बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्टर विवेक ओबेरॉय को धोखा देने की आरोपी दो महिलाओं को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी
Amir Ahmad
17 Jan 2024 1:37 PM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्टर विवेक ओबेरॉय द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी मामले में दो महिला आरोपियों को अंतरिम अग्रिम जमानत दी।
जस्टिस सारंग वी. कोटवाल ने दो अलग-अलग लेकिन संबंधित अग्रिम जमानत याचिकाओं में नंदिता साहा और राधिका नंदा को 22 फरवरी, 2024 तक गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान की।
ये याचिकाएं ओबेरॉय के चार्टर्ड अकाउंटेंट देवेन बाफना द्वारा MIDC पुलिस स्टेशन में दायर एफआईआर से संबंधित है। दोनों पर एक्टर पर 1.55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। बाफना ने ओबेरॉय, साहा के बेटे संजय साहा और नंदा के संयुक्त स्वामित्व वाली फिल्म निर्माण कंपनी 'आनंदिता एंटरटेनमेंट एलएलपी' में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया।
अंतरिम राहत देते हुए जस्टिस कोटवाल ने कहा,
"इन प्रस्तुतियों पर विचार करते हुए आवेदकों के वकील ने अंतरिम राहत देने का मामला बनाया।"
अदालत ने आरोपी महिलाओं को पूछताछ के लिए अगले सप्ताह तीन दिन पुलिस स्टेशन आने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने कहा,
"आवेदकों को 29-01-2024 से 31-01-2024 तक दोपहर 1.00 बजे से शाम 4.00 बजे के बीच और उसके बाद जब भी बुलाया जाए और संबंधित पुलिस स्टेशन में उपस्थित होना होगा। आवेदक जांच में सहयोग करेंगे।"
महिलाओं की ओर से पेश वकील अभिषेक येंडे ने तर्क दिया कि एफआईआर के आरोप मुख्य रूप से संजय साहा द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित हैं। आरोपी को इसके लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने आगे कहा कि जिन भुगतानों में हेराफेरी का आरोप लगाया गया, वे एलएलपी समझौते के अनुसार अधिकृत हैं।
येंडे ने तर्क दिया कि "दिनांक 01-12-2020 के समझौते में खंड 38 (एम) में उल्लिखित भागीदारों के कल्याण के लिए भी प्रावधान किया गया। इस प्रकार वर्तमान आवेदकों के खिलाफ लगाए गए आरोप इन खंडों के अंतर्गत आते हैं।"
जमानत का विरोध करने वाले शिकायतकर्ता के हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करने के बाद अदालत 22 फरवरी को अग्रिम जमानत याचिका पर अगली सुनवाई करेगी।
आवेदकों प्रतिनिधित्व- अभिषेक येंडे, सुरभि अग्रवाल और विशाल।
राज्य का प्रतिनिधित्व- एपीपी महालक्ष्मी गणपति।