Boards के अधिकार और कार्य: वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 16-17
Himanshu Mishra
1 Aug 2025 9:16 PM IST

वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981, हवा की गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण को रोकने के अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (State Pollution Control Boards) दोनों को महत्वपूर्ण अधिकार देता है।
अधिनियम का अध्याय III विशेष रूप से इन निकायों को सौंपे गए कार्यों की विस्तृत श्रृंखला का वर्णन करता है, जिसमें उनकी सलाहकार (Advisory), नियोजन (Planning), समन्वयकारी (Coordinative) और प्रवर्तन (Enforcement) भूमिकाएँ शामिल हैं। ये प्रावधान वायु प्रदूषण को संबोधित करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण (Multi-faceted Approach) सुनिश्चित करते हैं, राष्ट्रीय नीति निर्माण (National Policy Formulation) से लेकर स्थानीय-स्तर पर कार्यान्वयन (Local-level Implementation) और निगरानी (Monitoring) तक।
केंद्रीय बोर्ड के कार्य (Functions of the Central Board)
धारा 16 राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन (National Air Quality Management) में अपनी व्यापक भूमिका पर जोर देते हुए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Pollution Control Board - CPCB) के प्राथमिक और विशिष्ट कार्यों को व्यापक रूप से रेखांकित करती है।
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, CPCB का मुख्य कार्य देश भर में हवा की गुणवत्ता में सुधार करना और वायु प्रदूषण को रोकना, नियंत्रित करना या कम करना है। जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत अपने मौजूदा कर्तव्यों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना इस प्राथमिक लक्ष्य को प्राप्त किया जाना है, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए एक समेकित दृष्टिकोण (Consolidated Approach) को उजागर करता है।
उदाहरण के लिए, जैसे एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन पूरे देश के लिए बीमारियों को रोकने की योजना बनाता है, वैसे ही CPCB का लक्ष्य पूरे भारत में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करना है।
अधिक विशेष रूप से, केंद्रीय बोर्ड को कई प्रमुख शक्तियाँ और जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं:
• यह वायु गुणवत्ता सुधार और प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित किसी भी मामले पर केंद्र सरकार (Central Government) के लिए एक महत्वपूर्ण सलाहकार (Crucial Advisor) के रूप में कार्य करता है। मान लीजिए सरकार को यह तय करना है कि वाहनों से निकलने वाले धुएं के नए नियम क्या हों; CPCB उन्हें वैज्ञानिक डेटा और विशेषज्ञ सलाह देता है।
• CPCB को वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम (Nationwide Programme) की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने का कार्य सौंपा गया है, जो रणनीतिक राष्ट्रीय पहलों (Strategic National Initiatives) में इसकी भूमिका को दर्शाता है। यह एक देशव्यापी स्वच्छ हवा अभियान चलाने जैसा है।
• यह राज्य बोर्डों के बीच एक महत्वपूर्ण समन्वयकारी भूमिका (Coordinating Role) निभाता है, उनकी गतिविधियों में सामंजस्य स्थापित करने और उनके बीच उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद को हल करने के लिए काम करता है। कल्पना कीजिए कि एक राज्य दूसरे राज्य की प्रदूषण नीतियों से असहमत है; CPCB मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
• बोर्ड राज्य बोर्डों को तकनीकी सहायता (Technical Assistance) और मार्गदर्शन (Guidance) प्रदान करता है, और वायु प्रदूषण की समस्याओं और उनकी रोकथाम, नियंत्रण या कमी से संबंधित जांच और अनुसंधान (Investigations and Research) को सक्रिय रूप से करता और प्रायोजित (Sponsors) करता है। जैसे एक विशेषज्ञ चिकित्सक अन्य डॉक्टरों को नई उपचार विधियों पर सलाह देता है और शोध करता है, वैसे ही CPCB राज्यों की मदद करता है।
