आपराधिक डराना-धमकाना, अपमान, असुविधा और मानहानि : अध्याय XIX , भारतीय न्याय संहिता, 2023
Himanshu Mishra
22 Jan 2025 12:18 PM

भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) का अध्याय XIX आपराधिक डराना-धमकाना (Criminal Intimidation), अपमान (Insult), असुविधा (Annoyance), और मानहानि (Defamation) जैसे अपराधों पर प्रकाश डालता है।
इसमें धारा 351 आपराधिक डराना-धमकाना (Criminal Intimidation) के विषय में विस्तार से जानकारी देती है। यह लेख सरल भाषा में इसे समझाता है और उदाहरणों के साथ इसके विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करता है।
आपराधिक डराना-धमकाना (Criminal Intimidation) क्या है?
धारा 351(1) के अनुसार, आपराधिक डराना-धमकाना तब होता है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को किसी भी तरह से निम्नलिखित में से किसी चीज़ की चोट (Injury) पहुंचाने की धमकी देता है:
• उसके शरीर (Person), प्रतिष्ठा (Reputation) या संपत्ति (Property) को।
• उस व्यक्ति के किसी प्रियजन के शरीर या प्रतिष्ठा को।
ऐसा करने का उद्देश्य होता है:
1. उस व्यक्ति को डराना।
2. उसे कोई ऐसा काम करने के लिए मजबूर करना जो वह कानूनी रूप से करने के लिए बाध्य नहीं है।
3. उसे ऐसा कोई काम करने से रोकना जिसके लिए वह कानूनी रूप से हकदार है।
उदाहरण (Example): यदि व्यक्ति A, व्यक्ति B को उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है ताकि B अपना कानूनी मामला वापस ले ले, तो यह आपराधिक डराना-धमकाना होगा।
मृत व्यक्तियों (Deceased Persons) की प्रतिष्ठा को लेकर धमकी
यह कानून उन धमकियों पर भी लागू होता है, जो किसी मृत व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने से जुड़ी होती हैं।
उदाहरण (Example): यदि A, B को धमकी देता है कि वह B के स्वर्गीय पिता की प्रतिष्ठा को खराब करने की झूठी बात फैलाएगा, जब तक कि B उसकी मांग न माने, तो यह भी आपराधिक डराना-धमकाना होगा।
उदाहरण (Illustration)
मान लें कि A, B को यह धमकी देता है कि अगर B सिविल केस (Civil Suit) को आगे बढ़ाएगा, तो वह B के घर को जला देगा। यह आपराधिक डराना-धमकाना है, क्योंकि इसमें B की संपत्ति को चोट पहुंचाने की धमकी दी गई है।
सरल भाषा में, A का यह कदम B को डराने और उसके कानूनी अधिकार का उपयोग करने से रोकने के लिए किया गया है।
आपराधिक डराना-धमकाना (Criminal Intimidation) की सजा
आपराधिक डराना-धमकाना के लिए सजा उसकी गंभीरता (Severity) पर निर्भर करती है:
सामान्य डराना-धमकाना (General Criminal Intimidation - Section 351(2))
यदि धमकी सामान्य प्रकृति की है, तो आरोपी को दो साल तक की कैद (Imprisonment), जुर्माना (Fine), या दोनों हो सकते हैं।
उदाहरण (Example): A, B को यह धमकी देता है कि अगर B ने A को अपना पर्स नहीं दिया, तो A उसकी कार को नुकसान पहुंचाएगा। यह धमकी गंभीर नहीं है, लेकिन यह आपराधिक डराना-धमकाना के अंतर्गत आती है।
गंभीर धमकियां (Severe Threats - Section 351(3))
जब धमकी निम्नलिखित मामलों में हो:
1. मौत (Death) या गंभीर चोट (Grievous Hurt) पहुंचाने की।
2. संपत्ति को आग (Fire) से नष्ट करने की।
3. किसी ऐसे अपराध को अंजाम देने की जो मौत, उम्रकैद (Life Imprisonment), या सात साल तक की कैद की सजा से दंडनीय है।
4. किसी महिला के चरित्र (Unchastity) पर लांछन लगाने की।
तो सजा सात साल तक की कैद, जुर्माना, या दोनों हो सकती है।
उदाहरण (Example):
• A, B को धमकी देता है कि अगर B ने अपनी संपत्ति बेचने से इनकार किया, तो वह B का घर जला देगा।
• A, महिला C को यह धमकी देता है कि अगर उसने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की, तो वह उसके चरित्र पर झूठे आरोप लगाएगा।
इन मामलों में, धमकी का प्रभाव अधिक गंभीर होता है, इसलिए सजा कड़ी होती है।
गुमनाम धमकियां (Anonymous Threats - Section 351(4))
यदि धमकी गुमनाम (Anonymous) तरीके से दी जाती है, या धमकी देने वाले ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश की है, तो अतिरिक्त सजा दी जाती है। इस प्रकार के अपराध के लिए सामान्य सजा के साथ दो साल तक की अतिरिक्त कैद भी हो सकती है।
उदाहरण (Example): A, B को एक गुमनाम पत्र भेजता है, जिसमें B के बच्चे को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई है, जब तक कि B बड़ी रकम न दे। चूंकि A ने अपनी पहचान छुपाई, यह धारा 351(4) के तहत आता है।
मुख्य उदाहरणों की सरल व्याख्या
घर जलाने की धमकी (Burning a House)
यदि A, B को धमकी देता है कि वह उसका घर जला देगा ताकि B सिविल केस (Civil Case) वापस ले ले, तो यह आपराधिक डराना-धमकाना है। यहां A का इरादा B को डराकर उसका कानूनी अधिकार छीनने का है।
मृत व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी
यदि A, B को यह कहता है कि "अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी, तो मैं तुम्हारे दिवंगत पिता की प्रतिष्ठा को खराब करने की झूठी अफवाहें फैलाऊंगा," तो यह धमकी आपराधिक डराना-धमकाना के अंतर्गत आती है।
इस धारा का महत्व (Importance of Section 351)
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 351 यह सुनिश्चित करती है कि व्यक्तियों को ऐसी धमकियों से बचाया जा सके, जो उनकी स्वतंत्रता, सुरक्षा और मानसिक शांति को प्रभावित करती हैं। यह कानून केवल शारीरिक नुकसान (Physical Harm) पर ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक आघात (Emotional and Psychological Distress) पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
धारा 351 आपराधिक डराना-धमकाना के विभिन्न रूपों को परिभाषित करती है और सजा को अपराध की गंभीरता के अनुसार निर्धारित करती है। इस धारा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता और कानूनी अधिकारों का उपयोग भयमुक्त (Fearless) होकर कर सके। कानून की यह विस्तृत व्याख्या समाज में सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने में सहायक है।