हिंदी से परिचित न होने पर भी IPC को IPC ही कहेंगे, भले ही इसे नए कानून द्वारा बदल दिया जाए: मद्रास हाइकोर्ट जज
Amir Ahmad
25 Jan 2024 3:30 PM IST
मद्रास हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद वेंकटेश ने हाल ही में अपनी अदालत में वकीलों से कहा कि वह IPC, CrPc और साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) को उनके मूल नामों से बुलाना जारी रखेंगे, भले ही उन्हें हिंदी नामों वाले नए अधिनियमों से बदल दिया गया हो।
अदालत CrPc की धारा 468 के तहत निर्धारित सीमा अवधि से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। चर्चा के दौरान कोर्ट में मौजूद वकीलों ने नये कानून के साथ CrPc में किये गये विभिन्न संशोधनों के बारे में कोर्ट को जानकारी दी।
जज ने जज पाया कि अतिरिक्त लोक अभियोजक को नए अधिनियम के हिंदी शब्दों का उच्चारण करने में कठिनाई हो रही है तो जज ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह नए अधिनियमों को उनके पुराने नाम से संदर्भित करेंगे क्योंकि वह भाषा से परिचित नहीं हैं।
जज ने कहा,
"मैं IPC को IPC ही कहूंगा, क्योंकि मैं वह भाषा नहीं जानता।"
पिछले साल अगस्त में मद्रास बार एसोसिएशन ने भी आईपीसी, साक्ष्य अधिनियम और सीआरपीसी का नाम हिंदी में बदलने पर आपत्ति जताते हुए प्रस्ताव पारित किया था। एसोसिएशन ने तत्कालीन बिलों के नामकरण को संविधान के प्रावधानों के खिलाफ बताया है और अंग्रेजी नामों को बरकरार रखने की गुहार लगाई थी।
तीन विधेयक - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता, जो क्रमशः आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलने का प्रस्ताव करते हैं, उनको 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति की सहमति से कानून बना दिया गया।