Consumer Protection Act कंप्लेंट कौन नहीं कर सकता है और कप्लेंट का मंज़ूर किया जाना

Shadab Salim

21 May 2025 4:46 AM

  • Consumer Protection Act कंप्लेंट कौन नहीं कर सकता है और कप्लेंट का मंज़ूर किया जाना

    Consumer Protection Act के एक प्रकरण में कंप्लेंनेंट ने अभिकथन किया कि एक समाचार पत्र के रिपोर्ट के अनुसार कलकत्ता से दिल्ली जाने वाले फ्लाइट के यात्रीगण को काफी समय तक एयरपोर्ट पर रखना पड़ा क्योंकि मुख्यमंत्री के इन्तजार में इसके प्रस्थान का समय विलम्ब से कर दिया गया। मामले में यह धारण किया गया कि समाचार रिपोर्ट के आधार पर तृतीय पक्ष द्वारा कप्लेंट नहीं प्रस्तुत किया जा सकता है।

    एक अन्य मामले में कंप्लेंनेंट को कम्पनी के सदस्य के रूप में नामांकित किया गया तथा कुछ सेवाओं के लिए उत्तरदायी था जैसे कि नियोजन अवसरों के बारे में सूचना देना। इसके अतिरिक्त नामांकित संदाय अन्य "वेलफेयर स्कीम में भाग ले सकते थे जिसके अन्तर्गत कम समय के अन्दर 100/ के पूंजी निवेश पर एक संदाय 15 लाख अदायगी कर सकता था। संदाय पर कपट छ तथा सेवा में असक्षमता का आरोप लगाया गया। यह धारण किया गया कि कंप्लेंनेंट अधिनियम के अन्तर्गत वाद नहीं संस्थित कर सकता है। इससे आशय यही है कि इस एक्ट में केवल ग्राहक ही कप्लेंट कर सकता है।

    छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मण्डी बोर्ड बनाम समरु यादव, 2013 के प्रकरण में प्रत्यर्थी कंप्लेंनेंट ने कप्लेंट में प्रश्नगत रिपोर्ट की त्रुटियों के सम्बन्ध में अभिकथन किया लेकिन उसने कुछ भी विनिर्दिष्ट वर्णित नहीं किया गया। उसने यहां तक कि उसके कप्लेंट के समर्थन में शपथ पत्र भी दाखिल नहीं किया।

    कंप्लेंनेंट ने कप्लेंट के पैरा 3 में स्वीकार किया है कि उसे अपीलीकरण द्वारा मुक्त सेवा कैम्प के बारे में सूचित कियाग या था लेकिन उसने कुछ भी वर्णित नहीं किया कि क्यों उसने वहां चेक / मरम्मत के उपलब्ध अवसर को प्रविरत किया। अपील मंजूर की गयी।

    यदि कंप्लेंनेंट उपभोक्ता फोरम के समक्ष झूठा दावा दाखिल करता है तो उसे प्रतिपक्षी को मुकदमे का खर्च देना होगा।

    गनेश फेल्स बनाम न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कं) लिमिटेड 1993 के प्रकरण में कंप्लेंनेंट ने बीमा कम्पनी के विरुद्ध दावा दायर किया। राज्य आयोग ने 16,00,000 दावे के विरुद्ध 6466/- निर्धारित किया। अपील में यह निर्णय दिया गया कि अपीलार्थी ने एक झूटा एवं अतिशयपूर्ण दावा किया है।

    जहाँ पर कप्लेंट प्रस्तुत किया गया। उपचार की कीमत कप्लेंट 102,617 थी जो जानबूझकर इतनी अधिक बताई गयी थी। यह अभिनिर्धारित किया गया कि कंप्लेंनेंट उपभोक्ता को इतने बड़े दावे का सहारा नहीं लेना चाहिए। इस प्रकार के रवैया को सख्ती से हतोत्साहित करना चाहिए। इसलिए, यह याचिका निरस्त होने योग्य मानी गई।

    परमानन्द त्रिपाठी बनाम केनारा बैंक, 1993 के मामले में कंप्लेंनेंट ने बैंक के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए कि बैंक ने सन् 1981, 1982 में सेवा की कमी किया था, 1992 में कप्लेंट प्रस्तुत किया। यह अभिनिर्धारित किया गया कि इस प्रकार के झूठे कप्लेंट अभिनिर्धारण के लिए नहीं सुने जाने चाहिए।

    टेलीफोन कनेक्शन के संदर्भ में परिवाद- यदि टेलीफोन का ग्राहक एक टेलीफोन का बिल अदा करने में असफल रहता है तो उसके दूसरे टेलीफोन के कनेक्शन को काटा जा सकता है।

    पक्ष न बनाया जाना विपक्षी एयरलाइन्स का यह कथन कि कंप्लेंनेंट ने कंप्लेंनेंट की पत्नी एवं बच्चों को पक्षकार नहीं बनाया है। बाद योग्य नहीं है। यह केवल कंप्लेंनेंट ही जिसने अपने लिए अपनी पत्नी एवं बच्चों के लिए टिकट खरीदा था और इसलिए पति कप्लेंट दाखिल करने के लिए सक्षम था परन्तु आगे विपक्षी एयरलाइन्स का यह तर्क कि मलेशियन एयरलाइन्स को पार्टी न बनाया जाना गलत या स्वीकार योग्य है।

    आरोपित कमी मुख्यतया मलेशियन एयरलाइन्स सिस्टम के विरुद्ध थी और इसलिए उसको पक्षकार न बनाया जाना कप्लेंट के लिए घातक था. कप्लेंट निरस्त कर दिया गया।

    चीफ कमर्शियल ऑफिसर इण्डियन एयर लाइन्स बनाम पीर तालचन्द (1999) के मामले में कहा गया है कि जहां कंप्लेंनेंट द्वारा इण्डियन एयर लाइस की सेवा के सन्दर्भ में इस आधार पर कप्लेंट प्रस्तुत किया गया कि उड़ान की समय सारण में परिवर्तन किये जाने में उसे परेशानी उठानी पड़ी। अतः यह हवाई सेवा की अक्षमता को दर्शाती है। यह एजेंट का कर्तव्य था कि वह इसकी पूर्व सूचना देता। अतः उसका दावा वैध था, फिर भी मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने उक्त कप्लेंट को निरस्त किया।

    जहां एयर लाइन की उड़ाने लगभग 6 हफ्ते तक व्यवधानित होने के कारण कंप्लेंनेंट को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे वह क्षतिपूर्ति हेतु दावा प्रस्तुत किया, उक्त दावा मामले से सम्बन्धित तथ्य एवं परिस्थितियों के अनुसरण में घोषित पाया गया और उसका कप्लेंट सफल रहा।

    Next Story