अशांत क्षेत्रों में हथियारों की रोकथाम: आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 24A

Himanshu Mishra

26 Dec 2024 8:32 PM IST

  • अशांत क्षेत्रों में हथियारों की रोकथाम: आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 24A

    आर्म्स एक्ट, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में हथियारों और गोला-बारूद (Ammunition) के अधिग्रहण, निर्माण, बिक्री और हस्तांतरण को नियंत्रित करता है। इस कानून की धारा 24A अशांत क्षेत्रों में कुछ हथियारों के कब्जे पर रोक लगाने का प्रावधान करती है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और हथियारों के उपयोग से अपराधों को रोकना है। इस लेख में, हम धारा 24A को सरल हिंदी में समझेंगे और प्रत्येक प्रावधान का उदाहरण देंगे।

    धारा 24A क्या है? (What is Section 24A?)

    धारा 24A सरकार को अधिकार देती है कि जब किसी क्षेत्र में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था (Public Peace and Tranquility) बाधित हो रही हो या ऐसी बाधा उत्पन्न होने की संभावना हो, तो वह उस क्षेत्र में हथियारों पर रोक लगाने के लिए अधिसूचना (Notification) जारी कर सके। इसका उद्देश्य अपराधों को रोकना और अशांति फैलने से बचाना है।

    अशांत क्षेत्र घोषित करने का अधिकार (Authority to Declare Disturbed Areas)

    धारा 24A की उपधारा (Sub-section) 1 सरकार को अधिकार देती है कि जब यह तय हो:

    1. किसी क्षेत्र में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था भंग हो रही है, या

    2. ऐसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा है,

    तो वह सरकारी गजट (Official Gazette) में अधिसूचना जारी कर सकती है। इसमें क्षेत्र की सीमा और उन हथियारों का विवरण दिया जाएगा, जिन पर रोक लगाई जा रही है। उदाहरण के लिए, यदि किसी क्षेत्र में दंगों (Riots) में स्वचालित हथियार (Automatic Weapons) का उपयोग हो रहा है, तो सरकार उस क्षेत्र को अशांत घोषित कर सकती है और ऐसे हथियारों पर रोक लगा सकती है।

    अधिसूचित हथियार जमा करने की अनिवार्यता (Mandatory Deposit of Notified Arms)

    धारा के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के बाद, उस क्षेत्र में मौजूद हर व्यक्ति को अधिसूचित हथियारों (Notified Arms) को एक निर्धारित तिथि तक जमा करना होगा। यह तिथि अधिसूचना के प्रकाशन के चार दिनों के बाद से शुरू होती है।

    उदाहरण के लिए, यदि अधिसूचना 1 मार्च को जारी होती है और इसमें कहा गया है कि सभी स्वचालित पिस्तौल (Automatic Pistols) 5 मार्च तक जमा की जानी चाहिए, तो उस क्षेत्र में इन पिस्तौलों के मालिकों को इन्हें निर्धारित केंद्र पर जमा करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते, तो उनकी यह संपत्ति गैरकानूनी (Unlawful) मानी जाएगी।

    अधिसूचना अवधि में हथियार रखने पर प्रतिबंध (Prohibition of Possession During Notification Period)

    उपधारा 1(c) के अनुसार, अधिसूचना अवधि (Notification Period) के दौरान अशांत क्षेत्र में अधिसूचित हथियारों को अपने पास रखना अवैध (Illegal) होगा। यह प्रतिबंध अन्य किसी भी कानून या इस अधिनियम के प्रावधानों पर प्राथमिकता रखता है, सिवाय धारा 41 के।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के पास लाइसेंस प्राप्त (Licensed) हथियार है और वह अशांत क्षेत्र में रहता है, तो उसे अधिसूचना अवधि के दौरान उस हथियार को अपने पास रखने की अनुमति नहीं होगी।

    अधिकृत अधिकारियों के अधिकार: तलाशी और ज़ब्ती (Powers of Authorized Officers: Searches and Seizures)

    उपधारा 1(d) सरकार द्वारा नामित अधिकारियों को तलाशी (Search) और ज़ब्ती (Seizure) का अधिकार देती है। ये अधिकारी:

    1. किसी व्यक्ति, स्थान, वाहन, या किसी भी वस्तु की तलाशी ले सकते हैं, यदि उन्हें संदेह हो कि अधिसूचित हथियार वहां छुपाए गए हैं।

