तहलका मैगजीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल पूर्व सैन्य अधिकारी के खिलाफ 'अपमानजनक' स्टोरी के लिए बिना शर्त मांगेंगे माफी
Amir Ahmad
12 Jan 2024 6:18 PM IST
तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल और सह-संस्थापक अनिरुद्ध बहल ने शुक्रवार को दिल्ली हाइकोर्ट को बताया कि वे राष्ट्रीय अंग्रेजी अखबार में बिना शर्त माफीनामा प्रकाशित करेंगे। यह माफीनामा पूर्व मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया के लिए होगा, जिन्होंने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट में उन्हें रक्षा सौदों में "भ्रष्ट बिचौलिए" के रूप में दर्शाया गया था। हालांकि, अहलूवालिया ने दावा कि उन्होंने न तो कोई रिश्वत मांगी और न ही स्वीकार की।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ तेजपाल और बहल द्वारा पिछले साल एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें और साथ ही तहलका के एक और पत्रकार मैथ्यू सैमुअल को अहलूवालिया को बदनाम करने के लिए 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
खंडपीठ को तेजपाल और बहल ने सूचित किया कि वह हाइकोर्ट के पास 10 लाख रुपये जमा करेंगे।
अदालत ने कहा कि माफी और पैसा दो सप्ताह की अवधि के भीतर जमा किया जाना चाहिए और नुकसान की मात्रा के मुद्दे पर अपील को अप्रैल में अंतिम निपटान के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
मार्च, 2001 में तहलका द्वारा स्टोरी प्रकाशित की गई, जिसमें अहलूवालिया को नए रक्षा उपकरणों के आयात से संबंधित रक्षा सौदों में कथित भ्रष्ट बिचौलिए के रूप में दर्शाया गया।
एकल न्यायाधीश ने पिछले साल 21 जुलाई को विवादित आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि अहलूवालिया की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, क्योंकि उन्हें न केवल जनता की नजरों में अपना सम्मान कम करने का सामना करना पड़ा, बल्कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से उनका चरित्र भी खराब हुआ, जिसे बाद में कोई भी प्रतिनियुक्ति ठीक नहीं कर सकती।
इसके बाद तहलका और बहल ने पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे पिछले साल सितंबर में एकल न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था। ऐसा करते समय एकल न्यायाधीश ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन या अहलूवालिया की रिकॉर्ड की गई बातचीत की प्रामाणिकता को चुनौती नहीं दी गई।
एकल न्यायाधीश ने तहलका तेजपाल और दो पत्रकारों, जिन्होंने कथित तौर पर लंदन स्थित काल्पनिक रक्षा उपकरण फर्म की ओर से खुद का प्रतिनिधित्व करते हुए गुप्त रूप से काम किया सबको मानहानि के लिए उत्तरदायी ठहराया।
अदालत ने कहा कि अहलूवालिया ज़ी टेलीफिल्म लिमिटेड, इसके पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद्रा और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप गोयल की ओर से मानहानि के किसी भी कृत्य को साबित करने में विफल रहे।
केस टाइटल- तरूण तेजपाल और अन्य बनाम एम.एस.अहलूवालिया और अन्य।