आसाराम बापू की बलात्कार मामले में हाईकोर्ट ने अस्थायी जमानत 1 माह और बढ़ाई

Amir Ahmad

5 July 2025 12:22 PM IST

  • आसाराम बापू की बलात्कार मामले में हाईकोर्ट ने अस्थायी जमानत 1 माह और बढ़ाई

    गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार (3 जुलाई) को आसाराम बापू की अस्थायी जमानत एक महीने के लिए बढ़ा दी। आसाराम बापू 2013 के बलात्कार मामले में गांधीनगर सत्र न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए हैं और आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

    अदालत ने आसाराम बापू के वकील द्वारा दिए गए इस बयान पर ध्यान दिया कि वह आगे अस्थायी जमानत बढ़ाने की मांग नहीं करेंगे और स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य कारणों से अस्थायी जमानत के विस्तार की कोई और प्रार्थना स्वीकार नहीं की जाएगी।

    कोर्ट ने 27 जून को उनकी अस्थायी जमानत 7 जुलाई तक बढ़ाई थी। मार्च में हाईकोर्ट द्वारा दी गई उनकी अस्थायी जमानत 30 जून को समाप्त होने वाली थी।

    जस्टिस ईलेश जे. वोरा और जस्टिस पी.एम. रावल की खंडपीठ ने कहा,

    "यह विधिक सिद्धांत स्थापित है कि अस्थायी जमानत या अंतरिम जमानत केवल दुर्लभ और असाधारण परिस्थितियों में दी जानी चाहिए। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अशिम मलिक बनाम ओडिशा राज्य मामले में कहा कि बार-बार अस्थायी रिहाई पर निर्भरता आपराधिक न्याय प्रक्रिया को कमजोर करती है और प्रक्रियात्मक देरी को बढ़ावा देती है।"

    कोर्ट ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि Convict के वकील ने कहा है कि यह अस्थायी जमानत बढ़ाने की अंतिम प्रार्थना है। इसके बाद Convict कानून के अनुसार उचित उपाय करेगा। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि Convict आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करा रहा है और पिछले महीने उसे सीने में तेज दर्द के कारण आपातकाल में अस्पताल ले जाया गया था।

    कोर्ट ने कहा,

    "वर्तमान मामले की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम एक माह की अवधि के लिए अस्थायी जमानत बढ़ाने को तैयार हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वास्थ्य कारणों से आगे अस्थायी जमानत बढ़ाने की कोई प्रार्थना स्वीकार नहीं की जाएगी। रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि मुख्य आपराधिक अपील को सितंबर, 2025 के पहले सप्ताह में अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।"

    राज्य की ओर से वकील हार्दिक दवे ने तर्क दिया कि Convict की मेडिकल स्थिति स्थिर है। केवल मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में विशेषज्ञों की टीम से फॉलो-अप आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अब जमानत बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है।

    शिकायतकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट बी.बी. नायक ने कहा कि Convict इलाज के बहाने पूरे देश में यात्रा कर रहा है। ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है कि उसे अस्पताल में भर्ती होकर इलाज की जरूरत हो।

    केस टाइटल: अशुमल @ आसाराम बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य

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