गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में बाल तस्करी के मामलों की सुनवाई 6 महीने के भीतर पूरी करने का आदेश दिया

Amir Ahmad

24 Jun 2025 11:25 AM IST

  • गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में बाल तस्करी के मामलों की सुनवाई 6 महीने के भीतर पूरी करने का आदेश दिया

    20 जून को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया कि असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में लंबित सभी बाल तस्करी के मामलों की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरी की जाएगी।

    यह सर्कुलर सुप्रीम कोर्ट के 15 अप्रैल के पिंकी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य (2025 लाइव लॉ (एससी) 424) के फैसले के संदर्भ में जारी किया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को बाल तस्करी से संबंधित लंबित मुकदमों की स्थिति के बारे में आवश्यक जानकारी मांगने और उसके बाद छह महीने के भीतर मुकदमे को पूरा करने और सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    हाईकोर्ट द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया,

    "भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा आपराधिक अपील संख्या 1927/2025 (पिंकी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) में पारित दिनांक 15-04-2025 के निर्णय के अनुसार, माननीय गुवाहाटी हाईकोर्ट यह निर्देश देने में प्रसन्न है कि असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में विभिन्न न्यायालयों में लंबित सभी बाल तस्करी मामलों की सुनवाई इस सर्कुलर के जारी होने की तिथि से 6 (छह) महीने की अवधि के भीतर पूरी की जाए। यह सर्कुलर तत्काल प्रभाव से लागू होगा।”

    सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और हाईकोर्ट्स द्वारा मानव तस्करी पर भारतीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान (बर्ड) द्वारा किए गए अध्ययन में दिए गए सुझावों को लागू करने का निर्देश दिया है। बर्ड की रिपोर्ट के अनुसार कानून प्रवर्तन अधिकारियों को लापता बच्चों के मामलों को अपहरण या तस्करी के रूप में मानना ​​चाहिए, जब तक कि साबित न हो जाए, जैसा कि 2013 में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार है।

    सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के सभी हाईकोर्ट को बाल तस्करी से संबंधित लंबित मुकदमों की स्थिति के संबंध में आवश्यक जानकारी मांगने का निर्देश दिया।

    प्रत्येक हाईकोर्ट मुकदमों की स्थिति के संबंध में आवश्यक डेटा एकत्र करने में सक्षम हो जाता है तो उसके बाद अपने प्रशासनिक पक्ष से सभी संबंधित ट्रायल कोर्ट को सर्कुलर जारी करके परिपत्र की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर ट्रायल पूरा करने और यदि आवश्यक हो तो दिन-प्रतिदिन के आधार पर ट्रायल आयोजित करने के लिए कहा जाएगा।

    इसके बाद प्रत्येक हाईकोर्ट सर्कुलर में निहित निर्देशों के अनुपालन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट भेजेगा।

    उक्त निर्देशों का गैर-अनुपालन या किसी भी अधिकारी की ओर से उस संबंध में किसी भी प्रकार की कोई ढिलाई को बहुत सख्ती से देखा जाएगा और यदि आवश्यक हो तो उन पर अवमानना ​​का मुकदमा चलाया जाएगा।

    सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई अक्टूबर 2025 में फिर से की जाएगी।

    गुवाहाटी हाईकोर्ट द्वारा जारी सर्कुलर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित उपर्युक्त निर्देशों के अनुसार जारी किया गया है और यह तत्काल यानि 20 जून से लागू होगा।

    Next Story