गुजरात हाईकोर्ट ने सभी जिलों में शुरू किए फॉर्मल विटनेस डिपोजिशन सेंटर, चीफ जस्टिस ने किया वर्चुअल उद्घाटन
Amir Ahmad
22 Aug 2025 12:05 PM IST

गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने गुरुवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर फॉर्मल विटनेस डिपोजिशन सेंटर (FWDCs) का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह पहल न्यायपालिका में आधुनिकीकरण और सुधार की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए चीफ जस्टिस अग्रवाल ने कहा,
"हमने न्यायिक आधुनिकीकरण और सुधार के अपने संकल्प में एक अहम मील का पत्थर हासिल किया है। यह केवल परियोजना की शुरुआत नहीं, बल्कि राज्य के हर नागरिक के लिए तेज़ और न्यायपूर्ण न्याय देने की हमारी प्रतिबद्धता को मज़बूत करने का प्रतीक है। न्यायिक संस्थाओं का समय के साथ बदलना आवश्यक है। आज उद्घाटित ये फॉर्मल विटनेस डिपोजिशन सेंटर हमारी प्रगति के प्रति उत्तरदायी सोच का ठोस उदाहरण हैं एक अधिक कुशल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित न्यायिक प्रक्रिया की दिशा में।"
उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल मुकदमों की सुनवाई की रफ्तार बढ़ाएगा बल्कि गवाहों को भी सुविधा और राहत प्रदान करेगा, जो सत्य को उजागर करने में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।
इन केंद्रों की मदद से कोई भी गवाह चाहे वह ट्रांसफर होकर कहीं और चला गया हो या रिटायर हो चुका हो। अब गुजरात के किसी भी नजदीकी जिला स्तर के FWDC से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दे सकेगा। इससे मुकदमों की लंबित सुनवाई कम होगी और गवाहों को अदालत में बार-बार आने की दिक्कत से निजात मिलेगी।
हाईकोर्ट द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया,
"भारत सरकार द्वारा जारी नए आपराधिक कानूनों के अनुरूप और इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से गुजरात हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में जिला मुख्यालयों पर फॉर्मल विटनेस डिपोजिशन सेंटर की स्थापना की। इससे पहले अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा और गांधीनगर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऐसे केंद्र स्थापित किए गए, जिनकी सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया गया है।"
इन केंद्रों के जरिए पुलिस अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ जैसे औपचारिक गवाह अब दूर-दराज से भी आसानी से गवाही दे सकेंगे। यह न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज़, प्रभावी और समयबद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

