गुवाहाटी हाइकोर्ट ने मत्स्य विभाग से फॉर्मेल्डिहाइड से संरक्षित मछली के आयात, स्टॉक या बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए की गई कार्रवाई पर हलफनामा मांगा
Amir Ahmad
22 April 2024 12:22 PM IST
गुवाहाटी हाइकोर्ट ने हाल ही में मत्स्य विभाग, असम सरकार को निर्देश जारी किए कि वह कामरूप (मेट्रो) जिले के संबंध में मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) के अनुसरण में सड़क/नदी मार्ग से फॉर्मेल्डिहाइड का उपयोग करके अन्य राज्यों से आयातित मछली के आयात/स्टॉक/बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करे। साथ ही उक्त SOP के तहत नामित नोडल एजेंसियों द्वारा किए गए परीक्षणों के परिणामों को इंगित करे।
चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ को राज्य सरकार ने बताया कि 20 जनवरी, 2024 की अधिसूचना के द्वारा असम सरकार, मत्स्य विभाग ने फॉर्मेल्डिहाइड का उपयोग करके सड़क/नदी मार्ग से आत्मनिर्भर राज्यों के अलावा अन्य राज्यों से आयातित मछलियों के आयात/भंडार/बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) प्रकाशित और कार्यान्वित की, जिससे मछली को लंबे समय तक बिक्री योग्य स्थिति में रखा जा सके।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि SOP में कई कमियां हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला, मत्स्य पालन कॉलेज, गुवाहाटी यूनिवर्सिटी, नागांव कॉलेज, डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी और वर्ष 2023 में जिला स्तर पर मत्स्य विभागीय अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षणों के संबंध में भिन्नता है।
यह भी प्रस्तुत किया गया कि हालांकि अन्य एजेंसियों ने अन्य राज्यों से आयातित मछलियों में रासायनिक फॉर्मेल्डिहाइड पाया है, मत्स्य विभाग ने अपने सर्वेक्षण में सभी सैंपल निगेटिव पाए गए।
कोर्ट ने मत्स्य विभाग को कामरूप (मेट्रो) जिले के संबंध में उसके द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण देते हुए हलफनामा प्रस्तुत करने तथा उक्त SOP के तहत नामित नोडल एजेंसियों द्वारा किए गए परीक्षणों के परिणामों को तीन सप्ताह के भीतर इंगित करने को भी कहा।
मामला 13 मई, 2024 को फिर से सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल- हसीबुर रहमान बनाम असम राज्य और 3 अन्य।