गुजरात हाईकोर्ट ने साबरमती आश्रम परिसर से ट्रस्ट के कथित अवैध संचालन के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

Amir Ahmad

9 May 2025 11:48 AM IST

  • गुजरात हाईकोर्ट ने साबरमती आश्रम परिसर से ट्रस्ट के कथित अवैध संचालन के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

    गुजरात हाईकोर्ट ने साबरमती में गांधी आश्रम के परिसर से ट्रस्ट के कथित अवैध संचालन को रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका यह देकते हुए खारिज की कि अदालत को कोई सबूत दिखाए बिना किसी आशंका पर कोई जांच नहीं की जा सकती।

    वकील द्वारा दायर जनहित याचिका में दावा किया गया कि गांधी आश्रम परिसर के भीतर मूल साबरमती हरिजन आश्रम ट्रस्ट के एक ट्रस्टी द्वारा संचालित मानव साधना ट्रस्ट के परिणामस्वरूप साबरमती हरिजन आश्रम ट्रस्ट के नाम पर दान निधि से वंचित किया गया। इसने दावा किया कि मानव साधना ट्रस्ट गांधी आश्रम आश्रम में बैठकर ऐसी गतिविधियां कर रहा है, जो अवैध, खराब और शून्य है। यह ट्रस्ट साबरमती हरिजन आश्रम ट्रस्ट के पते पर गुजरात के चैरिटी कमिश्नर के कार्यालय द्वारा रजिस्टर्ड नहीं किया जा सकता। याचिका में प्रतिवादी मानव साधना ट्रस्ट को गांधी आश्रम परिसर से संचालन बंद करने का निर्देश देने की मांग की गई।

    चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि गांधी आश्रम से परिवारों के पुनर्वास/पुनर्स्थापन की प्रक्रिया में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किया गया।

    अदालत ने कहा,

    "न्यायालय का ध्यान रिट याचिका में किए गए कथनों और उसके साथ संलग्न चार्ट की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें कहा गया कि इसमें उल्लिखित जिन व्यक्तियों को लाभ दिया गया, वे या तो अतिक्रमणकारी हैं या अनधिकृत रूप से रहने वाले हैं। दलील यह है कि इस न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के तहत पुनर्वास और पुनर्वास प्रक्रिया को जिस तरह से पूरा किया गया, उसकी जांच इस न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए। हालांकि, यह ध्यान रखना पर्याप्त है कि कथित अवैध कब्जेदारों या अतिक्रमणकारियों में से किसी को भी रिट याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया। लाभार्थियों को पक्षकार बनाए बिना रिट याचिका में किए गए कथनों की सराहना नहीं की जा सकती।”

    उन्होंने आगे कहा कि रिट याचिका में की गई प्रार्थनाएं अनिवार्य रूप से हरिजन आश्रम ट्रस्ट के परिसर में मानव साधना ट्रस्ट की कथित अवैध गतिविधियों से संबंधित हैं, जिसके लिए अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के लिए चैरिटी कमिश्नर से संपर्क करना उचित उपाय है।

    अदालत ने कहा,

    "किसी भी मामले में याचिकाकर्ता द्वारा हमारे सामने लाए गए किसी भी तथ्य के बिना उठाई गई आशंकाओं पर कोई भी जांच नहीं की जा सकती है। तदनुसार, रिट याचिका को गलत होने के कारण खारिज किया जाता है।”

    केस टाइटल: देवराजभाई तुलसीभाई पटेल बनाम गुजरात राज्य और अन्य

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