2 साल से फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने वाले SHO का वेतन कुर्क किया जाए: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने दिया आदेश

Amir Ahmad

16 Jan 2024 6:34 AM GMT

  • 2 साल से फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने वाले SHO का वेतन कुर्क किया जाए: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने दिया आदेश

    पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने संबंधित स्टेशन हाउस अधिकारियों (SHO) के वेतन को जब्त करने का निर्देश दिया। उक्त अधिकारी 2022 में उसके खिलाफ दर्ज 33 आपराधिक मामलों में से 19 में घोषित अपराधी घोषित किए गए एक आरोपी को गिरफ्तार करने में विफल रहे।

    जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,

    "इस न्यायालय द्वारा विभिन्न अवसरों पर बार-बार पारित आदेशों के बावजूद इसके अनुपालन के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। क्षेत्राधिकार वाले पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्य को निभाने में यह स्पष्ट विफलता इस न्यायालय के पास कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ती। बल्कि उन संबंधित थाना प्रभारियों का वेतन कुर्क किया जाए, जिनके पुलिस स्टेशनों में इन मामलों की जांच लंबित है, या भागने वाले को घोषित अपराधी घोषित किया गया।"

    अदालत 2021 में दायर भगोड़े अमनदीप सिंह 'स्कोडा' के रिश्तेदार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस ने उसे आईपीसी की धारा 341, 452, 324, 323, 148 और 149 के तहत आपराधिक मामले में झूठा फंसाया और अमन स्कोडा के साथ सांठगांठ की।

    दलीलों पर विचार करते हुए कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी के हलफनामे में स्कोडा के खिलाफ जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी।

    हलफनामे के अनुसार यह कहा गया कि स्कोडा पंजाब के छह जिलों में 31 आपराधिक मामलों में शामिल हैष उसे 16 मामलों में घोषित अपराधी घोषित किया गया। बाद में पुलिस अधिकारियों द्वारा विस्तृत जवाब दाखिल किया गयास जिसमें बताया गया कि स्कोडा के खिलाफ दर्ज 33 आपराधिक मामलों में से 19 में उसे घोषित अपराधी घोषित किया गया।

    अपने पिछले आदेश में न्यायालय ने कहा कि पंजाब के पुलिस डायरेक्टर जनरल को 05-07-2021 को मामले में अपना हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए जाने के दो साल बीत जाने के बावजूद "जांच में पूरी तरह से सुस्ती है।"

    नवंबर में न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों को इस उम्मीद के साथ "एक और अवसर" दिया कि कानून के शासन को स्थापित करने के लिए सभी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

    वर्तमान कार्यवाही में फाजिल्का के सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट, जो अदालत में मौजूद थे, उन्होंने आश्वासन दिया कि भागने वाले को चार सप्ताह के भीतर गिरफ्तार किया जाएगा।

    यह कहते हुए कि भागने वाले को गिरफ्तार करने में विफलता "जांच एजेंसी की पूरी विफलता" है, अदालत ने कहा,

    "न तो भागने वाले को अब तक गिरफ्तार किया गया और न ही आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 83 का पालन करने के लिए कोई प्रयास किया गया। वह भी पुलिस डायरेक्टर जनरल पंजाब द्वारा दिनांक 17- 08- 2021 को हलफनामा दाखिल करने की परवाह किए बिना।"

    तदनुसार, स्कोडा को गिरफ्तार करने या कोई कार्रवाई करने में विफल रहने वाले संबंधित SHO के वेतन की कुर्की का निर्देश देते हुए अदालत ने पंजाब के एडिशनल पुलिस डायरेक्टर नजरल कानून और व्यवस्था को अपना हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें आवश्यक कदमों का संकेत देते हुए कहा गया कि आदेश के एक सप्ताह के भीतर मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखें।

    मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 29 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया।

    अपीयरेंस

    याचिकाकर्ता के लिए वकील- बलतेज सिंह सिद्धू, और परवीन जैन।

    केस टाइटल- लवलजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य और अन्य।

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