राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 के तहत लाइसेंसधारी द्वारा धोखाधड़ी और उत्तरदायित्व
Himanshu Mishra
16 Jan 2025 12:25 PM

राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act, 1950) का उद्देश्य शराब और अन्य उत्पादों के निर्माण, बिक्री, और वितरण को विनियमित (Regulate) करना है।
इस अधिनियम के सेक्शन 63 और 64 विशेष रूप से लाइसेंसधारी (Licensed Manufacturer or Vendor) और उनके कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी (Fraud) और किसी अन्य व्यक्ति की ओर से किए गए कार्यों के लिए उत्तरदायित्व (Liability) तय करने पर केंद्रित हैं। ये प्रावधान उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए बनाए गए हैं।
सेक्शन 63: लाइसेंसधारी निर्माता या विक्रेता द्वारा धोखाधड़ी के लिए दंड
सेक्शन 63 उन धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधियों (Fraudulent Activities) को नियंत्रित करता है, जो लाइसेंसधारी निर्माता, विक्रेता, या उनके कर्मचारी उपभोक्ताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से करते हैं। यह सेक्शन विशेष रूप से उन मामलों पर लागू होता है, जहां शराब (Liquor) को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है या उसे जानबूझकर गलत तरीके से लेबल (Label) किया जाता है।
विदेशी शराब के रूप में देशी शराब बेचना या प्रदर्शित करना
यदि कोई लाइसेंसधारी निर्माता, विक्रेता, या उनका कर्मचारी ऐसी शराब बेचता है या बेचने के लिए प्रदर्शित करता है, जो देशी शराब (Country Liquor) या रेक्टिफाइड स्पिरिट (Rectified Spirit) से बनी हो, और उसे विदेशी शराब (Foreign Liquor) के रूप में पेश करता है, तो यह धोखाधड़ी मानी जाएगी। यह प्रावधान उपभोक्ताओं को सही जानकारी प्रदान करने और उन्हें धोखे से बचाने के लिए बनाया गया है।
शराब को विदेशी दिखाने के लिए गलत लेबल लगाना
सेक्शन 63 उन मामलों को भी दंडित करता है, जहां शराब की बोतलों, पैकेजों, या अन्य कंटेनरों पर ऐसा लेबल (Label) लगाया जाता है, जिससे यह लगे कि वह विदेशी शराब है, जबकि वह वास्तव में देशी शराब या रेक्टिफाइड स्पिरिट से बनी हो।
इस अपराध के लिए सजा में तीन महीने तक की कैद और 500 रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
उदाहरण
एक लाइसेंसधारी विक्रेता देशी शराब की बोतलों पर एक प्रसिद्ध विदेशी ब्रांड का नाम और डिज़ाइन लगाकर उन्हें अधिक कीमत पर बेचता है। जांच में यह पाया जाता है कि वह शराब देशी है। इस स्थिति में, सेक्शन 63 के तहत विक्रेता और इसमें शामिल कर्मचारी को सजा दी जा सकती है।
सेक्शन 64: किसी अन्य व्यक्ति की ओर से निर्माण, बिक्री, या कब्जा
सेक्शन 64 यह सुनिश्चित करता है कि शराब के निर्माण, बिक्री, या कब्जे (Possession) में शामिल सभी व्यक्तियों को उनकी भूमिका के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए। यह प्रावधान (Provision) विशेष रूप से उन मामलों पर लागू होता है, जहां कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की ओर से अवैध गतिविधियां करता है।
दूसरे व्यक्ति की ओर से निर्माण, बिक्री, या कब्जे के लिए उत्तरदायित्व
उपधारा (Subsection) 1 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की ओर से शराब का निर्माण, बिक्री, या कब्जा करता है, तो इसे उस अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया माना जाएगा। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि कोई व्यक्ति अपने कार्यों के लिए जिम्मेदारी से बच न सके।
उदाहरण
एक शराब वितरक (Distributor) एक एजेंट को बिना उचित लाइसेंस के शराब बेचने के लिए नियुक्त करता है। भले ही एजेंट सीधे बिक्री कर रहा हो, वितरक को सेक्शन 64(1) के तहत जिम्मेदार ठहराया जाएगा, क्योंकि यह कार्य उसकी ओर से किया गया है।
प्रत्यक्ष प्रतिभागी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी
उपधारा 2 स्पष्ट करती है कि जो व्यक्ति सीधे शराब के निर्माण, बिक्री, या कब्जे में शामिल है, वह भी इस अधिनियम के तहत जिम्मेदार होगा। इसका मतलब है कि मुख्य व्यक्ति और जो उसके लिए काम कर रहा है, दोनों को सजा दी जा सकती है।
उदाहरण
एक व्यक्ति अपने कर्मचारी को एक अवैध डिस्टिलरी (Distillery) में शराब बनाने का निर्देश देता है। इस स्थिति में, कर्मचारी और उसे निर्देश देने वाला व्यक्ति, दोनों सेक्शन 64 के तहत दंड के पात्र हैं।
सेक्शन 63 और 64 का उद्देश्य और प्रभाव
इन प्रावधानों का मुख्य उद्देश्य शराब उद्योग में पारदर्शिता (Transparency) और जवाबदेही (Accountability) बनाए रखना है।
सेक्शन 63 धोखाधड़ीपूर्ण प्रथाओं (Fraudulent Practices) को रोककर उपभोक्ताओं को गुमराह होने से बचाता है, जबकि सेक्शन 64 यह सुनिश्चित करता है कि अवैध गतिविधियों में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल व्यक्तियों को भी जिम्मेदार ठहराया जाए।
इन प्रावधानों के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करती है कि सभी स्तरों पर ईमानदारी और पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, ये कानून अवैध गतिविधियों में शामिल होने वालों को स्पष्ट दंड का प्रावधान देकर रोकते हैं।
दायित्व और प्रवर्तन (Enforcement) में संतुलन
हालांकि ये प्रावधान कठोर (Strict) दंड प्रदान करते हैं, लेकिन इनके कार्यान्वयन (Enforcement) में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सजा केवल उन्हीं व्यक्तियों को दी जाए, जो वास्तव में दोषी हैं। इसके लिए सटीक जांच और साक्ष्य संग्रह (Evidence Collection) आवश्यक है।
राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 के सेक्शन 63 और 64 शराब उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये प्रावधान उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाते हैं और राज्य के राजस्व की रक्षा करते हैं।
सेक्शन 63 और 64 यह सुनिश्चित करते हैं कि लाइसेंसधारी और अन्य सभी व्यक्ति, जो सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से आबकारी से संबंधित गतिविधियों में शामिल हैं, कानून का पालन करें। ये प्रावधान राज्य में एक पारदर्शी और सुचारू आबकारी प्रणाली (Excise System) सुनिश्चित करते हैं।