आबकारी अधिकारियों के निर्माण और बिक्री के स्थानों में प्रवेश और निरीक्षण के अधिकार : धारा 43, 44 राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950

Himanshu Mishra

23 Jan 2025 12:28 PM

  • आबकारी अधिकारियों के निर्माण और बिक्री के स्थानों में प्रवेश और निरीक्षण के अधिकार : धारा 43, 44 राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950

    राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act, 1950) के अध्याय VIII में अधिकारियों को आबकारी कानूनों (Excise Laws) के पालन को सुनिश्चित करने, शराब और अन्य उत्पादों के निर्माण (Manufacture) और बिक्री (Sale) की निगरानी करने और अपराधों की जांच (Investigation) के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं। इस लेख में हम सरल भाषा में धारा 43 और 44 की व्याख्या करेंगे, जिससे हर कोई इसे आसानी से समझ सके।

    धारा 43: निर्माण और बिक्री के स्थानों में प्रवेश और निरीक्षण (Power to Enter and Inspect Places of Manufacture and Sale)

    धारा 43 के तहत आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) और अन्य अधिकारी, जिनका पद राज्य सरकार (State Government) द्वारा निर्धारित किया गया हो, को अधिकार दिया गया है कि वे उन स्थानों पर प्रवेश (Entry) और निरीक्षण (Inspection) कर सकें, जहां आबकारी वस्तुओं (Excisable Goods) का निर्माण, भंडारण (Storage) या बिक्री की जाती है।

    उपधारा (a) के अनुसार, अधिकारी दिन या रात में किसी भी समय ऐसे स्थान पर प्रवेश कर सकते हैं, जहां लाइसेंसधारी (Licensed Manufacturer) आबकारी वस्तुओं का निर्माण या भंडारण करता है।

    उदाहरण के लिए, यदि एक लाइसेंस प्राप्त डिस्टिलरी (Distillery) में शराब का उत्पादन हो रहा है, तो अधिकारी किसी भी समय यह जांच करने जा सकते हैं कि उत्पादन सीमाओं और गुणवत्ता मानकों (Quality Standards) का पालन हो रहा है या नहीं।

    उपधारा (b) के तहत, अधिकारी उन स्थानों का निरीक्षण कर सकते हैं जहां आबकारी वस्तुओं की बिक्री होती है। यह निरीक्षण बिक्री के लिए अनुमत समय (Permitted Sale Hours) के दौरान या किसी अन्य समय, जब दुकान खुली हो, किया जा सकता है।

    उदाहरण के लिए, यदि एक शराब की दुकान सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती है, तो अधिकारी इस अवधि में या दुकान खुली होने पर किसी भी समय निरीक्षण कर सकते हैं।

    उपधारा (c) अधिकारियों को किताबें, खाते (Accounts), रजिस्टर (Registers), सामग्री (Materials), उपकरण (Equipment), और आबकारी वस्तुओं की जांच (Examination) का अधिकार देती है।

    अधिकारी इनका परीक्षण (Testing), माप (Measurement) या वजन (Weighing) कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक दुकान पर स्टॉक (Stock) में गड़बड़ी पाई जाती है, तो अधिकारी स्टॉक का वजन कर रिकॉर्ड की जांच कर सकते हैं।

    उपधारा (d) अधिकारियों को किसी भी गलत माप, वजन या परीक्षण उपकरण (Testing Instruments) को जब्त (Seize) करने का अधिकार देती है।

    यदि कोई विक्रेता ग्राहकों को धोखा देने के लिए गलत माप का उपयोग करता है, तो अधिकारी इन उपकरणों को जब्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक शराब की दुकान में खराब मापने वाले गिलास का उपयोग हो रहा है, तो अधिकारी इसे जब्त कर सकते हैं।

    इस धारा का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता (Transparency) सुनिश्चित करना और यह देखना है कि लाइसेंसधारक कानून का पालन कर रहे हैं। यह अनियमितताओं (Irregularities) जैसे कि अवैध भंडारण (Illegal Storage), अधिक उत्पादन (Overproduction), या मिलावटी वस्तुओं की बिक्री (Sale of Adulterated Goods) को रोकने में मदद करता है।

    धारा 44: अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों की जांच का अधिकार (Power to Investigate Offenses Punishable under the Act)

    धारा 44 आबकारी अधिकारियों को इस अधिनियम के तहत अपराधों की जांच (Investigation of Offenses) करने का अधिकार देती है। यह अधिकार उन अधिकारियों को दिया जाता है जिनका पद राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया हो।

