कैश फॉर जॉब्स घोटाला: पहले भी पक्षकारों के हितों के लिए पेश हो चुके AG की पेशी पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

Amir Ahmad

11 Jan 2024 12:30 PM GMT

  • कैश फॉर जॉब्स घोटाला: पहले भी पक्षकारों के हितों के लिए पेश हो चुके AG की पेशी पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

    कलकत्ता हाइकोर्ट नकदी के बदले नौकरियों भर्ती घोटाला मामले में राज्य के सलाहकार के रूप में एडवोकेट जनरल (AG) किशोर दत्ता की उपस्थिति पर आपत्ति जताई। उक्त मामले की जांच सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) द्वारा की जा रही है और हाइकोर्ट द्वारा निगरानी की जा रही है।

    जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने कहा कि दत्ता पहले मुकदमे में पक्षों के लिए पेश हुए थे और कहा था कि कार्यवाही में महाधिवक्ता के रूप में उनकी भागीदारी हितों के टकराव का मामला होगी।

    कोर्ट ने कहा,

    "मैं केवल आपको को एजी के रूप में देखता हूं, क्योंकि आप पहले पक्षकारों के लिए पेश हुए थे, आपकी उपस्थिति कम से कम इस मामले में राज्य के लिए नहीं हो सकती। मुझे इस मामले में कानूनी सलाहकार से दलीलें सुनने का लाभ नहीं मिल रहा है। मैं राज्य के कानूनी सलाहकार की उपस्थिति चाहता हूं। लेकिन हितों का टकराव होने के कारण यह संभव नहीं है। जब पार्टी का हित और राज्य का हित एक ही हो जाता है तो अदालत के लिए यह बहुत मुश्किल होता है कि हर किसी के लिए की सही फैसले कैसे करें। न्याय होता हुआ दिखने दीजिए, इसलिए आप डिफ़ॉल्ट रूप से बाहर हैं।"

    कोर्ट उस मामले की सुनवाई कर रहा है, जहां वह सीबीआई (CBI) और ईडी (ED)की जांच की निगरानी कर रहा है।

    इससे पहले के मौकों पर बेंच ने अपनी जांच की प्रगति के संबंध में एजेंसियों द्वारा दायर रिपोर्टों का अवलोकन किया था।

    इस अवसर पर अदालत ने उपलब्ध रिक्तियों के विरुद्ध मेधावी उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए विवादित भर्ती प्रक्रियाओं में भाग लेने वाले असफल उम्मीदवारों को परीक्षा को फिर से लिखने की अनुमति देने की संभावना पर विचार किया।

    अदालत ने टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी से जुड़ी कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स की जांच के संबंध में ईडी की प्रगति पर रिपोर्ट भी मांगी और कथित तौर पर भर्ती घोटाले से उत्पन्न धन की हेराफेरी की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दी गई।

    अदालत ने पीड़ित उम्मीदवारों के लिए समानता सुनिश्चित करने के सर्वोत्तम तरीकों के संबंध में पीड़ित पक्षों और राज्य की ओर से भाग लेने वाले वकीलों से सुझाव मांगे।

    इसमें कोर्ट ने आगे कहा,

    ''समझदार दिमागों को इसे संभालने दें और फैसला लें इसे किसी ऐसे व्यक्ति पर न छोड़ें जो नहीं जानता। समझदार दिमागों को फैसला करना चाहिए। सुनवाई की अगली तारीख सूची 6 फरवरी को रखी गई।”

    केस टाइटल- सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य

    केस नंबर- WPA 9979/2022

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