लक्ज़री होटलों पर अधिक प्रोपर्टी टैक्स लगाना मनमाना नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

Amir Ahmad

17 Sept 2025 12:21 PM IST

  • लक्ज़री होटलों पर अधिक प्रोपर्टी टैक्स लगाना मनमाना नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा लक्ज़री होटलों पर ज्यादा प्रोपर्टी टैक्स लगाना मनमाना या अनुचित नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का वर्गीकरण उन ग्राहकों की आर्थिक स्थिति के आधार पर किया गया, जिन्हें ये होटल आकर्षित करते हैं।

    जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने होटलों को उनकी स्टार रेटिंग के आधार पर वर्गीकृत करने को विधायी शक्ति का एक वैध प्रयोग माना।

    उन्होंने कहा,

    "यह वर्गीकरण संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत तर्कसंगतता की कसौटी पर खरा उतरता है, क्योंकि यह एक सुगम्य अंतर पर आधारित है और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य के साथ इसका तार्किक संबंध है।"

    जस्टिस कौरव होटलों के एक समूह द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे, जिन्होंने दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 116 के तहत नगर मूल्यांकन समिति (MVC) की सिफारिशों को चुनौती दी थी। इन सिफारिशों के आधार पर याचिकाकर्ता होटलों पर संपत्ति कर लगाया गया था।

    याचिकाकर्ता होटलों ने 20% की कर दर को चुनौती दी, जबकि पहले यह 10% थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह मनमाना और भेदभावपूर्ण है।

    कोर्ट ने कहा कि होटलों का स्टार रेटिंग के आधार पर वर्गीकरण संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मनमानी या भेदभाव के दोष से ग्रस्त नहीं है। कोर्ट ने कहा कि स्टार-रेटिंग प्रणाली, पर्यटन मंत्रालय द्वारा निर्धारित एक उद्देश्यपूर्ण और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त मापदंड है। यह लक्जरी होटलों को सामान्य आतिथ्य प्रतिष्ठानों से अलग करती है।

    कोर्ट ने आगे कहा कि होटलों पर अधिक कर लगाना मनमाना नहीं माना जा सकता, खासकर ऐसे प्रतिष्ठानों के ग्राहकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए। ये होटल स्वेच्छा से आतिथ्य उद्योग के प्रीमियम वर्ग में आते हैं, जो उच्च श्रेणी की सुविधाएं प्रदान करते हैं।

    अदालत ने यह भी कहा कि जिन होटलों ने स्वेच्छा से स्टार मान्यता प्राप्त की है, वे अब उसके परिणामस्वरूप आने वाले वित्तीय दायित्वों पर सवाल नहीं उठा सकते।

    कोर्ट ने यह भी माना कि नगर मूल्यांकन समिति (MVC) की सिफारिशें जैसा कि MCD द्वारा अपनाया गया, MCD Act की धारा 116ए से 116सी में निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप हैं।

    अदालत ने कहा,

    "MCD द्वारा MVC की सिफारिशों को अपनाने की प्रक्रिया इसलिए न तो मनमानी और न ही अल्ट्रा वायर्स है, बल्कि विधायी जनादेश का ईमानदारी से पालन करती है।"

    कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि लक्ज़री होटलों पर अधिक संपत्ति कर लगाना पूरी तरह से वैध है।

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