सुनिश्चित करें कि मुस्लिम दुकानदार हिंदू इलाकों में दुकान खोल सकें: गुजरात हाईकोर्ट राज्य सरकार को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया
Amir Ahmad
24 Jun 2025 5:50 AM

गुजरात हाईकोर्ट ने वडोदरा के दो मुस्लिम दुकानदारों की उस शिकायत पर राज्य सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पड़ोसी लोग उन्हें उनकी खुद की व्यावसायिक संपत्ति में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं, जबकि उनके पक्ष में पहले ही न्यायिक आदेश पारित हो चुके हैं।
जस्टिस हसमुख डी. सूथार की एकल पीठ ने यह आदेश देते हुए कहा कि राज्य का कर्तव्य है कि वह कानून और व्यवस्था बनाए रखे।
मामले में याचिकाकर्ता ओनाली ढोलकावाला और इकबाल टिनवाला ने कहा कि वे विवादित संपत्ति के मालिक हैं और उसे मरम्मत कर उपयोग में लाना चाहते हैं, लेकिन बार-बार राज्य और पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,
"प्रकरण के तथ्यों और याचिकाकर्ताओं की शिकायत को देखते हुए संबंधित उत्तरदायी प्राधिकरण को निर्देशित किया जाता है कि वे कानून के अनुसार याचिकाकर्ताओं की शिकायत का निवारण करें। राज्य का यह दायित्व है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखे। यदि कोई प्रतिकूल परिणाम सामने आता है तो याचिकाकर्ता उचित मंच पर उचित कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र हैं।"
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वडोदरा महानगर सेवा सदन (VMSS) ने उन्हें संपत्ति की मरम्मत करने का निर्देश दिया था लेकिन इसके बावजूद वे जब भी अपनी संपत्ति में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं, उन्हें पड़ोसियों और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों द्वारा धमकाया और रोका जाता है।
यह संपत्ति पहले Disturbed Areas Act, 1991 के अंतर्गत आती है और जब 2017 में डिप्टी कलेक्टर ने उनके आवेदन को खारिज किया तो उन्होंने 2018 में राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव के समक्ष अपील की, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया। इसके बाद 2020 में हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और बिक्री विलेख (Sale Deed) रजिस्टर्ड कर दी गई।
इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को संपत्ति में प्रवेश नहीं करने दिया गया और जबरदस्त बाधाएं उत्पन्न की गईं। एक रिव्यू याचिका भी कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा दायर की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने फरवरी 2023 में खारिज कर दिया और 50 000 रुपये का जुर्माना लगाया।
याचिकाकर्ताओं ने पुलिस संरक्षण के लिए भी कई आवेदन दिए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने जिला कलेक्टर को अप्रैल 2024 में एक और आवेदन भेजा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए राज्य को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ताओं की शिकायत का निवारण करें।
टाइटल: Onali Ezazuddin Dholakawala & Anr. बनाम Police Commissioner & Ors.