तमिल को अदालत की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग अवैध नहीं: मद्रास हाइकोर्ट ने वकील को अनिश्चितकालीन अनशन की अनुमति दी
Amir Ahmad
21 Feb 2024 4:52 PM IST
मद्रास हाइकोर्ट ने हाल ही में वकील को तमिल को हाइकोर्ट की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर जाने की अनुमति दी। इस प्रकार अदालत ने वकील को 28 फरवरी 2024 से राजर्थिनम स्टेडियम के पास अनिश्चितकालीन उपवास करने की अनुमति दी।
जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि वकील का इरादा केवल खुद को दृढ़ता से व्यक्त करने का है और इस उद्देश्य में कुछ भी अवैध नहीं है।
अदालत ने कहा,
“याचिकाकर्ता हाइकोर्ट में कार्यवाही में तमिल को आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने की मांग करते हुए अपनी बात पुरजोर ढंग से रखना चाहता है। इस उद्देश्य में कुछ भी अवैध नहीं है। इसलिए अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन दी जा सकती है।”
अदालत ने याचिकाकर्ता भगवत सिंह को यह वचन देने को कहा कि वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठते समय हिंसा शुरू नहीं करेंगे और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करेंगे। अदालत ने उनसे अनिश्चितकालीन उपवास में शामिल होने वाले अन्य सदस्यों का विवरण भी उपलब्ध कराने को कहा है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी नेता उपवास को समर्थन देना चाहता है और उपवास स्थल के पास बैठक आयोजित करके बोलना चाहता है, उसे क्षेत्राधिकार पुलिस को पूर्व सूचना दी जानी चाहिए और अनुमति ली जानी चाहिए।
अदालत ने कमिश्नर ऑफ पुलिस को कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अन्य शर्तें लगाने और मुद्दे का समर्थन करने की आड़ में किसी भी अवैध गतिविधि के लिए किसी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की स्वतंत्रता भी दी।
मामला को उठाए जाने के समय जस्टिस जी जयचंद्रन पोर्टफोलियो संभाल रहे थे। उन्होंने वकीलों के अनशन के खिलाफ कड़े विचार व्यक्त किए थे।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की थी कि हड़ताल पर जाने का कोई मतलब नहीं है और जरूरत इस बात की है कि कानून की पुस्तकों और निर्णयों का तमिल में अनुवाद करने का प्रयास किया जाए। जज ने यहां तक टिप्पणी की थी कि वह ऐसे जानलेवा आंदोलनों का समर्थन नहीं करते है।
याचिकाकर्ता के वकील- आर. शंकरसुब्बू
प्रतिवादियों के वकील- ए.गोपीनाथ
साइटेशन- लाइव लॉ (मैड) 77 2024
केस टाइटल- जी भागवत सिंह बनाम पुलिस आयुक्त
केस नंबर- रिट याचिका नंबर 34716 ऑफ़ 2023