वीज़ा धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार व्यक्ति ने पुलिस अधिकारियों पर भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया: गुजरात हाईकोर्ट ने उपायुक्त से हस्तक्षेप करने की मांग की
Amir Ahmad
21 Jan 2025 8:56 AM

गुजरात हाईकोर्टने हाल ही में पुलिस उपायुक्त (DCP) को वीज़ा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया, जिसने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने उसके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया और मामले में सह-आरोपी के साथ विशेष व्यवहार किया।
याचिका में पुलिस आयुक्त, अहमदाबाद को आईपीसी की धारा 406, 420 और 114 के तहत दर्ज FIR में सह-आरोपी को 'विशेष व्यवहार' देने के लिए आनंद नगर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक के खिलाफ कानूनी/विभागीय कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि वीज़ा से संबंधित कुछ लेन-देन से संबंधित समान भूमिका होने के बावजूद सह-आरोपियों को बिना रिमांड के जमानत पर रिहा कर दिया गया। प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता को जमानत देने से पहले रिमांड पर रखा गया। इसके बाद उन्होंने न्यायालय से पुलिस आयुक्त को मामले की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
इसके बाद राज्य के वकील ने सह-आरोपियों की रिहाई के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि आरोपियों में से कैंसर रोगी था और दूसरा महिला थी, इसलिए सामान्य प्रक्रिया का पालन करते हुए रिमांड की मांग नहीं की गई। उन्होंने आगे तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने कथित अपराध में मुख्य भूमिका निभाई, इसलिए रिमांड की मांग की जानी चाहिए। इसके बाद राज्य ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को कोई 'भिन्न व्यवहार' या सह-आरोपियों को कोई 'विशेष व्यवहार' नहीं दिया गया।
तर्कों पर विचार करने के बाद जस्टिस संदीप भट्ट ने कहा,
“वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए प्रथम दृष्टया, यह न्यायालय संबंधित पुलिस प्राधिकरण द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है। इसलिए मामले के गुण-दोष में प्रवेश किए बिना अंततः, उपरोक्त विभेदकारी व्यवहार को संबंधित प्राधिकरण के प्रशासनिक कार्य के रूप में माना जा सकता है। ऐसे मामले को देखने के लिए संबंधित डीसीपी जोन-7 को वर्तमान मामले में लगाए गए आरोपों की जांच करनी चाहिए। यदि यह सही पाया जाता है तो उचित जांच करनी चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।”
उपरोक्त टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने फिर याचिका का निपटारा कर दिया।
केस टाइटल: राधिककुमार जयंतीभाई धमेलिया बनाम गुजरात राज्य और अन्य।