    2. अधिसूचित हथियारों को जब्त कर सकते हैं और अधिसूचना अवधि तक उन्हें अपने पास रख सकते हैं।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी पुलिस अधिकारी को संदेह है कि किसी घर में अवैध हथियार रखे गए हैं, तो वह उस घर की तलाशी ले सकता है और पाए गए हथियारों को जब्त कर सकता है।

    अधिसूचना अवधि की सीमा (Duration of Notification Period)

    उपधारा (2) के अनुसार, अधिसूचना की प्रारंभिक अवधि अधिकतम 90 दिनों तक हो सकती है। यदि अशांति बनी रहती है, तो सरकार इस अवधि को 90 दिनों के अंतराल (Interval) में बढ़ा सकती है।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी क्षेत्र में हिंसा 90 दिनों के बाद भी समाप्त नहीं होती, तो सरकार अधिसूचना को और 90 दिनों के लिए बढ़ा सकती है।

    दंड प्रक्रिया संहिता का उपयोग (Applicability of Code of Criminal Procedure)

    उपधारा (3) यह सुनिश्चित करती है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) के प्रावधान तलाशी और ज़ब्ती पर लागू होंगे। यह प्रक्रिया के दौरान उचितता (Fairness) और अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

    उदाहरण के लिए, किसी तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे बिना वजह किसी व्यक्ति को परेशान न करें और उचित प्रक्रिया का पालन करें।

    हथियार और अवधि विस्तार की परिभाषा (Definition of Arms and Period Extension)

    उपधारा (4) निम्नलिखित स्पष्टीकरण देती है:

    • हथियार में गोला-बारूद शामिल हैं (Arms Include Ammunition): अधिसूचना न केवल हथियारों पर, बल्कि उनके साथ उपयोग होने वाले गोला-बारूद पर भी लागू होती है।

    • अवधि विस्तार (Period Extension): यदि अधिसूचना की अवधि बढ़ाई जाती है, तो इसे अधिसूचना के हर संदर्भ में शामिल किया जाएगा।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी क्षेत्र में पिस्तौल और उसके कारतूस (Cartridges) पर प्रतिबंध लगाया गया है, तो व्यक्ति को पिस्तौल के साथ-साथ उसके कारतूस भी जमा करने होंगे।

    वास्तविक उदाहरण और काल्पनिक परिदृश्य (Real-Life Applications and Hypothetical Scenarios)

    इस प्रावधान को बेहतर समझने के लिए निम्नलिखित उदाहरण उपयोगी हो सकते हैं:

    1. दंगों का प्रकोप: किसी शहर में हिंसक दंगे हो रहे हैं, और उनमें हथियारों का उपयोग हो रहा है। सरकार उस क्षेत्र को अशांत घोषित करती है और स्वचालित राइफलों (Automatic Rifles) पर रोक लगाती है। लोग अपने हथियार निर्धारित समय तक जमा कर देते हैं।

    2. सीमावर्ती तस्करी (Cross-Border Smuggling): सीमा क्षेत्र में अवैध हथियारों की तस्करी हो रही है। सरकार अधिसूचना जारी कर विदेशी निर्मित हथियारों (Foreign-Made Firearms) पर प्रतिबंध लगाती है और तलाशी अभियान चलाती है।

    3. उत्सव के दौरान हिंसा: किसी उत्सव के दौरान सामुदायिक झगड़े बढ़ जाते हैं। सरकार क्षेत्र में तलवारों (Swords) और खंजरों (Daggers) पर प्रतिबंध लगाकर स्थिति को नियंत्रित करती है।

    आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 24A अशांत क्षेत्रों में हथियारों के उपयोग को रोकने के लिए एक प्रभावी प्रावधान है। यह सरकार को सुरक्षा बनाए रखने और नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार देता है। अधिसूचना, तलाशी और ज़ब्ती की प्रक्रियाओं के साथ, यह धारा शांति बहाल करने में सहायक है।

    इस धारा की उचित जानकारी कानूनविदों (Legal Practitioners), पुलिस अधिकारियों, और आम जनता के लिए आवश्यक है ताकि वे कानून का पालन करें और समाज में शांति बनाए रखें।

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