ट्रांसजेंडर आरक्षण पर प्रस्ताव उपयुक्त परिषद के समक्ष रखा जाएगा: NLSIU ने कर्नाटक हाईकोर्ट से कहा
Amir Ahmad
3 July 2025 3:42 PM IST

नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) ने कर्नाटक हाईकोर्ट को सूचित किया कि यूनिवर्सिटी में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को प्रवेश में आरक्षण देने के मुद्दे को वह अपनी उपयुक्त परिषद के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत करेगा।
यह आश्वासन यूनिवर्सिटी की उस अपील के दौरान सामने आया, जिसमें उसने एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को 0.5% आरक्षण और शुल्क माफी प्रदान करने को कहा गया था, जब तक कि राज्य सरकार इस संबंध में कोई नीति निर्णय नहीं लेती।
NLSIU का तर्क है कि न तो अदालत और न ही राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को आरक्षण देने का निर्देश दे सकते हैं। साथ ही उसने यह भी कहा कि 0.5% आरक्षण देने का निर्देश किसी वैज्ञानिक आधार पर नहीं टिका है।
यूनिवर्सिटी की ओर से सीनियर एडवोकेट केजी राघवन ने पूर्व में दलील दी थी,
"यह इतना मनमाना नहीं हो सकता। फिर 1% क्यों न दिया जाए? इस पर एक अध्ययन की आवश्यकता है। यह एक बड़ा अभ्यास होगा। अन्यथा पिछड़ा वर्ग आयोग और जनगणना जैसी संस्थाएं अप्रासंगिक हो जाएंगी।"
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस विषय पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि "हम यह नहीं कह सकते कि आरक्षण की आवश्यकता नहीं है।"
इस पर राघवन ने जवाब दिया,
"हम यह मानते हैं कि आरक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन केवल इतना कहना है कि अदालत द्वारा आरक्षण का निर्देश देना उचित नहीं है। निर्णय कार्यकारी परिषद को लेना होगा।"
यह सुनकर अदालत ने कहा कि वह यूनिवर्सिटी को निर्णय लेने की स्वतंत्रता देगी, बशर्ते यह प्रक्रिया "अनावश्यक रूप से लंबी न हो।"
राघवन ने आश्वस्त किया,
"हम अगली बैठक में यह मामला कार्यकारी परिषद के समक्ष रखेंगे।"
हालांकि उन्होंने यह बताने में असमर्थता जताई कि बैठक कब होगी।
मामला अब सोमवार (7 जुलाई) के लिए सूचीबद्ध है।
गौरतलब है कि एकल पीठ ने NLSIU को सुप्रीम कोर्ट द्वारा NALSA बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में जारी निर्देशों को लागू करने के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण और वित्तीय सहायता देने संबंधी नीति तैयार करने का निर्देश दिया था। तब तक के लिए 0.5% आरक्षण और शुल्क माफी देने का आदेश दिया गया था।
याचिकाकर्ता ने एकल पीठ के समक्ष याचिका दायर कर राज्य सरकार और यूनिवर्सिटी को कर्नाटक ट्रांसजेंडर नीति, 2017 लागू करने और यूनिवर्सिटी में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण देने का अनुरोध किया था। साथ ही याचिकाकर्ता को 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए तीन वर्षीय LLB कोर्स में एडमिशन दिलाने का आदेश भी मांगा गया था।
केस टाइटल: National Law School of India University बनाम मुगिल अंबु वसंथा एवं अन्य

