दिनदहाड़े हिंसा: रोड रेज मामले में वकील को अग्रिम जमानत से इनकार

Amir Ahmad

16 May 2025 11:23 AM IST

  • दिनदहाड़े हिंसा: रोड रेज मामले में वकील को अग्रिम जमानत से इनकार

    दिल्ली हाईकोर्ट ने रोड रेज मामले में एक वकील को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया, वकील पर एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल करने का आरोप है। कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा कि कानून की नजर में सभी समान हैं कोई भी ज्यादा बड़ा नहीं हो सकता।

    जस्टिस गिरीश कथपालिया ने कहा कि अगर आरोपी वकील को इस तरह की राहत दी जाती है तो यह वकालत जैसे महान पेशे की गरिमा को धूमिल करेगा। साथ ही यह संदेश जाएगा कि दिनदहाड़े सार्वजनिक स्थान पर हिंसा करने वाला व्यक्ति केवल इसलिए बच निकला, क्योंकि वह वकील है।

    कोर्ट ने कहा,

    “रोड रेज सिर्फ रोड रेज नहीं होता। इसके दूरगामी प्रभाव होते हैं। सिर्फ शारीरिक चोट नहीं बल्कि मानसिक आघात भी होता है। अक्सर देखा गया कि रोड रेज मानव जीवन की हानि तक पहुंच जाता है।”

    FIR वकील और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज की गई। शिकायतकर्ता सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

    FIR के अनुसार वकील और उसका भाई (जो बजरंग वाहिनी दल का अध्यक्ष है) काले एसयूवी में सवार थे। उन्होंने दोपहिया वाहन चला रहे शिकायतकर्ता को गाली दी ज़मीन पर गिराया, मुक्कों और लातों से मारा। एक अन्य कार का चालक भी बाहर निकला और पीड़ित को पीटा।

    शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि वकील और उसका भाई उसे अपने घर ले गए। वहां भी पीटा और उसके सिर पर गंभीर चोट सहित कई चोटें पहुंचाईं।

    वकील की ओर से यह दलील दी गई कि यह मामला ज्यादा से ज्यादा एक साधारण रोड रेज का है, जिसके लिए उसे जमानत से वंचित न किया जाए। खासकर जब वह एक प्रैक्टिसिंग वकील है और जांच में सहयोग कर रहा है।

    लेकिन कोर्ट ने वकील की यह दलील खारिज कर दी।

    “वर्तमान मामले में पीड़ित को कई चोटें आईं, जिनमें सिर पर लगी चोट जानलेवा भी हो सकती थी। रोड रेज कई बार गंभीर अपराधों में बदल जाता है। यहां तक कि जान जाने तक की नौबत आ जाती है।”

    कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी की वकालत के पेशे से जुड़े होने के कारण उसकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह कानून और व्यवस्था बनाए रखे।

    “एक हमलावर एक राजनीतिक संगठन का अध्यक्ष है और दूसरा एक वकील है। दोनों समाज के जिम्मेदार नागरिक हैं और उन्हें कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए था।”

    केस टाइटल: राज कुमार चौधरी बनाम राज्य

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