गुजरात हाईकोर्ट का Jolly LLB 3 के टीज़र को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से सवाल, पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश पढ़ें

Amir Ahmad

13 Sept 2025 11:41 AM IST

  • गुजरात हाईकोर्ट का Jolly LLB 3 के टीज़र को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से सवाल, पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश पढ़ें

    गुजरात हाईकोर्ट ने आगामी फिल्म Jolly LLB 3 के टीज़र को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से गुरुवार (11 सितंबर) को कहा कि वह पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को पढ़ें, जिसमें इसी तरह की याचिका खारिज कर दी गई थी।

    कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद ही अपनी याचिका के संबंध में कोई निर्णय लें।

    फिल्म में अक्षय कुमार और अरशद वारसी मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म 19 सितंबर को रिलीज़ होने वाली है।

    याचिकाकर्ता स्वयं उपस्थित हुए थे। उन्होंने जस्टिस निराल आर मेहता की बेंच के सामने दलील दी कि वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्रों को चुनौती दे रहे हैं।

    उन्होंने कहा,

    "इस याचिका को दायर करने का एकमात्र मकसद इस कोर्ट की गरिमा को बचाना और बनाए रखना है, क्योंकि टीज़र में कुछ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। मैं सिर्फ टीज़र के प्रमाण पत्रों को चुनौती दे रहा हूं।"

    याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि उन्होंने CBFC को अभ्यावेदन दिया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

    इस पर कोर्ट ने CBFC के वकील से कहा कि वह मंगलवार (16 सितंबर) तक याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर निर्णय लें और कोर्ट को सूचित करें।

    मामले को जब दोपहर के भोजन के बाद उठाया गया तो CBFC के वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को प्रस्तुत किया, जिसमें इसी तरह के मुद्दे पर दायर याचिका खारिज कर दी गई थी।

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में Jolly LLB 3 के गाने 'भाई वकील है' के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह कथित तौर पर न्यायपालिका और कानूनी पेशे को बदनाम करती है।

    इस पर वर्तमान मामले के याचिकाकर्ता ने कहा,

    "मेरी याचिका टीज़र के लिए है, क्योंकि टीज़र फिल्म का ही एक हिस्सा है।"

    इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से कहा,

    "अगर आप कोई निर्णय लेना चाहते हैं तो लीजिए। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को पढ़िए, क्योंकि अब अभ्यावेदन जारी करने का निर्देश देना व्यर्थ है।"

    इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को तय की।

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