• बाद में जोड़ा गया एक विशिष्ट कार्य CPCB को किसी भी राज्य बोर्ड के कुछ कार्यों को करने की अनुमति देता है जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा धारा 18(2) के तहत दिए गए आदेश में निर्दिष्ट किया जा सकता है, जो आवश्यकता पड़ने पर इसके हस्तक्षेप (Step in) की क्षमता को दर्शाता है। यह तब होता है जब एक राज्य बोर्ड अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहता है, तो CPCB उसकी जगह ले सकता है।
• यह वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रमों में शामिल या शामिल होने वाले व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षण (Training) की योजना बनाने और उसे व्यवस्थित करने के लिए जिम्मेदार है, ऐसे प्रशिक्षण के लिए नियम और शर्तें निर्धारित करता है। यह प्रदूषण से लड़ने वाले कर्मचारियों के लिए एक राष्ट्रीय प्रशिक्षण अकादमी चलाने जैसा है।
• CPCB जनसंचार माध्यमों (Mass Media) के माध्यम से बड़े पैमाने पर जन जागरूकता (Public Awareness) चलाता है, वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित व्यापक कार्यक्रम आयोजित करता है। यह टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया पर स्वच्छ हवा के बारे में जागरूकता अभियान चलाने जैसा है।
• इसका कर्तव्य वायु प्रदूषण से संबंधित तकनीकी और सांख्यिकीय डेटा (Technical and Statistical Data) को एकत्र करना, संकलित करना और प्रकाशित करना है, जिसमें इसके प्रभावी प्रबंधन के उपाय भी शामिल हैं, और वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी से संबंधित मैनुअल (Manuals), कोड (Codes) या गाइड (Guides) तैयार करना है। यह प्रदूषण के आंकड़े इकट्ठा करने और उन्हें कम करने के तरीके बताने वाली किताबें लिखने जैसा है।
• निर्णायक रूप से, केंद्रीय बोर्ड को वायु की गुणवत्ता के लिए मानक (Standards for the Quality of Air) निर्धारित करने का अधिकार है, जो परिवेशी वायु गुणवत्ता (Ambient Air Quality) के लिए एक राष्ट्रीय बेंचमार्क (National Benchmark) प्रदान करता है। यह निर्धारित करने जैसा है कि पूरे देश में हवा कितनी साफ होनी चाहिए।
• यह वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों के संबंध में जानकारी एकत्र और प्रसारित (Collect and Disseminate Information) भी करता है, ज्ञान के लिए एक केंद्रीय भंडार (Central Repository) और सूचना केंद्र (Clearinghouse) के रूप में कार्य करता है।
• इन विशिष्ट भूमिकाओं से परे, CPCB कोई भी अन्य कार्य (Other Functions) भी कर सकता है जैसा निर्धारित किया जा सकता है।
अपने कार्यों को कुशलता से करने के लिए, CPCB को प्रयोगशालाएँ (Laboratories) स्थापित या मान्यता (Recognize) देने का अधिकार है। इसके अलावा, केंद्रीय बोर्ड को अधिनियम के तहत अपने किसी भी कार्य को सामान्यतः या विशेष रूप से, अपनी नियुक्त समितियों (Appointed Committees) को प्रत्यायोजित (Delegate) करने का अधिकार है। यह अपने कार्यों के उचित निर्वहन (Proper Discharge) और सामान्य रूप से इस अधिनियम के उद्देश्यों को प्रभावी करने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले अन्य कार्य भी कर सकता है।
राज्य बोर्ड के कार्य (Functions of State Boards)
धारा 17 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (SPCBs) के समान रूप से महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण देती है, जो अपने संबंधित राज्यों के भीतर उनकी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करती है, अक्सर केंद्रीय बोर्ड की पहलों का पूरक (Complementing) होती है। ये कार्य अधिनियम के प्रावधानों के अधीन किए जाने हैं और जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत उनके किसी भी कार्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना।
राज्य बोर्ड के प्राथमिक कार्यों में शामिल हैं:
• राज्य के भीतर वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी के लिए एक व्यापक कार्यक्रम (Comprehensive Programme) की योजना बनाना और उसके प्रभावी निष्पादन (Execution) को सुनिश्चित करना। यह अपने राज्य के लिए एक विस्तृत स्वच्छ हवा योजना बनाने और उसे लागू करने जैसा है।
• वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी से संबंधित सभी मामलों पर राज्य सरकार (State Government) को सलाह देना, राज्य नीति के लिए एक प्रमुख विशेषज्ञ निकाय (Key Expert Body) के रूप में कार्य करना। जब राज्य सरकार को किसी फैक्ट्री के लिए प्रदूषण नियंत्रण नियम बनाने हों, तो वे SPCB से सलाह लेते हैं।
