अपील के अधिकार पर डिक्री राशि जमा कराने की शर्त नहीं लगाई जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
Amir Ahmad
25 Sept 2025 12:01 PM IST

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि अपील करने के अधिकार को डिक्री की राशि जमा कराने जैसी शर्त से बाध्य नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि विलंब को माफ करने के लिए धारा 5 सीमांकन अधिनियम (Limitation Act) के तहत जो आवेदन दायर होता है, उस पर सुनवाई के दौरान अपीलीय अदालत इस प्रकार की शर्त नहीं लगा सकती।
मामला उस समय सामने आया जब याचिकाकर्ता ने सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 96 के तहत निचली अदालत द्वारा पारित धन संबंधी डिक्री को चुनौती दी। अपील निर्धारित समयसीमा से देरी से दायर की गई, इसलिए याचिकाकर्ता ने धारा 5, सीमांकन अधिनियम के अंतर्गत विलंब माफी का आवेदन भी प्रस्तुत किया। प्रथम अपीलीय अदालत ने अपील स्वीकार तो की लेकिन यह शर्त रखी कि याचिकाकर्ता को डिक्री राशि का 50 प्रतिशत जमा करना होगा। जब याचिकाकर्ता इस शर्त का पालन नहीं कर पाए तो अदालत ने अपील को खारिज कर दिया।
इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता हाईकोर्ट पहुंचे।
जस्टिस अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अपीलीय अदालत के आदेश को स्वयं में ही विकृत और अस्थिर बताया। न्यायालय ने कहा कि विलंब माफी के आवेदन को स्वीकार करते समय उचित खर्च (कॉस्ट) लगाया जा सकता है लेकिन डिक्री की आधी राशि जमा करने का निर्देश देना कानूनन सही नहीं है।
अदालत ने आगे कहा कि अपीलीय अदालत द्वारा दिया गया पहला आदेश ही असंवैधानिक और त्रुटिपूर्ण है, इसलिए उस आदेश के अनुपालन न होने के आधार पर पारित अपील खारिज करने का आदेश भी स्वतः ही अस्थिर हो गया। परिणामस्वरूप हाईकोर्ट ने दोनों आदेशों को रद्द कर दिया।
अंततः न्यायालय ने विलंब को सशर्त माफ करते हुए याचिकाकर्ता को 15,000 रुपये चीफ जस्टिस आपदा राहत कोष, 2025' में जमा कराने का निर्देश दिया। इस प्रकार, अदालत ने स्पष्ट किया कि अपील का अधिकार किसी प्रकार की अनुचित शर्तों पर आधारित नहीं हो सकता और न्यायहित में न्यायिक विवेक का उपयोग करना आवश्यक है।

