हाईकोर्ट की नंबर प्लेट होने से नहीं मिलेगा छूट का फायदा: रॉन्ग साइड चलने पर गुजरात हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
Amir Ahmad
23 July 2025 1:45 PM IST

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (23 जुलाई) को सड़क पर रॉन्ग साइड से वाहन चलाने की घटनाओं पर गंभीर रुख अपनाते हुए पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए कि चाहे वाहन पर हाईकोर्ट की नंबर प्लेट या स्टिकर ही क्यों न हो, नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना किसी हिचक के कार्रवाई की जाए।
चीफ जस्टिस ए.एस. सुपेहिया और जस्टिस आर.टी. वच्छानी की खंडपीठ ने 2017 की जनहित याचिका से जुड़े अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से यह टिप्पणी की। अदालत उस खबर से नाराज़ थी, जिसमें बताया गया कि हाईकोर्ट की नंबर प्लेट लगी एक गाड़ी को रॉन्ग साइड चलाते हुए देखा गया।
जब राज्य के वकील ने कहा कि संबंधित थाना प्रभारी ने हाईकोर्ट परिसर में इस तरह के मामलों में कार्रवाई को लेकर संकोच जताया था तो अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"ऐसा नहीं है कि हाईकोर्ट या किसी सीनियर सरकारी अधिकारी की गाड़ी को बख्शा जाए। हम ऐसा कल्चर नहीं चाहते। कोई संकोच नहीं, कोई ढिलाई नहीं। कोई भेदभाव नहीं, कोई विशेष सुविधा नहीं। कानून सब पर समान रूप से लागू होगा। हाईकोर्ट कानून से ऊपर नहीं है।"
जस्टिस सुपेहिया ने आगे कहा,
"अगर मेरा ड्राइवर भी ऐसा करे तो मैं खुद पुलिस को रिपोर्ट करूंगा। इससे गलत संदेश जाता है। हमारी सारी कोशिशें एक घटना से धूमिल हो जाती हैं। यह हमारी कार्यवाही पर दाग जैसा है।"
राज्य के वकील ने भी अदालत की टिप्पणी से सहमति जताई और कहा कि हाईकोर्ट की गाड़ी के पीछे एक पुलिसकर्मी भी गलत साइड चला रहा था।
न्यायालय ने यह भी कहा,
"हमें सफाई के साथ-साथ सुरक्षा में भी अव्वल रहना चाहिए। यह हमारी अगली पीढ़ी के लिए है, ताकि उन्हें नागरिक जिम्मेदारी और सुरक्षित शहर की समझ मिल सके।"
यह मामला 2017 की उस जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें अहमदाबाद नगर निगम को सड़कें दुरुस्त करने, पार्किंग की समस्या, सड़कों पर आवारा जानवरों आदि से संबंधित निर्देश मांगे गए थे। अदालत ने 2018 में इस पर विस्तृत आदेश पारित किया था और समय-समय पर निर्देश जारी किए। 2019 में दायर अवमानना याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हुआ।
केस टाइटल: Mustak Hussain Mehndi Hussain Kadri vs Jagadip Narayan Singh, IAS & Anr. AND Batch

