कामाख्या मंदिर कॉरिडोर: मंदिर के मूल ढांचे की सुरक्षा के लिए गुवाहाटी हाइकोर्ट में जनहित याचिका, नोटिस जारी

Amir Ahmad

4 April 2024 7:47 AM GMT

  • कामाख्या मंदिर कॉरिडोर: मंदिर के मूल ढांचे की सुरक्षा के लिए गुवाहाटी हाइकोर्ट में जनहित याचिका, नोटिस जारी

    गुवाहाटी हाइकोर्ट ने मंगलवार को जनहित याचिका पर असम सरकार को नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में मांग की गई कि प्रस्तावित 'मां कामाख्या मंदिर पहुंच कॉरिडोर' के निर्माण से कामाख्या मंदिर के मूल ढांचे को नुकसान न पहुंचाया जाए।

    याचिका में राज्य को प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के तहत पुरातत्व विभाग से पूर्व अनुमोदन और मंजूरी लिए बिना कॉरिडोर के निर्माण को आगे न बढ़ाने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

    चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ ने राज्य से दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर वकील शोभा गुप्ता ने अदालत को बताया,

    “कामाख्या मंदिर का न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना महत्व है। राज्य के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर पोस्ट डाली। इसमें चार मिनट का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें निर्माण का बड़ा स्तर दिखाया गया है, जो वहां उपलब्ध क्षेत्र का तीन गुना है। बेसमेंट का निर्माण भी किया जाना है। इसका मतलब है कि खुदाई करनी होगी। वे मुख्य कामाख्या मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों को चौड़ा करना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा कि कामाख्या मंदिर में देवताओं को मैन्युअल रूप से स्थापित नहीं किया गया। ये प्राकृतिक देवता हैं और अगर कुछ नुकसान होता है तो हम दूसरी मूर्ति स्थापित नहीं कर सकते।

    गुप्ता ने तर्क दिया,

    “हमारे पास प्राकृतिक जल स्रोत हैं और उन्हें देवता माना जाता है और उन्हें दस महाविद्या के अलग-अलग नाम दिए गए हैं। उनमें से केवल दो मूर्तियां हैं, बाकी सभी प्राकृतिक जल स्रोत हैं।”

    उन्होंने आगे कहा,

    “हम स्पर्श दर्शन करते हैं, इसलिए उपासक उस जल को छूते हैं, जिसे भगवान के पैर छूने के रूप में माना जाता है। माई लॉर्ड कोई भी क्षति, कोई भी खुदाई, किसी भी चीज का कोई भी विस्तार हम उपासकों के गंभीर चिंता में रखता है कि इससे मूल संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे।"

    मामला 22 अप्रैल को फिर से सूचीबद्ध है।

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