धारा 19 राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 के तहत निर्धारित सीमा से अधिक नशीले पदार्थों रखने पर प्रतिबंध

Himanshu Mishra

30 Jan 2025 11:37 AM

  • धारा 19 राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 के तहत निर्धारित सीमा से अधिक नशीले पदार्थों रखने पर प्रतिबंध

    राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act, 1950) एक कानूनी ढांचा है जो राज्य में मदिरा (Liquor) और अन्य नशीले पदार्थों (Intoxicating Substances) के निर्माण (Manufacture), बिक्री (Sale) और कब्जे (Possession) को नियंत्रित करता है।

    इस अधिनियम की धारा 19 (Section 19) में यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, जिसे कानून के तहत मदिरा बनाने, इकट्ठा करने, बेचने या खेती करने का लाइसेंस (License) नहीं दिया गया है, वह निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में मदिरा अपने पास नहीं रख सकता। यह सीमा राज्य सरकार द्वारा धारा 5 के तहत तय की जाती है।

    यदि किसी व्यक्ति को इस सीमा से अधिक मदिरा रखने की आवश्यकता हो, तो उसे आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) या किसी अधिकृत आबकारी अधिकारी (Excise Officer) से अनुमति (Permit) प्राप्त करनी होगी।

    यह कानून अवैध व्यापार (Illegal Trade), शराब की कालाबाजारी (Black Marketing) और मदिरा के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाया गया है। यह यह भी सुनिश्चित करता है कि केवल लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति या व्यवसाय ही मदिरा को वैध रूप से निर्धारित मात्रा में रख सकें और उसे केवल अधिकृत स्थानों पर ही संग्रहित करें।

    इसके अलावा, राज्य सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह विशेष परिस्थितियों में इस नियम को और अधिक कठोर बना सके।

    धारा 19(1) – मदिरा रखने पर प्रतिबंध (Restriction on Possession of Excisable Articles)

    धारा 19(1) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, जब तक कि उसे मदिरा के निर्माण, संग्रह, खेती या बिक्री के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया है, वह सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में मदिरा नहीं रख सकता।

    यह सीमा धारा 5 के तहत राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है। यदि कोई व्यक्ति इस सीमा से अधिक मात्रा में मदिरा रखना चाहता है, तो उसे आबकारी विभाग से विशेष अनुमति (Permit) लेनी होगी।

    उदाहरण के लिए, यदि राज्य सरकार यह तय करती है कि एक व्यक्ति अधिकतम 2 लीटर देशी शराब अपने पास रख सकता है, तो यदि कोई व्यक्ति 5 लीटर शराब के साथ पकड़ा जाता है और उसके पास कोई वैध परमिट नहीं है, तो यह धारा 19 का उल्लंघन होगा।

    यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि मदिरा का गैरकानूनी भंडारण न हो और इसे अवैध रूप से बेचने या दुरुपयोग करने का अवसर न मिले।

    धारा 19(2) – कुछ मामलों में अपवाद (Exceptions in Certain Cases)

    धारा 19(2) में कुछ विशेष परिस्थितियों में इस प्रतिबंध से छूट दी गई है। यह प्रावधान मुख्य रूप से व्यवसायिक परिवहन (Commercial Transport) और भंडारण (Storage) करने वालों पर लागू होता है।

    इस धारा के अनुसार, यदि कोई सामान्य वाहक (Common Carrier) या गोदाम मालिक (Warehouse Operator) अपने व्यवसाय के रूप में विदेशी शराब (Foreign Liquor) को परिवहन (Transport) या भंडारण (Storage) कर रहा है, तो इस पर प्रतिबंध नहीं लगेगा। हालांकि, यह छूट केवल विदेशी शराब पर लागू होती है और यह "Denatured Spirit" (जो कि विशेष रूप से औद्योगिक उपयोग के लिए बनाई जाती है) पर लागू नहीं होती।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी लॉजिस्टिक्स कंपनी (Logistics Company) को एक शराब निर्माता से अधिकृत रिटेलर (Retailer) तक शराब पहुंचाने का कार्य दिया गया है, तो वह बड़ी मात्रा में मदिरा को परिवहन कर सकती है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति निजी रूप से इस बहाने से शराब रखता है, तो यह गैरकानूनी होगा।

