कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु भगदड़ पर स्वतः संज्ञान मामले में राज्य के अनुरोध को सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने की अनुमति दी

Amir Ahmad

10 Jun 2025 1:36 PM IST

  • कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु भगदड़ पर स्वतः संज्ञान मामले में राज्य के अनुरोध को सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने की अनुमति दी

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार (10 जून) को राज्य को बेंगलुरु भगदड़ के संबंध में स्वतः संज्ञान याचिका पर सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी।

    यह घटना पिछले सप्ताह चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर बैंगलोर (RCB) की IPL 2025 फाइनल में जीत का जश्न मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम से पहले हुई थी।

    हाईकोर्ट ने घटना के एक दिन बाद 5 जून को इस घटना का स्वतः से संज्ञान लिया और कर्नाटक सरकार को इस त्रासदी के कारण का पता लगाने और भविष्य में इसे रोकने के तरीके जानने के लिए नोटिस जारी किया था।

    कथित तौर पर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 30 से अधिक लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है।

    RCB ने 3 जून को पंजाब किंग्स को हराकर IPL 2025 फाइनल जीता। 2008 में IPL की शुरुआत के बाद पहली बार प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीती है।

    सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने एक्टिंग चीफ जस्टिस और जस्टिस सीएम जोशी की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उन्होंने जवाब दाखिल नहीं किया।

    उन्होंने आगे कहा,

    "न्यायिक आयोग का गठन किया गया और रिपोर्ट देने के लिए एक महीने का समय दिया गया। पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। लंबित जमानत याचिकाओं में, जो कुछ भी यहां कहा जाता है, उसका इस्तेमाल वहां के आरोपी कर रहे हैं।”

    इस स्तर पर खंडपीठ ने मौखिक रूप से पूछा,

    "क्या आप यह कह रहे हैं कि आप हमारे निर्देशों का जवाब नहीं देंगे?

    एडवोकेट जनरल ने कहा,

    "कृपया इसे कल रखें, हम जवाब दाखिल करेंगे। कुछ चीजें हैं।”

    अदालत ने पूछा,

    "दाखिल करने में क्या कठिनाई है?”

    इस पर एडवोकेट जनरल ने कहा,

    "मैं खुली अदालत में जवाब नहीं देना चाहता, हम पक्षपाती हो जाएंगे। स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट आने दीजिए और ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम पक्षपाती हैं। यह केवल एक महीने का मामला है।

    इसके बाद अदालत ने एडवोकेट जनरल से सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने को कहा।

    इस बीच एडवोकेट जनरल ने कहा,

    "मैंने पिछली सुनवाई के दौरान जांच सीआईडी को सौंपे जाने का उल्लेख किया था, उस दिन इसे सीआईडी को सौंप दिया गया, वे इसे जमानत याचिकाओं में इस्तेमाल कर रहे हैं।"

    अदालत ने कहा,

    "आप अपना जवाब अगले दिन सीलबंद लिफाफे में दाखिल करें।"

    इसके बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा,

    "हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने हमारे पिछले आदेश दिनांक 5 जून के अनुसार डब्ल्यूपी दाखिल किया है। एडवोकेट जनरल शेट्टी ने कहा कि वे सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करना चाहते हैं। उन्हें गुरुवार तक या उससे पहले ऐसा करने की अनुमति है। रजिस्ट्रार जनरल यह सुनिश्चित करेंगे कि जवाब सुरक्षित रखा जाए।"

    इस स्तर पर न्यायालय ने कहा,

    "आप (राज्य) इसे उसी दिन न्यायालय में लाएं। यह बेहतर होगा।"

    उन्होंने न्यायालय में उपस्थित एडवोकेट से आगे कहा,

    "उनके जवाब आने दीजिए हम अभी कुछ नहीं कह रहे हैं। हम पक्षकार आवेदनों पर विचार करेंगे। हम प्रस्तुत किए गए सबमिशन पर कुछ नहीं कहेंगे।”

    मामला अब गुरुवार को सूचीबद्ध है।

    केस टाइटल: स्वप्रेरणा बनाम कर्नाटक राज्य

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