अपील स्तर पर नए सिरे से साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए लोक आयुक्त नियुक्त नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
Amir Ahmad
12 July 2025 6:09 AM

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 26 नियम 9 के तहत केवल नए साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से अपीलीय स्तर पर लोक आयुक्त (Local Commissioner) की नियुक्ति नहीं की जा सकती खासकर तब जब पक्षकार ने ट्रायल के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए या चुनौती नहीं दी हो।
जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने कहा,
“आदेश 26 नियम 9 के तहत लोक आयुक्त की नियुक्ति का उपयोग न्यायालय द्वारा किसी पक्ष के पक्ष या विपक्ष में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए एक सुविधादाता के रूप में नहीं किया जा सकता।"
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अपीलीय स्तर पर लोक आयुक्त की नियुक्ति केवल तभी की जा सकती है जब विवाद के सम्पूर्ण और निष्पक्ष निपटारे के लिए यह आवश्यक हो।
मामले की पृष्ठभूमि:
इस मामले में प्रतिवादीगण (वर्तमान याचिकाकर्ता) के खिलाफ वादीगण (वर्तमान प्रतिवादी) ने 7,00,000 की वसूली का दावा करते हुए मुकदमा दायर किया। दावा था कि प्रतिवादियों द्वारा उनके घर के पास अवैध खुदाई की गई जिससे भवन को संरचनात्मक क्षति पहुंची।
निचली अदालत ने वादियों के पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें 7,00,000 की क्षतिपूर्ति देने का डिक्री पारित किया।
प्रतिवादी इस फैसले से असंतुष्ट होकर प्रथम अपीलीय न्यायालय में गए। अपील के दौरान उन्होंने CPC की धारा 151 और आदेश 26 नियम 9 के तहत आवेदन दायर कर लोक आयुक्त की नियुक्ति की मांग की, ताकि मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।
प्रतिवादियों ने कहा कि वे अशिक्षित हैं और उन्हें कभी सलाह नहीं दी गई कि किसी सिविल इंजीनियर से निरीक्षण कराएं। इसी कारण वे ट्रायल कोर्ट में अपनी बात सही तरीके से नहीं रख सके।
प्रथम अपीलीय न्यायालय ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि प्रतिवादी पक्ष ने ट्रायल के दौरान वादी के तकनीकी विशेषज्ञ की रिपोर्ट को चुनौती नहीं दी और न ही स्वयं साक्ष्य पेश करने की उचित कोशिश की।
इसके बाद प्रतिवादी पक्ष ने हाईकोर्ट में CPC की धारा 115 के तहत सिविल पुनर्विचार याचिका दायर की, लेकिन हाईकोर्ट ने भी अपीलीय न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी।
केस टाइटल: दलिप सिंह एवं अन्य बनाम खत्री राम एवं अन्य