    उपधारा (1) के अनुसार, अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) में हुए किसी भी अपराध की जांच कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी जिले में अवैध डिस्टिलरी का पता चलता है, तो अधिकारी अपराधियों की पहचान करने और सबूत (Evidence) जुटाने के लिए जांच शुरू कर सकते हैं।

    उपधारा (2) अधिकारियों को जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों के समान अधिकार देती है, जैसा कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) के अध्याय XII में वर्णित है।

    इन अधिकारों में सबूत एकत्र करना (Collecting Evidence), बयान दर्ज करना (Recording Statements), और तलाशी (Search) या जब्ती (Seizure) करना शामिल है।

    उदाहरण के लिए, यदि किसी अधिकारी को शक है कि किसी अवैध फैक्ट्री (Illegal Factory) में शराब का उत्पादन हो रहा है, तो वे उस स्थान की तलाशी ले सकते हैं, उपकरण जब्त कर सकते हैं, और नमूने (Samples) परीक्षण के लिए भेज सकते हैं।

    इसके अलावा, इस उपधारा के तहत, विशेष रूप से अधिकार प्राप्त अधिकारी (Specially Empowered Officers) बिना मजिस्ट्रेट को सूचित किए जांच रोक सकते हैं।

    हालांकि, उन्हें इसके कारण लिखित में दर्ज (Record in Writing) करने होंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी अधिकारी को यह पता चलता है कि अवैध शराब उत्पादन की शिकायत गलत है, तो वे जांच को रोक सकते हैं और अपने निष्कर्ष दर्ज कर सकते हैं।

    व्याख्या को समझाने के लिए उदाहरण (Illustrations to Explain the Powers and Duties)

    1. डिस्टिलरी का निरीक्षण (Inspection of a Distillery)

    मान लीजिए, एक आबकारी अधिकारी रात में एक लाइसेंस प्राप्त डिस्टिलरी का निरीक्षण करता है और पाता है कि उत्पादन निर्धारित सीमा से अधिक हो रहा है। वे तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं, जैसे कि अतिरिक्त वस्तुओं को जब्त करना या लाइसेंस निलंबित (Suspend) करना।

    2. तस्करी की जांच (Investigation of Smuggling)

    एक आबकारी अधिकारी को जानकारी मिलती है कि शराब को राज्य की सीमाओं के पार तस्करी (Smuggling) की जा रही है। अपने जांच अधिकारों का उपयोग करते हुए, वे तलाशी अभियान (Search Operation) चलाते हैं, अवैध वस्तुओं को जब्त करते हैं, और दोषियों को गिरफ्तार (Arrest) करते हैं।

    3. गलत माप उपकरण की जब्ती (Seizure of False Measuring Instruments)

    निरीक्षण के दौरान, अधिकारी पाते हैं कि एक शराब की दुकान पर गलत मापने वाले गिलास का उपयोग हो रहा है। वे इसे जब्त कर लेते हैं और विक्रेता को कानूनी परिणामों (Legal Consequences) के बारे में चेतावनी देते हैं।

    4. अप्रासंगिक जांच रोकना (Stopping a Frivolous Investigation)

    एक आबकारी अधिकारी अवैध शराब उत्पादन की शिकायत की जांच करता है, लेकिन कोई सबूत नहीं पाता। चूंकि उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त हैं, वे मामले को बंद कर देते हैं और अपने निष्कर्ष दर्ज कर लेते हैं।

    इन धाराओं का महत्व (Importance of Sections 43 and 44)

    धारा 43 और 44 के तहत अधिकारियों को दिए गए अधिकार राजस्थान आबकारी अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू (Effective Enforcement) करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    ये प्रावधान आबकारी प्रणाली (Excise System) की पारदर्शिता और कानून के अनुपालन (Compliance) को सुनिश्चित करते हैं। अधिकारियों को दिए गए निरीक्षण और जांच के अधिकार यह सुनिश्चित करते हैं कि निर्माता और विक्रेता कानूनी नियमों का पालन करें।

    राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 की धारा 43 और 44 आबकारी अधिकारियों को महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान करती है, जिससे वे आबकारी उद्योग (Excise Industry) में कानून और व्यवस्था बनाए रख सकें। निरीक्षण और जांच की शक्तियों से पारदर्शिता और जवाबदेही (Accountability) को बढ़ावा मिलता है।

    इसके अलावा, जांच को रोकने जैसे प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि इन अधिकारों का दुरुपयोग (Misuse) न हो। कुल मिलाकर, ये प्रावधान आबकारी क्षेत्र में निष्पक्षता और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

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