रतन टाटा जाना-माना नाम, इसे किसी तीसरे पक्ष द्वारा अनधिकृत उपयोग से सुरक्षित रखने की आवश्यकता: दिल्ली हाईकोर्ट
Amir Ahmad
10 Feb 2025 6:45 AM

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि उद्योगपति रतन टाटा का नाम एक जाना-माना निजी नाम या ट्रेडमार्क है, जिसे किसी तीसरे पक्ष द्वारा किसी भी अनधिकृत उपयोग से सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।
जस्टिस मिनी पुष्करणा ने पत्रकार डॉ. रजत श्रीवास्तव के खिलाफ दायर मुकदमे में रतन टाटा ट्रस्ट के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पुरस्कार समारोह की मेजबानी के लिए पत्रकार अनधिकृत रूप से रतन टाटा के नाम का उपयोग कर रहे थे।
मुकदमे में आरोप लगाया गया कि श्रीवास्तव रतन टाटा के नाम और फोटो का उपयोग करके महाराष्ट्र सदन में रतन टाटा नेशनल आइकॉन अवार्ड 2024 नाम से कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे थे।
यह भी आरोप लगाया गया कि पत्रकार टाटा ट्रस्ट, टाटा समूह और रतन टाटा के नाम से जुड़े होने का दावा करते हुए कार्यक्रम के लिए नामांकन शुल्क ले रहे थे।
रतन टाटा ट्रस्ट के पक्ष में मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने कहा कि रतन टाटा का नाम ऐसी श्रेणी में आता है, जिसमें व्यक्तिगत नाम होने के अलावा इसने अपना विशिष्ट चिह्न भी प्राप्त कर लिया। रतन टाटा की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने कहा कि यह धोखाधड़ी का स्पष्ट मामला है, जिसमें श्रीवास्तव ने रतन टाटा के पंजीकृत ट्रेडमार्क और उनके नाम का दुरुपयोग करके जनता को धोखा देकर उनसे इस कार्यक्रम के लिए नामांकन शुल्क का भुगतान करवाया, जिसे पीड़ित अन्यथा नहीं देते, यदि उक्त ट्रेडमार्क और प्रसिद्ध व्यक्तिगत नाम का दुरुपयोग न किया गया होता।
न्यायालय ने कहा,
"यह न्यायालय नोट करता है कि टाटा को पहले ही एक प्रसिद्ध चिह्न घोषित किया जा चुका है। इसके अलावा स्वर्गीय रतन टाटा जो वादी नंबर 2 के अध्यक्ष थे, एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। इस तरह उनका नाम संरक्षित होने योग्य है और वादी की सहमति या प्राधिकरण के बिना किसी तीसरे पक्ष द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।"
इसमें कहा गया कि प्रथम दृष्टया यह रतन टाटा की अपार साख का लाभ उठाने के लिए उनके विशिष्ट और व्यापक रूप से सम्मानित व्यक्तित्व और सार्वजनिक व्यक्तित्व से लाभ उठाने और प्रचार पाने के उद्देश्य से वादी के वैधानिक और कानूनी अधिकारों का दुर्भावनापूर्वक और गंभीर उल्लंघन था।
श्रीवास्तव की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि उनकी वेबसाइट पर आपत्तिजनक लिस्टिंग पहले ही हटा दी गई और संबंधित कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इस पर, अदालत ने श्रीवास्तव को रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क टाटा या टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा के नाम और तस्वीर का किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग करने से रोक दिया, जिसमें कोई भी पुरस्कार प्रदान करना शामिल है।
केस टाइटल: सर रतन टाटा ट्रस्ट और अन्य बनाम डॉ. रजत श्रीवास्तव और अन्य।