दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना UP Police द्वारा व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने पर हाईकोर्ट ने अंतरराज्यीय गिरफ्तारी के लिए प्रोटोकॉल के अनुपालन पर जवाब मांगा

Amir Ahmad

25 Feb 2025 5:23 AM

  • दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना UP Police द्वारा व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने पर हाईकोर्ट ने अंतरराज्यीय गिरफ्तारी के लिए प्रोटोकॉल के अनुपालन पर जवाब मांगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा कि क्या एक खंडपीठ के 2019 के फैसले के अनुसार अंतरराज्यीय गिरफ्तारी के मामले में दिल्ली पुलिस के साथ किसी प्रोटोकॉल पर सहमति बनी है।

    जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अंतरराज्यीय गिरफ्तारी के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का यूपी पुलिस द्वारा पालन किया जाए।

    न्यायालय ने संदीप कुमार बनाम राज्य मामले में खंडपीठ के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि उचित प्रोटोकॉल का पालन किए बिना अंतरराज्यीय गिरफ्तारी नहीं की जा सकती।

    खंडपीठ व्यक्ति द्वारा दायर हैबियस कॉर्पस याचिका पर विचार कर रही थी, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना कनॉट प्लेस से गिरफ्तार किया और उसे अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। याचिका उसके पेश होने की मांग करते हुए दायर की गई थी क्योंकि उसके ठिकाने का पता नहीं था।

    उसके वकील ने कहा कि संदेह यह है कि यूपी पुलिस ने उस व्यक्ति को उठाया था। उसे किसी अदालत में पेश नहीं किया। आरोप है कि उसके साथ मारपीट की गई और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया तथा उस पर MLC भी की गई।

    यूपी पुलिस के वकील ने अदालत को बताया कि व्यक्ति के खिलाफ ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर के बीटा II थाने में FIR दर्ज की गई और उसे ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उसकी जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा है।

    अदालत को यह भी बताया गया कि व्यक्ति की पुलिस रिमांड नहीं बढ़ाई गई। इसलिए उसे रिहा कर दिया गया।

    खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली निवासी व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई। यह देखते हुए कि मामले में गहराई से विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि अन्य निर्धारित प्रक्रियाओं में से किसी का भी पालन नहीं किया गया।

    अदालत ने कहा,

    "गिरफ्तारी के समय गिरफ्तारी का कोई आधार भी नहीं बताया गया। यदि निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता है तो गिरफ्तारी अपने आप में कानून के विपरीत होगी।"

    न्यायालय ने सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के लिए पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस तरह से उत्तर प्रदेश की पुलिस ने दिल्ली पुलिस को बिना किसी सूचना के व्यक्ति को उठाया और क्यों निजी वाहनों का इस्तेमाल किया गया और उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान वर्दी में नहीं थे।

    स्टेटस रिपोर्ट में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

    - याचिकाकर्ता को दिल्ली से उठाने वाले पुलिसकर्मी कौन थे?

    - उक्त उद्देश्य के लिए किस वाहन का इस्तेमाल किया गया था?

    - MLC में दिए गए निर्देशानुसार एक्स-रे कराने के बाद मेडिकल रिपोर्ट क्या निष्कर्ष निकालती है।

    अब मामले की सुनवाई 05 मई को होगी।

    टाइटल: सतिंदर सिंह भसीन बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य और अन्य।

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