शहीद रक्षा कर्मियों के परिवार के सदस्यों द्वारा रोजगार के दावे को पुलिस शहीदों के परिवार से निचले पायदान पर नहीं रखा जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट
Amir Ahmad
17 Jan 2024 11:51 AM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राज्य पुलिस बलों और सशस्त्र बल कर्मियों के शहीदों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति पर विचार करने के लिए अलग-अलग मानदंड नहीं अपना सकते।
याचिकाकर्ता का पोता शहीद रक्षा कर्मी का भतीजा है और उसे पंजाब पुलिस में नियुक्त करने के लिए विचार करने से मना कर दिया गया, क्योंकि राज्य के अनुसार केवल पंजाब पुलिस के शहीदों पर ही उन पदों के लिए विचार किया जा सकता।
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने कहा,
"जिस व्यक्ति ने देश के लिए अपना जीवन लगा दिया और भारतीय सैनिक था, उसे पुलिस शहीदों से निचले स्तर पर नहीं रखा जा सकता। सैनिक के परिवार के सदस्य का दावा, जिसने देश के लिए बलिदान दिया, राष्ट्र के लिए उनके जीवन को पुलिस शहीदों के परिवार के सदस्यों से कम महत्व नहीं दिया जा सकता।"
याचिकाकर्ता, जिनके बेटे दविंदर सिंह सिद्धू ने 1989 में श्रीलंका में आईपीकेएफ के ऑपरेशन पवन में भारतीय नौसेना में सब-लेफ्टिनेंट पायलट के रूप में काम करते हुए शाहिद हो गए, अदालत ने कहा कि पुलिस विभाग के शहीदों, युद्ध नायकों और सशस्त्र बलों शहीदों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनका बेटा शहीद है, जिसने ऑपरेशन "पवन" के दौरान राष्ट्र के लिए अपना जीवन लगा दिया। इसलिए ऐसी परिस्थिति में उनके भतीजे को नियुक्ति की पेशकश की जानी चाहिए, जो याचिकाकर्ता के परिवार की देखभाल करने के लिए आय का एकमात्र स्रोत है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य के वकील ने बताया कि शहीद सेना के जवानों के किसी भी आश्रित परिवार के सदस्य को नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। केवल पंजाब पुलिस के शहीदों को ही ऐसी नियुक्ति के लिए विचार किया गया।
दलीलों पर विचार करते हुए अदालत ने कहा कि पंजाब पुलिस में नियुक्तियों के लिए सेना के जवानों के शहीदों के आश्रितों पर विचार नहीं करने के प्रतिवादी विभाग के रुख की "सराहना नहीं की जा सकती।"
जस्टिस शर्मा ने स्पष्ट किया कि पुलिस शहीदों को भी सम्मान दिया जाना आवश्यक है और उनके परिवार के सदस्यों को पुनर्वासित किया जाना आवश्यक है। शहीद सेना के जवानों के लिए अलग-अलग मानदंड नहीं अपनाए जा सकते।
तदनुसार, इस तरह की प्रथा की निंदा करते हुए और याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने उत्तरदाताओं को पंजाब के पुलिस डिप्टी सुपरिटेंडेंट या इसी तरह के पद के लिए दिवंगत सब लेफ्टिनेंट पायलट दविंदर सिंह सिद्धू (शहीद अधिकारी) के भतीजे के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील- गुलशन शर्मा।
प्रतिवादी नंबर 3 के वकील- रोहित वर्मा।
साइटेशन- लाइव लॉ (पीएच) 20 2024
केस- सरबजीत सिंह सिद्धू बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य।