किरायेदार को बेदखल करने के कानूनी आधार – राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 9 भाग 2

Himanshu Mishra

20 March 2025 11:38 AM

  • किरायेदार को बेदखल करने के कानूनी आधार – राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 9 भाग 2

    राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 (Rajasthan Rent Control Act, 2001) किरायेदार (Tenant) और मकान मालिक (Landlord) के बीच संबंधों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम की धारा 9 यह तय करती है कि किन परिस्थितियों में मकान मालिक अपने किरायेदार को कानूनी रूप से बेदखल (Eviction) कर सकता है।

    भाग 1 में, किराया न देना, संपत्ति को नुकसान पहुँचाना, बिना अनुमति निर्माण करना, अनुचित गतिविधियाँ करना और संपत्ति का गलत उपयोग जैसे विभिन्न कारणों को समझाया गया था।

    लेकिन, बेदखली केवल इन कारणों तक सीमित नहीं है। धारा 9 (भाग 2) में कुछ अन्य परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है, जिनमें अवैध रूप से किराए पर देना (Unauthorized Sub-letting), मकान मालिक के स्वामित्व को नकारना (Denial of Landlord's Ownership), आवासीय संपत्ति का व्यावसायिक उपयोग करना (Commercial Use of Residential Property), नौकरी से जुड़े किराएदार (Employment-based Tenancy), मकान मालिक की वैध आवश्यकता (Bona Fide Requirement of Landlord), वैकल्पिक आवास (Alternative Accommodation), लंबे समय तक संपत्ति का उपयोग न करना (Non-use of Premises), भीड़भाड़ कम करने के लिए सरकारी आदेश (Government Orders to Reduce Overcrowding) और संरचनात्मक सुरक्षा (Structural Safety) शामिल हैं।

    अवैध रूप से किराए पर देना या कब्जा हस्तांतरित करना (Unauthorized Sub-Letting or Transfer of Possession)

    अगर यह साबित हो जाता है कि किरायेदार के अलावा कोई और व्यक्ति पूरी या आंशिक रूप से संपत्ति पर कब्जा (Possession) कर रहा है, तो यह माना जाएगा कि किरायेदार ने या तो संपत्ति को अवैध रूप से किराए पर दे दिया है या कब्जा सौंप दिया है।

    उदाहरण के लिए, अगर रमेश ने शर्मा जी से एक घर किराए पर लिया और फिर बिना बताए अपने चचेरे भाई को वहाँ रहने दिया, तो यह अवैध सब-लेटिंग मानी जाएगी। इस स्थिति में, मकान मालिक किरायेदार को बेदखल करने का अधिकार रखता है।

    मकान मालिक के स्वामित्व को नकारना (Denial of Landlord's Ownership)

    किरायेदार मकान मालिक के स्वामित्व को चुनौती नहीं दे सकता। अगर किरायेदार यह दावा करता है कि मकान मालिक असली मालिक नहीं है, तो यह बेदखली का वैध आधार होगा। हालांकि, अगर मकान मालिक पहले ही इस व्यवहार को नजरअंदाज कर चुका है, तो यह आधार मान्य नहीं रहेगा।

    उदाहरण के लिए, अगर कोई किरायेदार किराया देना बंद कर देता है और कहता है कि मकान मालिक संपत्ति का असली मालिक नहीं है, तो मकान मालिक बेदखली के लिए आवेदन कर सकता है।

    आवासीय संपत्ति का व्यावसायिक उपयोग (Commercial Use of Residential Property)

    अगर कोई संपत्ति आवासीय (Residential) उद्देश्य के लिए किराए पर दी गई थी, लेकिन किरायेदार उसे व्यावसायिक (Commercial) उपयोग में बदल देता है, तो यह किराया समझौते (Rent Agreement) का उल्लंघन होगा और मकान मालिक को बेदखली की अनुमति मिल सकती है।

    उदाहरण के लिए, अगर सुरेश एक अपार्टमेंट में रहने के लिए किराए पर लेता है, लेकिन बाद में वहाँ एक कोचिंग सेंटर खोल देता है, तो यह गैरकानूनी होगा। मकान मालिक इस आधार पर बेदखली के लिए आवेदन कर सकता है।

    नौकरी से जुड़े किराएदार का नौकरी छोड़ देना (Employment-Based Tenancy and Termination of Employment)

