारा 20 (Section 20) और धारा 21 (Section 21) इस नियंत्रण को और मजबूत करती हैं।
धारा 20 (Section 20) स्पष्ट रूप से कहती है कि बिना वैध लाइसेंस (Valid License) के कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की मदिरा (Liquor) या अन्य उत्पाद नहीं बेच सकता। केवल आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) या अधिकृत अधिकारी (Authorized Officer) से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही बिक्री की अनुमति होती है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में इसके अपवाद (Exceptions) दिए गए हैं।
धारा 21 (Section 21) यह सुनिश्चित करती है कि मदिरा (Liquor) की बोतलबंदी (Bottling) और बिक्री केवल उन शर्तों (Conditions) के अनुसार की जाए जो लाइसेंस में उल्लिखित होती हैं। इसका मतलब यह है कि लाइसेंस प्राप्त करने के बाद भी यदि कोई व्यापारी नियमों का पालन नहीं करता, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
इन प्रावधानों (Provisions) का मुख्य उद्देश्य अवैध व्यापार (Illegal Trade) को रोकना, सरकार के राजस्व (Revenue) की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना है कि लोग केवल उच्च गुणवत्ता वाली और सुरक्षित मदिरा (Liquor) का उपभोग करें।
धारा 20 – बिना लाइसेंस मदिरा (Liquor) और अन्य उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध (Prohibition on Sale Without License)
धारा 20 (Section 20) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) या किसी अधिकृत अधिकारी (Authorized Officer) से लाइसेंस प्राप्त किए बिना मदिरा (Liquor) या अन्य उत्पादों की बिक्री नहीं कर सकता।
इस प्रावधान (Provision) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शराब और अन्य नशीले पदार्थों (Intoxicating Substances) की बिक्री सरकारी नियंत्रण में हो और अवैध व्यापार (Illegal Trade) को रोका जा सके। यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस (Without License) मदिरा (Liquor) बेचता है, तो यह कानून का उल्लंघन होगा और उसे दंडित किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति अपने घर में अवैध रूप से शराब बेचता है, तो यह कानून के खिलाफ होगा। ऐसे अवैध विक्रय (Illegal Sale) से सरकार को कर (Tax) का नुकसान होता है और यह समाज में अपराधों (Crimes) को भी बढ़ावा दे सकता है।
धारा 20 के अपवाद (Exceptions to Section 20)
हालांकि, इस धारा में कुछ विशेष परिस्थितियों में अपवाद (Exceptions) दिए गए हैं, जहां बिना लाइसेंस (Without License) भी मदिरा (Liquor) या अन्य उत्पाद बेचे जा सकते हैं।
1. भांग (Hemp) की खेती और बिक्री (Cultivation and Sale of Hemp)
यदि किसी व्यक्ति को भांग (Hemp) के पौधे की खेती (Cultivation) या संग्रह (Collection) के लिए लाइसेंस मिला हुआ है, तो वह इस पौधे के उन हिस्सों को बेच सकता है जिनका उपयोग नशीले पदार्थ (Intoxicating Drugs) बनाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, वह केवल किसी अधिकृत व्यापारी (Authorized Dealer) या उस अधिकारी (Officer) को ही बिक्री कर सकता है, जिसे आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) द्वारा अधिकृत किया गया हो।
उदाहरण के लिए, एक किसान जिसे भांग की खेती करने की अनुमति मिली हुई है, वह केवल सरकारी लाइसेंस प्राप्त कंपनियों या सरकारी एजेंसियों को ही भांग बेच सकता है। यदि वह इसे किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है, तो यह गैरकानूनी होगा।
2. एक से अधिक जिलों में बिक्री के लिए लाइसेंस (License for Sale in Multiple Districts)
यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक जिलों (Districts) में मदिरा (Liquor) या अन्य उत्पाद बेचना चाहता है, तो उसे राज्य सरकार (State Government) से पूर्व स्वीकृति (Prior Approval) लेनी होगी। यह इसलिए किया जाता है ताकि सरकार यह सुनिश्चित कर सके कि व्यापार का दुरुपयोग न हो और सभी जिलों में समान नियमों का पालन किया जाए।
3. कानूनी रूप से खरीदी गई विदेशी शराब की बिक्री (Sale of Legally Procured Foreign Liquor)
यदि कोई व्यक्ति विदेशी शराब (Foreign Liquor) को कानूनी रूप से अपने निजी उपयोग (Personal Use) के लिए खरीदता है, तो कुछ परिस्थितियों में वह इसे बेच सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति किसी स्थान (Station) को स्थायी रूप से छोड़ रहा है, तो वह अपनी खरीदी गई विदेशी शराब (Foreign Liquor) को नीलामी (Auction) के माध्यम से बेच सकता है। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति मर जाता है, तो उसके कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Representatives) उसकी खरीदी गई शराब को नीलामी (Auction) के माध्यम से बेच सकते हैं।
धारा 21 – मदिरा (Liquor) और अन्य उत्पादों की बिक्री के नियम (Regulation of Sale of Excisable Articles)
धारा 21 (Section 21) के अनुसार, किसी भी प्रकार की मदिरा (Liquor) की बोतलबंदी (Bottling) और बिक्री तभी की जा सकती है जब वह लाइसेंस (License) की शर्तों (Conditions) के अनुसार हो। इसका मतलब यह है कि यदि किसी को मदिरा बेचने की अनुमति दी गई है, तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।
उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी व्हिस्की (Whiskey) की बोतलें बनाती है, तो उसे सुनिश्चित करना होगा कि उत्पाद की पैकेजिंग (Packaging) और गुणवत्ता (Quality) सरकार द्वारा निर्धारित मानकों (Standards) के अनुसार हो। यदि कोई व्यक्ति या कंपनी बिना अनुमति के शराब की बोतलबंदी (Bottling) करती है, तो यह गैरकानूनी होगा।
इसके अलावा, यदि किसी शराब विक्रेता (Liquor Vendor) को केवल एक निश्चित स्थान पर बिक्री की अनुमति दी गई है, तो वह उस स्थान से बाहर जाकर बिक्री नहीं कर सकता।
धारा 19, धारा 20 और धारा 21 के बीच संबंध (Connection Between Section 19, 20, and 21)
1. धारा 19 (Section 19), धारा 20 (Section 20) और धारा 21 (Section 21) एक साथ मिलकर मदिरा (Liquor) और अन्य उत्पादों की बिक्री और स्वामित्व (Possession) को नियंत्रित करते हैं।
2. धारा 19 (Section 19) यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक शराब अपने पास न रखे।
3. धारा 20 (Section 20) यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के शराब या अन्य उत्पाद न बेचे।
4. धारा 21 (Section 21) यह सुनिश्चित करती है कि बिक्री के दौरान लाइसेंस की सभी शर्तों का पालन किया जाए।
5. अगर कोई व्यक्ति अवैध रूप से शराब बेचता है, तो संभव है कि वह धारा 19 (Section 19) का भी उल्लंघन कर रहा हो।
राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act, 1950) के अंतर्गत धारा 20 (Section 20) और धारा 21 (Section 21) अवैध शराब व्यापार (Illegal Liquor Trade) को रोकने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान (Provisions) हैं।
ये प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि केवल लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति ही शराब बेच सकें और बिक्री पूरी तरह से सरकारी नियमों के अनुसार हो। इससे न केवल सरकार के राजस्व (Revenue) की रक्षा होती है, बल्कि समाज में अवैध शराब से होने वाली समस्याओं को भी रोका जा सकता है।