गुजरात हाईकोर्ट ने 448 कर्मचारियों की नौकरी बहाली की मांग खारिज की
Amir Ahmad
5 Sept 2025 12:35 PM IST

गुजरात हाईकोर्ट ने 448 कर्मचारियों की अपील खारिज की, जिसमें उन्होंने भारतीय पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IPCL) में पुनर्नियुक्ति की मांग की थी। अदालत ने कहा कि इन कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना (VRS/VSS) से अपनी अर्जी समय रहते वापस नहीं ली थी, इसलिए उन्हें बहाली का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है।
जस्टिस ए.एस. सुपेहिया और जस्टिस आर.टी. वच्छानी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि कर्मचारियों को योजना की अंतिम तिथि 20 मार्च, 2007 के बारे में पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद, उन्होंने 21 मार्च से 23 मार्च के बीच वापसी के आवेदन दिए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर उन्होंने योजना की अवधि में ही अर्जी वापस ले ली होती तो उनके पास ऐसा करने का अधिकार होता। हालांकि, योजना समाप्त हो जाने के बाद कंपनी उन आवेदनों को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं थी।
खंडपीठ ने कर्मचारियों के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने 20 मार्च की रात को मौखिक रूप से वापसी की अर्जी दी थी। अदालत ने कहा कि इस संबंध में कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया और रिकॉर्ड पर उपलब्ध सभी आवेदन 21 मार्च के बाद के हैं। इसके विपरीत 19 अन्य कर्मचारियों ने अंतिम तिथि से पहले अपने आवेदन वापस लिए, जिन्हें कंपनी ने मान्य कर लिया था।
हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि VRS/VSS जैसी योजनाएं संविदात्मक प्रकृति की होती हैं और उन पर भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 लागू होता है। ऐसे मामलों में योजना को नियोक्ता की ओर से एक “Invitation to Offer” माना जाता है। कर्मचारी द्वारा दिया गया आवेदन एक “Offer” होता है, जिसे केवल योजना की वैधता अवधि तक ही वापस लिया जा सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि में 2007 में IPCL द्वारा शुरू की गई VSS/SSS योजना है, जो 6 मार्च से 20 मार्च तक लागू रही थी। इस दौरान 2,400 कर्मचारियों ने आवेदन किए। कंपनी ने 21 मार्च को सर्कुलर जारी कर बताया कि 20 मार्च तक प्राप्त सभी आवेदन स्वीकार कर लिए गए। कर्मचारियों का आरोप था कि आदेश बाद में बनाकर बैकडेट किया गया और उनकी वापसी की कोशिशों को अनदेखा किया गया। यह विवाद पहले श्रम न्यायालय और फिर एकल पीठ तक गया, जहां कर्मचारियों की मांग खारिज हुई। अब डिवीजन बेंच ने भी अपील को निरस्त कर दिया।
अदालत ने अंततः यह निष्कर्ष निकाला कि जब योजना की समय-सीमा समाप्त हो चुकी थी। कर्मचारियों ने उसके बाद ही अर्जी वापसी का प्रयास किया तो उनकी नौकरी बहाली की कोई गुंजाइश नहीं बनती।
केस टाइटल: Punambhai Ashabhai Waghela बनाम Indian Petrochemicals Corporation Ltd. एवं अन्य

