धारा 70 राजस्थान आबकारी अधिनियम के तहत अपराधों का समाधान और जब्त संपत्ति
Himanshu Mishra
18 Jan 2025 11:37 AM

राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act) के तहत आबकारी अधिकारियों (Excise Officers) को कुछ अपराधों का निपटारा (Resolution) करने की शक्ति दी गई है। धारा 70 के तहत, ऐसे अपराधों का समाधान पैसे के माध्यम से किया जा सकता है, जिससे कानूनी प्रक्रियाओं को छोटा और सरल बनाया जा सके। इस लेख में इस प्रावधान को सरल हिंदी में समझाया गया है।
अपराधों का समाधान करने की शक्ति (Power to Compound Offences)
धारा 70(1) के अनुसार, आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत कोई अन्य आबकारी अधिकारी (Excise Officer) निम्नलिखित परिस्थितियों में अपराधों का समाधान कर सकते हैं:
1. लाइसेंस या परमिट संबंधी मुद्दे: यदि किसी व्यक्ति का लाइसेंस (Licence), परमिट (Permit) या पास (Pass) रद्द (Cancel) या निलंबित (Suspend) होने योग्य है।
2. संदिग्ध अपराध: यदि कोई व्यक्ति ऐसा अपराध करता हुआ पाया जाता है जो इस अधिनियम के तहत दंडनीय है।
इन परिस्थितियों में, अधिकारी आरोपी से तय धनराशि स्वीकार करके मामले को निपटा सकते हैं।
समाधान शुल्क की सीमा (Limits of Composition Fee)
समाधान के लिए ली जाने वाली धनराशि निम्न प्रकार से सीमित है:
• निर्माण इकाइयों या थोक विक्रेताओं (Manufacturing Units or Wholesale Vendors): ₹5,000 से कम नहीं और वार्षिक लाइसेंस शुल्क (Annual Licence Fee) के दस गुना तक।
• शराब और बीयर की दुकानों (Liquor and Beer Shops): विशेष अधिकार राशि (Exclusive Privilege Amount) के दो गुना तक, साथ ही अन्य लागू शुल्क।
यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि दंड व्यवसाय के आकार और प्रकृति के अनुरूप हो।
जब्त संपत्ति और जब्ती (Seized Property and Confiscation)
यदि कोई संपत्ति इस अधिनियम के तहत जब्ती (Confiscation) योग्य मानी जाती है, तो अधिकारी के पास निम्नलिखित अधिकार हैं:
1. गैर-आबकारी संपत्ति की रिहाई (Release of Non-Excisable Property): संपत्ति के अनुमानित मूल्य का भुगतान करने पर इसे छोड़ा जा सकता है।
2. आबकारी वस्तुओं की जब्ती (Confiscation of Excisable Articles): शराब या बीयर जैसी वस्तुएं समाधान के तहत रिहा नहीं की जा सकतीं।
समाधान पर प्रतिबंध (Restrictions on Compounding)
इस प्रावधान का दुरुपयोग रोकने के लिए कुछ सीमाएं निर्धारित की गई हैं:
• विभागीय अधिकारियों पर समाधान लागू नहीं (No Compounding for Departmental Officers): आबकारी विभाग (Excise Department) के अधिकारियों पर यह प्रावधान लागू नहीं होता।
• विशेष अपराधों पर समाधान नहीं (No Compounding for Specific Offences): धारा 54 के तहत शराब या अन्य आबकारी वस्तुओं के निर्माण या बिक्री के लिए रखरखाव के अपराधों पर समाधान नहीं हो सकता।
समाधान का परिणाम (Consequences of Compounding)
धारा 70(2) समाधान के बाद होने वाले प्रभावों को स्पष्ट करती है:
1. हिरासत से रिहाई (Release from Custody): समाधान शुल्क का भुगतान करने पर आरोपी को रिहा कर दिया जाएगा।
2. जब्त संपत्ति की रिहाई (Release of Seized Property): जब्त की गई संपत्ति को लौटाया जाएगा, सिवाय आबकारी वस्तुओं के, जिन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
3. मामले का समापन (Closure of Proceedings): आरोपी या उसकी संपत्ति के खिलाफ कोई और कार्रवाई नहीं होगी।
सार्वजनिक हित की सुरक्षा (Safeguarding Public Interest)
समाधान का प्रावधान लचीलापन (Flexibility) और दक्षता (Efficiency) प्रदान करता है, लेकिन यह गंभीर अपराधों और विभागीय कदाचार (Misconduct) को तुच्छ नहीं बनने देता। यह प्रणाली इस अधिनियम की निष्पक्षता और प्रभावशीलता को बनाए रखने का काम करती है।
राजस्थान आबकारी अधिनियम की धारा 70 अपराधों को हल करने के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। समाधान प्रक्रिया तेज और सरल है, जो न्यायिक प्रणाली के बोझ को कम करती है। यह प्रावधान छोटे अपराधों को रोकने के साथ-साथ गंभीर उल्लंघनों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है, जिससे प्रभावी शासन को बढ़ावा मिलता है।