'उड़ी जब जब जुल्फें' गाने का 'बिना लाइसेंस' इस्तेमाल करने पर हाईकोर्ट में मुकदमा दायर

Shahadat

6 July 2024 4:21 AM GMT

  • उड़ी जब जब जुल्फें गाने का बिना लाइसेंस इस्तेमाल करने पर हाईकोर्ट में मुकदमा दायर

    सारेगामा इंडिया लिमिटेड ने दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर इमामी लिमिटेड को अपने उत्पाद "इमामी केश किंग एंटी हेयरफॉल शैंपू" के विज्ञापन के लिए कथित तौर पर बिना लाइसेंस के "उड़ी जब जब जुल्फें" गाने का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की।

    जस्टिस मिनी पुष्करणा ने मुकदमे में समन जारी किया और मामले में अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग करने वाली सारेगामा की अर्जी पर नोटिस जारी किया। सारेगामा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट गोपाल जैन ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को सोलह साल की पूरी कॉपीराइट अवधि के लिए फिल्म 'नया दौर' के गाने "उड़ी जब जब जुल्फें" के सभी कामों का अधिकार है।

    उन्होंने कहा कि मेसर्स बीआर फिल्म्स ने सारेगामा लिमिटेड को अधिकार सौंपे हैं, जो फिल्म 'नया दौर' के मूल निर्माता हैं। सारेगामा को पिछले महीने विज्ञापन के बारे में पता चला था, उसने दलील दी कि कॉपीराइट एक्ट, 1957 की धारा 14 (ए) के अनुसार, उसे गाने के संबंध में पुनरुत्पादन या कोई ध्वनि रिकॉर्डिंग करने का विशेष अधिकार है। इस प्रकार, इमामी का कृत्य उल्लंघन के बराबर है।

    दूसरी ओर, इमामी के वकील ने अदालत को बताया कि सारेगामा के पक्ष में हुए समझौते में सारेगामा के पक्ष में केवल ध्वनि रिकॉर्डिंग अधिकार दिए गए, जो पहले ही समाप्त हो चुके हैं।

    यह प्रस्तुत किया गया कि सारेगामा के पास जो भी अधिकार हैं, वे 15 अगस्त, 1957 से शुरू होकर केवल साठ साल के लिए हैं, जब फिल्म रिलीज हुई थी। इमामी ने कहा कि सारेगामा के ध्वनि रिकॉर्डिंग अधिकार 15 अगस्त, 1957 से साठ साल की अवधि समाप्त होने के बाद पहले ही समाप्त हो चुके हैं।

    अदालत ने सारेगामा की अंतरिम निषेधाज्ञा याचिका पर चार सप्ताह के भीतर इमामी से जवाब मांगा।

    जैसा कि सारेगामा ने कहा कि वह लगभग 150 रुपये प्रति गीत शुल्क लेता है। लाइसेंस के लिए प्रति वर्ष 40-50 लाख रुपये की राशि तय करने के मामले में जस्टिस पुष्करणा ने इमामी को रजिस्ट्री में 10 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया।

    हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि यह जमा केवल अंतरिम व्यवस्था है और यदि पक्षों को सुनने के बाद अदालत का विचार है कि राशि में बदलाव किया जाना चाहिए तो अगली सुनवाई की तारीख पर उक्त पहलू पर विचार किया जाएगा।

    अब मामले की सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

    केस टाइटल: सारेगामा इंडिया लिमिटेड बनाम इमामी लिमिटेड

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