हथियारों और गोला-बारूद के निर्माण, बिक्री और हस्तांतरण के लिए लाइसेंस: शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 5
Himanshu Mishra
30 Nov 2024 7:14 PM IST
शस्त्र अधिनियम, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में हथियारों और गोला-बारूद (Ammunition) के अधिग्रहण, स्वामित्व, उपयोग और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है।
इसकी धारा 5 मुख्य रूप से हथियारों और गोला-बारूद के निर्माण (Manufacture), बिक्री (Sale), हस्तांतरण (Transfer), और उनसे संबंधित गतिविधियों के लाइसेंसिंग पर ध्यान केंद्रित करती है। यह प्रावधान धारा 3 और 4 का विस्तार है, जो हथियारों के व्यक्तिगत स्वामित्व और उपयोग पर लाइसेंस की अनिवार्यता को संबोधित करती है।
धारा 5 वाणिज्यिक गतिविधियों (Commercial Activities) के नियमन को और सख्त बनाती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हथियारों और गोला-बारूद का दुरुपयोग न हो। धारा 3 और 4 के बारे में विस्तार से जानने के लिए Live Law के पिछले लेख देखें।
बिना लाइसेंस गतिविधियों पर प्रतिबंध (Prohibition on Activities Without Licence)
धारा 5(1) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति बिना वैध लाइसेंस के हथियारों या गोला-बारूद की निम्नलिखित गतिविधियों में भाग नहीं ले सकता:
• उपयोग (Use),
• निर्माण (Manufacture),
• बिक्री (Sale),
• हस्तांतरण (Transfer),
• रूपांतरण (Conversion),
• मरम्मत (Repair),
• परीक्षण (Testing)।
इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त उद्देश्यों के लिए हथियारों या गोला-बारूद को अपने पास रखता है, तो उसे भी लाइसेंस लेना आवश्यक है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति हथियार मरम्मत (Repair) की कार्यशाला शुरू करना चाहता है, तो उसे पहले अधिनियम के तहत लाइसेंस प्राप्त करना होगा। इसी प्रकार, यदि कोई निर्माता गोला-बारूद बनाना चाहता है, तो उसे पहले लाइसेंस लेना होगा।
निजी बिक्री और हस्तांतरण के लिए छूट (Exemption for Private Sale or Transfer)
धारा 5(2) के तहत, यदि कोई व्यक्ति अपने निजी उपयोग के लिए वैध रूप से हथियार या गोला-बारूद रखता है, तो वह इसे किसी अन्य व्यक्ति को बेच या हस्तांतरित (Transfer) कर सकता है, बशर्ते कि वह अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों का उल्लंघन न करे।
निजी लेन-देन के लिए शर्तें (Conditions for Private Transactions)
निजी बिक्री या हस्तांतरण की अनुमति देने के लिए अधिनियम दो प्रमुख शर्तें लगाता है:
1. अधिकारियों को सूचना (Notification to Authorities):
हथियार या गोला-बारूद बेचने या हस्तांतरित करने वाला व्यक्ति जिले के मजिस्ट्रेट (District Magistrate) या निकटतम पुलिस स्टेशन को लिखित में सूचित करेगा। यह सूचना बिक्री या हस्तांतरण की मंशा और जिस व्यक्ति को बेचा जा रहा है, उसका नाम और पता शामिल करेगी।
उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के पास एक पिस्तौल (Pistol) है जिसे वह किसी अन्य व्यक्ति को बेचना चाहता है, तो उसे अपने इरादे के बारे में जिला मजिस्ट्रेट को लिखित सूचना देनी होगी।
2. प्रतीक्षा अवधि (Waiting Period):
अधिकारियों को सूचना देने के बाद, हस्तांतरणकर्ता को लेन-देन पूरा करने से पहले कम से कम 45 दिनों तक इंतजार करना होगा।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 1 जनवरी को लिखित सूचना देता है, तो वह 15 फरवरी से पहले लेन-देन पूरा नहीं कर सकता। यह प्रतीक्षा अवधि (Waiting Period) यह सुनिश्चित करने के लिए है कि संबंधित अधिकारी खरीददार की पात्रता की जांच कर सकें।
धारा 3 और 4 का प्रभाव (Applicability of Sections 3 and 4)
धारा 5 यह स्पष्ट करती है कि ऐसे हथियार या गोला-बारूद जिनके लिए धारा 3 या धारा 4 के तहत लाइसेंस की आवश्यकता होती है, उन्हें निजी बिक्री या हस्तांतरण की छूट के तहत नहीं बेचा जा सकता।
धारा 3: यह प्रावधान व्यक्तिगत उपयोग के लिए हथियार रखने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता को संबोधित करता है।
धारा 4: यह प्रावधान कुछ विशिष्ट हथियारों को नियंत्रित करने के लिए लाइसेंसिंग को विस्तार देता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां सार्वजनिक सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के पास राइफल (Rifle) है, जिसे धारा 3 के तहत लाइसेंस की आवश्यकता है, तो वह इसे निजी बिक्री के माध्यम से स्थानांतरित नहीं कर सकता। इसी प्रकार, धारा 4 के तहत आने वाले तलवार (Sword) जैसे हथियारों के लिए भी यह लागू होता है।
व्यावहारिक प्रभाव और सुरक्षा उपाय (Practical Implications and Safeguards)
धारा 5 के प्रावधान हथियारों और गोला-बारूद के व्यापार और निजी हस्तांतरण को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त प्रणाली स्थापित करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बिना लाइसेंस वाले व्यक्ति इस प्रक्रिया में शामिल न हों।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के हथियारों की मरम्मत (Repair) का काम करता है, तो वह अधिनियम का उल्लंघन करेगा और उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
सार्वजनिक हित और व्यक्तिगत अधिकार (Public Interest and Individual Rights)
धारा 5 सार्वजनिक सुरक्षा और व्यक्तिगत अधिकारों (Individual Rights) के बीच संतुलन स्थापित करती है। यह एक तरफ जहां हथियारों और गोला-बारूद के वाणिज्यिक उपयोग पर सख्त नियंत्रण लागू करती है, वहीं यह वैध मालिकों को सीमित शर्तों के तहत अपने हथियारों को स्थानांतरित करने की अनुमति देती है।
धारा 5, शस्त्र अधिनियम, 1959 का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह निर्माण, बिक्री और हस्तांतरण जैसी गतिविधियों के लिए लाइसेंस को अनिवार्य बनाकर सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
निजी लेन-देन के लिए धारा 5(2) के तहत दिए गए प्रावधान यह दर्शाते हैं कि अधिनियम सार्वजनिक सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता दोनों का ध्यान रखता है। धारा 3 और 4 के साथ मिलकर यह प्रावधान एक व्यापक नियामक ढांचा (Comprehensive Regulatory Framework) प्रदान करता है।
अधिक संदर्भ और संबंधित प्रावधानों को समझने के लिए, Live Law Hindi के पिछले लेखों को पढ़ें।