झारखंड हाईकोर्ट ने 2018 से अब तक हुई हिरासत में मौतों का ब्योरा पेश करने का निर्देश
Amir Ahmad
1 Sept 2025 12:04 PM IST

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में हिरासत में होने वाली मौतों के मामलों को लेकर गंभीर रुख अपनाया। कोर्ट ने राज्य के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफ़नामा दाख़िल करने का आदेश दिया।
इस हलफ़नामे में वर्ष 2018 से अब तक हुई सभी हिरासत में मौतों का ब्योरा देना होगा। यह भी स्पष्ट करना होगा कि क्या इन मौतों की सूचना संबंधित मजिस्ट्रेट को जांच के लिए दी गई थी।
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मांग की गई कि 2018 से अब तक हुई हर हिरासत मौत की न्यायिक जांच कराई जाए जैसा कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 176(1A) या नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 196(2) में प्रावधान है। इन धाराओं के तहत पुलिस जांच के अलावा मजिस्ट्रेट द्वारा अनिवार्य रूप से अलग से जांच कराई जानी चाहिए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट मोहम्मद शादाब अंसारी ने विधानसभा में दिए गए एक दस्तावेज़ का हवाला दिया। उसमें सरकार ने स्वीकार किया कि वर्ष 2018 से 2021 के बीच राज्य में करीब 166 हिरासत मौतें हुईं।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर 2025 को निर्धारित की।
केस टाइटल: मो. मुमताज़ अंसारी बनाम झारखंड राज्य

