उर्वरक उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जिम्मेदार अधिकृत व्यक्ति पर ही मुकदमा चलाया जा सकता है, कंपनी के निदेशकों पर नहीं: कर्नाटक हाइकोर्ट
Amir Ahmad
26 March 2024 1:27 PM IST
कर्नाटक हाइकोर्ट ने कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित एम जैन के खिलाफ शुरू किया गया आपराधिक अभियोजन रद्द कर दिया, जिन पर उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 की धारा 3 (1), 13 (2), 19 (बी) के साथ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 (2) (डी) के तहत आरोप लगाए गए।
जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,
“रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री यह दर्शाती है कि याचिकाकर्ता केवल कंपनी का प्रबंध निदेशक है और 14.02.2002 के सरकारी आदेश के मद्देनजर, केवल उन व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है, जो उर्वरक उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं।”
इस मामले में याचिकाकर्ता ने उर्वरक नियंत्रण आदेश के गुणवत्ता पहलुओं के संबंध में कंपनी की ओर से प्राधिकृत अधिकारी के रूप में प्रेम आनंद एस को नामित किया।
न्यायालय ने कहा,
"याचिकाकर्ता ने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों का अनुपालन करने के उद्देश्य से कंपनी की ओर से प्रेम आनंद एस को अधिकृत किया। इसलिए कथित अपराधों के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को जारी नहीं रखा जा सकता।"
केस टाइटल- अमित एम जैन और कर्नाटक राज्य