• अपने अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) के भीतर विशेष रूप से वायु प्रदूषण से संबंधित जानकारी एकत्र करना और प्रसारित करना। जैसे एक स्थानीय मौसम विभाग अपने क्षेत्र के मौसम पर जानकारी देता है, वैसे ही SPCB स्थानीय वायु गुणवत्ता पर जानकारी एकत्र करता है।
• वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी से संबंधित कार्यक्रमों में लगे या लगने वाले व्यक्तियों के प्रशिक्षण (Training) को व्यवस्थित करने में केंद्रीय बोर्ड के साथ सहयोग करना और उससे संबंधित जन-शिक्षा कार्यक्रम (Mass-education Programme) आयोजित करना। वे CPCB के साथ मिलकर काम करते हैं और लोगों को प्रदूषण के बारे में शिक्षित करने के लिए स्थानीय कार्यक्रम चलाते हैं।
• किसी भी नियंत्रण उपकरण (Control Equipment), औद्योगिक संयंत्र (Industrial Plant) या निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process) का सभी उचित समय पर निरीक्षण (Inspect) करना। इसे ऐसे व्यक्तियों को आदेश द्वारा निर्देश (Directions by Order) देने की शक्ति भी है जिन्हें यह वायु प्रदूषण की रोकथाम या नियंत्रण के लिए कदम उठाने के लिए आवश्यक समझे। एक SPCB अधिकारी किसी फैक्ट्री में जाकर यह जांच सकता है कि प्रदूषण नियंत्रण उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।
• वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रों का आवश्यक अंतराल पर निरीक्षण करना, वहां की हवा की गुणवत्ता का आकलन करना और ऐसे क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण या कमी के लिए कदम उठाना। वे नियमित रूप से शहर में हवा की गुणवत्ता की जांच करते हैं।
• केंद्रीय बोर्ड के परामर्श (Consultation) से और केंद्रीय बोर्ड द्वारा निर्धारित वायु की गुणवत्ता के मानकों (Standards for the Quality of Air) को ध्यान में रखते हुए, औद्योगिक संयंत्रों (Industrial Plants) और ऑटोमोबाइल (Automobiles) से वायुमंडल (Atmosphere) में वायु प्रदूषकों के उत्सर्जन (Emission of Air Pollutants) के लिए मानक निर्धारित करना या किसी अन्य स्रोत (जहाज या विमान को छोड़कर) से वायुमंडल में किसी भी वायु प्रदूषक के निर्वहन (Discharge) के लिए मानक निर्धारित करना। एक परंतुक (Proviso) विभिन्न औद्योगिक संयंत्रों (Industrial Plants) के लिए उनके उत्सर्जन की मात्रा और संरचना के आधार पर अलग-अलग उत्सर्जन मानक (Different Emission Standards) निर्धारित करने की अनुमति देता है। यह तय करने जैसा है कि कारों और फैक्ट्रियों से कितना धुआँ निकल सकता है।
• किसी भी परिसर (Premises) या स्थान (Location) की उपयुक्तता (Suitability) के संबंध में राज्य सरकार को सलाह देना जो किसी ऐसे उद्योग को चलाने के लिए उपयुक्त हो जिससे वायु प्रदूषण होने की संभावना है, यह एक महत्वपूर्ण निवारक उपाय (Preventative Measure) है। यदि कोई नई फैक्ट्री बन रही है, तो SPCB सरकार को बताता है कि क्या वह स्थान प्रदूषण के लिए उपयुक्त है।
• कोई भी अन्य कार्य (Other Functions) करना जैसा निर्धारित किया जा सकता है या जिसे केंद्रीय बोर्ड या राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर उसे सौंपा जा सकता है।
• अपने कार्यों के उचित निर्वहन के लिए और सामान्य रूप से इस अधिनियम के उद्देश्यों को प्रभावी करने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले अन्य कार्य करना।
अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए, एक राज्य बोर्ड को राज्य के भीतर प्रयोगशालाएँ (Laboratories) स्थापित या मान्यता देने का भी अधिकार है, जो केंद्रीय बोर्ड के समान है, जिससे निगरानी (Monitoring) और विश्लेषण (Analysis) के लिए इसकी क्षमता मजबूत होती है।
केंद्रीय और राज्य बोर्डों दोनों के लिए ये विस्तृत कार्य एक मजबूत विधायी ढाँचे (Legislative Framework) को रेखांकित करते हैं जिसे वायु प्रदूषण को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, राष्ट्रीय नीति और अनुसंधान से लेकर जमीनी स्तर पर निगरानी, प्रवर्तन (Enforcement), और जन जागरूकता तक।

