'यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है': मैसूरु दशहरा समारोह में बानू मुश्ताक को मुख्य अतिथि बनाए जाने के खिलाफ याचिकाएं खारिज
Amir Ahmad
15 Sept 2025 12:40 PM IST

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार (15 सितंबर) को मैसूरु के आगामी दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए बुकर पुरस्कार विजेता और लेखिका बानू मुश्ताक को मुख्य अतिथि नामित करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
चीफ जस्टिस विभु बखरू और जस्टिस सी एम जोशी की खंडपीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा,
"हम यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि राज्य द्वारा आयोजित समारोह में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को अनुमति देना याचिकाकर्ताओं के किसी कानूनी या संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है या यह भारत के संविधान में निहित मूल्यों के खिलाफ है। तदनुसार, याचिकाएं खारिज की जाती हैं।"
इस मामले में तीन याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता प्रताप सिम्हा की थी। याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि बानू मुश्ताक ने कन्नड़ भाषा के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी की और दशहरा एक प्रमुख रूप से हिंदू उत्सव है, इसलिए किसी गैर-हिंदू को इसका उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील एस सुदर्शन ने तर्क दिया कि केवल उसी व्यक्ति को आमंत्रित किया जाना चाहिए, जिसका हिंदू धर्म में विश्वास हो और जो देवी चामुंडी में आस्था रखता हो। उन्होंने कहा कि आगम शास्त्र के अनुसार, किसी गैर-हिंदू द्वारा पूजा करना सही नहीं होगा।
इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा,
"यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है।"
कोर्ट ने कहा कि यह एक सार्वजनिक समारोह है, न कि कोई धार्मिक अनुष्ठान। अगर कोई व्यक्ति आता है और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करने के लिए तैयार है तो इसमें क्या गलत है।
एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने राज्य सरकार की ओर से पेश हुए कहा कि बानू मुश्ताक बुकर पुरस्कार विजेता हैं। फिर सभी धर्मों के लोग इस समारोह में भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य का उत्सव है। इसे केवल एक धार्मिक समारोह तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने 2017 का उदाहरण भी दिया, जब डॉ निसार अहमद को आमंत्रित किया गया था और तब सांसद रहे याचिकाकर्ता प्रताप सिम्हा ने भी उस समारोह में भाग लिया था।
कोर्ट ने दोनों पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद याचिकाएं खारिज कीं। कोर्ट ने कहा कि विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे देश में मनाया जाता है।