    अगर मकान मालिक ने किसी कर्मचारी को नौकरी के कारण रहने के लिए मकान दिया है और कर्मचारी अब वहाँ काम नहीं करता, तो मकान मालिक उसे बेदखल कर सकता है।

    उदाहरण के लिए, अगर एक बैंक अपने शाखा प्रबंधक (Branch Manager) को सरकारी मकान देता है, लेकिन बाद में वह नौकरी छोड़ देता है, तो उसे वह मकान खाली करना होगा।

    मकान मालिक की वास्तविक आवश्यकता (Bona Fide Requirement of Landlord)

    अगर मकान मालिक को खुद या अपने परिवार के लिए संपत्ति की जरूरत है, तो वह बेदखली की माँग कर सकता है। यह आवश्यकता वास्तविक (Genuine) होनी चाहिए और मकान मालिक को यह साबित करना होगा कि उसे मकान की वास्तव में जरूरत है।

    लेकिन, अगर इस आधार पर किरायेदार को बेदखल किया जाता है, तो मकान मालिक तीन साल तक इसे किसी और को किराए पर नहीं दे सकता। अगर उसने ऐसा किया, तो पहले वाला किरायेदार पुनः कब्जा (Restoration of Possession) पाने के लिए अदालत में याचिका (Petition) दायर कर सकता है।

    किरायेदार का वैकल्पिक आवास होना (Tenant Acquiring Alternative Suitable Accommodation)

    अगर किरायेदार ने कोई अन्य मकान खरीद लिया है या उसे कोई अन्य उपयुक्त (Suitable) मकान मिल गया है, तो वह किराए पर लिए गए मकान को जबरदस्ती नहीं रख सकता।

    उदाहरण के लिए, अगर राकेश एक किराए के अपार्टमेंट में रह रहा था और बाद में उसने एक बड़ा घर खरीद लिया, तो उसे पुराने किराए के मकान को खाली करना होगा।

    संपत्ति का लगातार 6 महीने तक उपयोग न करना (Non-Use of Premises for Six Months)

    अगर किरायेदार बिना किसी वैध कारण के 6 महीने तक संपत्ति का उपयोग नहीं करता, तो मकान मालिक उसे बेदखल कर सकता है।

    उदाहरण के लिए, अगर कोई दुकान 6 महीने तक बंद रहती है और उसमें कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं होती, तो मकान मालिक किरायेदार को बेदखल कर सकता है।

    सरकारी आदेशों के कारण बेदखली (Government Orders to Reduce Overcrowding)

    अगर किसी सरकारी प्राधिकरण (Government Authority) ने मकान मालिक को अधिक भीड़भाड़ (Overcrowding) कम करने का आदेश दिया है, तो मकान मालिक किरायेदार को बेदखल कर सकता है।

    उदाहरण के लिए, अगर एक कमरे के फ्लैट में एक व्यक्ति को किराए पर दिया गया था, लेकिन वहाँ 10 लोग रहने लगे, तो नगर निगम (Municipal Corporation) मकान मालिक को निर्देश दे सकता है कि वह किरायेदार को बाहर निकाले।

    संरचनात्मक सुरक्षा और विकास योजनाएँ (Structural Safety and Development Schemes)

    अगर कोई संपत्ति मानव निवास के लिए असुरक्षित (Unsafe) हो गई है या सरकार किसी सुधार योजना (Improvement Scheme) या विकास योजना (Development Scheme) के तहत भवन को ध्वस्त करना चाहती है, तो मकान मालिक किरायेदार को बेदखल कर सकता है।

    उदाहरण के लिए, अगर कोई 50 साल पुरानी इमारत गिरने की कगार पर है और नगरपालिका (Municipal Corporation) उसे असुरक्षित घोषित करती है, तो मकान मालिक किरायेदार को बाहर निकाल सकता है।

    राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 9 (भाग 2) बेदखली के कुछ अतिरिक्त कानूनी आधार प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करता है कि मकान मालिकों को उचित कारणों से संपत्ति वापस लेने का अधिकार मिले, लेकिन वे मनमाने तरीके से किरायेदारों को परेशान न करें। यह कानून मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

    किरायेदारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किराए के समझौते का पालन करें और मकान मालिक को उनकी संपत्ति पर वैध अधिकार मिले। वहीं, मकान मालिकों को भी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए ताकि बेदखली कानूनन सही हो।

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