    इसी तरह, यदि किसी गोदाम मालिक को सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है कि वह खुदरा विक्रेताओं (Retail Vendors) के लिए शराब संग्रहित करे, तो वह इस सीमा से मुक्त रहेगा।

    धारा 19(3) – लाइसेंसधारियों के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध (Additional Restrictions on Licensed Vendors)

    धारा 19(3) के तहत, शराब बेचने के लिए अधिकृत लाइसेंसधारकों (Licensed Vendors) पर भी कुछ अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।

    इस प्रावधान के अनुसार, एक लाइसेंस प्राप्त विक्रेता (Licensed Vendor) केवल उसी स्थान पर मदिरा रख सकता है जो उसके लाइसेंस में उल्लिखित है। यदि वह किसी अन्य स्थान पर मदिरा का भंडारण करता है, तो यह अवैध होगा। इसके अलावा, वह सरकार द्वारा तय अधिकतम सीमा से अधिक मदिरा बिना अनुमति के नहीं रख सकता।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी शराब विक्रेता को अपने स्टोर में अधिकतम 50 लीटर मदिरा रखने की अनुमति है, तो वह इसे किसी अन्य स्थान, जैसे कि अपने घर या किसी अन्य अनधिकृत गोदाम में नहीं रख सकता। यदि वह ऐसा करता है, तो यह धारा 19(3) का उल्लंघन माना जाएगा और उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

    यह नियम यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि मदिरा केवल अधिकृत स्थानों पर ही उपलब्ध हो और इसे अवैध रूप से वितरित न किया जाए।

    धारा 19(4) – राज्य सरकार को अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का अधिकार (Power of State Government to Impose Additional Restrictions)

    धारा 19(4) के तहत, राज्य सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह एक आधिकारिक अधिसूचना (Notification) जारी करके किसी भी व्यक्ति या समूह के लिए मदिरा रखने पर अतिरिक्त प्रतिबंध (Additional Restrictions) लगा सकती है।

    राज्य सरकार किसी विशेष क्षेत्र (Specific Area) या पूरे राज्य में किसी भी व्यक्ति या वर्ग को मदिरा रखने से प्रतिबंधित कर सकती है। यह प्रतिबंध पूर्ण रूप से (Absolutely) लगाया जा सकता है या कुछ विशेष शर्तों (Conditions) के तहत लागू किया जा सकता है।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी क्षेत्र में चुनाव हो रहे हैं और राज्य सरकार को लगता है कि वहां शराब के कारण हिंसा भड़क सकती है, तो सरकार इस अधिसूचना के माध्यम से वहां मदिरा रखने पर रोक लगा सकती है।

    इसी तरह, यदि किसी विशेष जनजातीय क्षेत्र (Tribal Area) में शराब के अधिक सेवन से सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो सरकार वहां मदिरा की बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लगा सकती है।

    इस प्रावधान का उद्देश्य समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखना है, ताकि किसी भी परिस्थिति में मदिरा का दुरुपयोग न हो सके।

    धारा 19 के उल्लंघन के कानूनी परिणाम (Legal Consequences of Violating Section 19)

    जो भी व्यक्ति धारा 19 का उल्लंघन करता है, उसे सख्त कानूनी दंड (Legal Penalty) का सामना करना पड़ सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक मदिरा के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ जुर्माना (Fine), मदिरा की जब्ती (Seizure of Liquor) और गंभीर मामलों में जेल (Imprisonment) की सजा भी हो सकती है।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस या अनुमति के बड़ी मात्रा में मदिरा बेचने या संग्रहीत करने का प्रयास करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और उसे जेल भी हो सकती है।

    आबकारी विभाग (Excise Department) इस कानून को लागू करने के लिए नियमित निरीक्षण करता है और कानून के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करता है।

    धारा 19 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो यह सुनिश्चित करता है कि मदिरा का वैध और नियंत्रित वितरण हो और इसे अवैध रूप से संग्रहीत या बेचा न जाए। यह कानून आम लोगों और लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं दोनों पर लागू होता है और इसका उद्देश्य अवैध व्यापार को रोकना और समाज में शांति बनाए रखना है।

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